मूडीज रेटिंग को लेकर चिदंबरम ने कसा मोदी सरकार पर तंज

punjabkesari.in Saturday, Nov 18, 2017 - 05:59 PM (IST)

मुंबईः पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने मूडीज के रेटिंग बढ़ाने पर सरकार के उत्साहित होने की खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि कुछ ही महीने पहले इसी सरकार ने इस रेटिंग एजेंसी के तौर-तरीकों पर सवाल उठाए थे।  उन्होंने कहा कि कुछ ही महीने पहले सरकार ने कहा था कि मूडी के तरीके गलत हैं। शक्तिकांत दास (आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव) ने मूडीज के रेटिंग के तरीके पर सवाल उठाते हुए लंबा पत्र लिखा था। उन्होंने मूडीज के रेटिंग के तरीके को कमजोर बताते हुए सुधार करने की मांग की थी।’’ 

चिदंबरम ने कहा कि इस सरकार के लिए मूडीज के तौर तरीके 2016 तक ही खराब थे।  मूडीज द्वारा तेज वृद्धि का हवाला दिए जाने के बाबत पूछे जाने पर चिदंबरम ने कहा कि इसी एजेंसी और सरकार का चालू वित्त वर्ष का वृद्धि अनुमान 6.7 प्रतिशत है। उन्होंने कहा, ‘‘आर्थिक वृद्धि दर 2015-16 में यह आठ प्रतिशत थी। 2016-17 में यह 6.7 प्रतिशत थी और 2017-18 में यह 6.7 प्रतिशत है। यह उत्तर (उन्नति) है या दक्षिण (अवनति), आप ही तय करें।’’  उनके अनुसार, किसी भी अर्थव्यवस्था की स्थिति के लिए तीन कारक महत्वपूर्ण हैं- समग्र तय पूंजी निर्माण, ऋण वृद्धि और रोजगार। उन्होंने कहा, ‘‘ये तीनों ही सूचकांक लाल रेखा में हैं।’’

उन्होंने आंकड़े देते हुए कहा कि समग्र तय पूंजी निर्माण अपने सर्वोच्च स्तर से सात-आठ अंक नीचे है और निकट भविष्य में इसमें सुधार के भी चिह्न नहीं हैं। निजी निवेश पिछले सात साल के निचले स्तर पर है। कई परियोजनाएं रुकी हुई हैं और वे दिवाला एवं शोधन संहिता के विकल्प का चयन कर रही हैं। इन सब से रोजगार के अवसर कम होने वाले हैं।  उन्होंने कहा कि ऋण वृद्धि पिछले दो दशक के निचले स्तर पर है।  
 


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