इंफोसिस के पूर्व CFO ने की निलेकणि की सराहना

punjabkesari.in Saturday, Jan 06, 2018 - 03:52 PM (IST)

नई दिल्लीः सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी इंफोसिस के पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी (सी.एफ.ओ.) वी. बालाकृष्णन ने नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सी.ई.ओ.) के लिए तार्किक वेतन तय कर पिछले निदेशक मंडल की गलतियां ठीक करने के लिए कंपनी के सह-संस्थापक नंदन निलेकणि की आज सराहना की। बालाकृष्णन ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि नंदन के नेतृत्व में निदेशक मंडल ने पिछली गलतियां ठीक की हैं। मौजूदा सी.ई.ओ. सलिल पारेख का वेतनमान तार्किक दिख रहा है क्योंकि इसमें बड़ा हिस्सा परिवर्तनशील वेतन का है और यह लंबे समय तक पद पर बने रहने पर केंद्रित है।’’

बालाकृष्णन ने कहा कि निदेशक मंडल के लिए शीर्ष प्रबंधन के परिवर्तनशील वेतन को प्रदर्शन के पैमानों से स्पष्ट तौर पर जोड़ना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘‘पैमाने बेहतर वृद्धि हासिल कर शेयरधारकों के बढ़ते मूल्य पर केंद्रित होने चाहिए। यदि निदेशक मंडल कुछ बदलाव करना चाहता है तो उसे यह पर्याप्त तर्कों के साथ शेयरधारकों के सामने स्पष्ट करना चाहिए।’’ उन्होंने पिछले निदेशक मंडल द्वारा की गई गलतियों को स्पष्ट करते हुए कहा, ‘‘ इंफोसिस के संस्थापकों द्वारा अपनाये गए मूल्यों व कार्य संस्कृति को (पिछले निदेशक मंडल द्वारा ) समझा नहीं गया जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उसका परिणाम वरिष्ठ प्रबंधन के भारी-भरकम वेतनमान और बाकी के संगठन से कटाव के रूप में सामने आया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व सी.ई.ओ. विशाल सिक्का के वेतन में बिना स्पष्ट कारण के भारी वृद्धि कर दी गई थी जबकि बाकी लोगों के वेतन में मामूली वृद्धि हुई थी।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि वर्ष 2020 तक 20 अरब डॉलर के लक्ष्य को सी.ई.ओ. के वेतनवृद्धि को उचित साबित करने के लिए इस्तेमाल किया गया। बालाकृष्णन ने नारायणमूर्ति के विचारों का जिक्र करते हुए कहा कि पूंजीवाद की अति समाज के बड़े हिस्से में इसकी स्वीकार्यता मुश्किल कर देगा। उन्होंने कहा, ‘‘सी.ई.ओ. का वेतन इस तरह तार्किक रहना चाहिए कि वह शीर्ष प्रतिभाओं को आर्किषत भी करे और अन्य कंपनियों के समतुल्य भी रहे। इसमें कंपनी की अंदरूनी स्थिति भी परिलाक्षित होनी चाहिए वर्ना इसका संगठन के भीतर भी स्वीकारा जाना मुश्किल होगा।’’     


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News