अमीर क्यों छोड़ रहे हैं देश, पता लगाने के लिए CBDT ने बनाई समिति

punjabkesari.in Saturday, Apr 07, 2018 - 05:10 AM (IST)

नई दिल्ली: सैंट्रल बोर्ड ऑफ डायरैक्ट टैक्सेज (सी.बी.डी.टी.) ने एक समिति बनाई है, जो यह पता लगाएगी कि टैक्स संबंधी किन मसलों की वजह से अमीर लोग देश छोड़कर दूसरे देशों में जाकर बस रहे हैं। वह इस तरह के माइग्रेशन पर देश का रुख भी तय करेगी। 

सी.बी.डी.टी. द्वारा बनाई गई 5 सदस्यीय समिति को ज्वाइंट सैक्रेटरी लेवल के अधिकारी हैंडल करेंगे। इस समिति में उनके अलावा 4 रैवेन्यू ऑफिसर्स होंगे। सूत्रों ने बताया कि समिति हाई नैटवर्थ इंडीविजुअल्स (एच.एन.आई.) संबंधी टैक्स मसलों पर विचार करेगी। सी.बी.डी.टी. ने समिति बनाते हुए कहा कि हाल में ऐसा देखा गया है कि अमीर लोग अपने देश को छोड़कर दूसरे देशों में बस रहे हैं। उसने माना कि इस तरह के माइग्रेशन से बड़ा टैक्स संबंधी रिस्क पैदा हो सकता है। 

अमीर लोगों के भारत छोड़कर जाने के मामले में समिति टैक्स संबंधी कई पहलुओं पर ध्यान देगी और वह इस तरह के माइग्रेशन को देखते हुए पॉलिसी बनाने की खातिर सुझाव भी दे सकती है। समिति इस पर काम करते वक्त डायमंड ट्रेड से जुड़े नीरव मोदी, उनके मामा और गीतांजलि जेम्स के प्रमोटर मेहुल चौकसी के देश से भागने संबंधी बातों का भी ध्यान रखेगी। इससे पहले किंगफिशर एयरलाइन के दिवालिया होने के बाद बैंकों का पैसा लौटाने से बचने के लिए शराब कारोबारी विजय माल्या देश से भाग गए थे। 

डिजीटल बदलाव के लिए तैयार नहीं भारतीय कारोबारी
एशिया प्रशांत क्षेत्र के प्रमुख देशों की कंपनियों का नेतृत्व अभी डिजीटल व्यवस्था के लिए तैयार नहीं है और भारत में कंपनियों के अधिकारियों को कंपनियों में स्वस्थ बदलाव लाने के लिए अपनी सोच बदलने की जरूरत है। एक सर्वेक्षण में यह बात कही गई है। कॉर्न फेरी के सर्वेक्षण के अनुसार भारत में कंपनी जगत के शीर्ष लोग डिजीटल बदलावों के लिए अपने को ढाल पाने में संघर्ष कर रहे हैं। कोर्न फेरी के सीनियर क्लाइंट पार्टनर और प्रबंध निदेशक (डिजीटल प्रैक्टिस, एशिया-प्रशांत) अवधेश मित्तल ने कहा, ‘‘डिजीटल बदलाव अप्रत्याशित स्तर पर सांस्कृतिक बदलाव है। यह महज डिजीटल विपणन प्रबंधक को बहाल कर लेना या ई-कॉमर्स चैनल शुरू कर देना भर नहीं है।’’


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