सावधान, फुल न करवाएं गाड़ी की टैंकी

punjabkesari.in Saturday, Apr 01, 2017 - 10:05 AM (IST)

जालंधर: वाहन में तेल-पानी अप-टू-डेट रखना अच्छी आदत है लेकिन अगर आपको टैंक फुल करवाने का शौक है तो इस आदत को आज ही बदल लीजिए। दरअसल, ऐसा करके आप अपनी जान को जोखिम को डाल रहे हैं। हम आपको बता दें कि यदि आपके वाहन का टैंक फुल है तो तापमान बढऩे या दुर्घटना होने पर उसमें आग लगने का खतरा बना रहता है। ऐसे में जरूरी है कि अगली बार जब भी आप गाड़ी में डीजल या पैट्रोल भरवा रहे हों तो सेल्समैन को यह मत कहें कि गाड़ी का टैंक फुल कर दे।

गर्मियों में बढ़ जाता है खतरा
गर्मियों के दिनों में जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है, आग लगने के जोखिम भी बढ़ जाते हैं। जब हम टैंक को फुल करवा लेते हैं तो उसमें गैस तेजी से बनने लगती है और इस गैस को जब स्थान नहीं मिलता तो यह विस्फोटक स्थितियां भी पैदा कर सकती है या यूं कहें कि विस्फोट भी हो सकता है।

यहां करें शिकायत
दरअसल, वाहनों की टंकियों और तेल डालने वाली मशीन के नोजिल को इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि जब टंकी 90 पर्सैंट फुल हो जाती है तो नोजिल खुद ही डीजल/पैट्रोल देना बंद कर देता है। पैट्रोल पम्पों पर काम करने वाले सेल्समैन इस व्यवस्था का पालन नहीं करते और वह कई बार वाहन मालिक के कहने या फिर खुले पैसों न होने के चलते नोजिल को बाहर खीचकर या गाड़ी को हिला-डुलाकर टंकी को ऊपर तक फुल कर देते हैं। यही स्थिति खतरनाक हो जाती है। यदि आप किसी वाहन में सेल्समैन को टंकी फुल करते हुए देखें तो इसकी शिकायत आप क्षेत्रीय अधिकारी को कर सकते हैं या फिर हर पैट्रोल पम्प पर मौजूद शिकायत पुस्तिका में लिख सकते हैं।

क्या कहते हैं अधिकारी
एक समाचार पत्र में छपी खबर के अनुसार क्षेत्रीय अधिकारी आई.ओ.सी. (सहारनपुर) मयंक गुप्ता का कहना है कि इस संबंध में सभी डीलर्स को समय-समय पर जानकारी दी जाती है कि वह किसी भी वाहन की टैंकी को फुल न करें। वैसे भी वाहनों की टैंकी किसी भी मौसम में फुल रखना उचित नहीं होता है। गर्मियों में यह अधिक जोखिम भरा हो जाता है। वहीं जब ‘पंजाब केसरी’ ने इस संबंध में तेल कम्पनी आई.ओ.सी. के जालंधर आफिस के एक उच्चधिकारी व अमृतसर आफिस के अधिकारी के साथ फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि गाड़ी की टैंकी फुल करवाने से किसी प्रकार के विस्फोट होने की आशंका नहीं है। दूसरी तरफ बी.पी.सी.एल. नोएडा ऑफिस में बात कि गई तो उन्होंने चंडीगढ़ आफिस का नंबर दे दिया जहां एक अधिकारी से फोन पर बात करने की कोशिश की गई तो वह हैलो-हैलो कर फोन काटते रहे। 


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