Cairn ने 6 माह में बनाईं 9 सहायक कंपनियां

punjabkesari.in Monday, Jun 26, 2017 - 11:03 AM (IST)

नई दिल्ली: पूर्व तिथि से टैक्स वसूली का सामना कर रही ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी ने भारतीय संपत्ति के स्थानांतरण के लिए केवल 6 माह में हैरान करने वाली संख्या में सहायक कंपनियां बना दीं। इसके कारण कंपनी से कर के रूप में 10,247 करोड़ रुपए बकाए कर की मांग की जा रही है। दस्तावेज के अनुसार स्कॉटलैंड की केयर्न एनर्जी के पास 9 भारतीय अनुषंगी के जरिए 2006 तक भारतीय संपत्ति थी। इसमें राजस्थान का तेल फील्ड शामिल था। उसके बाद कई स्तरों पर अनुषंगी (सहायक) कंपनियां गठित की गई हैं और भारतीय सम्पत्ति का स्थानांतरण किया गया है। कर विभाग ने कहा कि कम्पनी ने पुनर्गठन के जरिए पूंजी लाभ कमाया जिस कारण कर मांग बनती है।
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ट्रिब्यूनल में भी गया मामला 
टैक्स देनदारी का यह मामला इन्कम टैक्स ट्रिब्यूनल में भी गया। ट्रिब्यूनल ने 9 मार्च को 10,247 करोड़ रुपए के रेट्रोस्पैक्टिव (पिछली तारीख से) टैक्स को सही ठहराया था लेकिन पिछली तारीख से ब्याज को खारिज कर दिया था। इन्कम टैक्स डिपार्टमैंट का कहना था कि ट्रिब्यूनल ने ब्याज पर रोक लगाई है, पैनल्टी पर नहीं इसलिए पैनल्टी का नया नोटिस दिया गया है।

केयर्न एनर्जी के प्रवक्ता ने पुनर्गठन को ठहराया युक्तिसंगत
केयर्न एनर्जी के प्रवक्ता ने पुनर्गठन को युक्तिसंगत ठहराते हुए कहा कि कंपनी के पास ब्रिटेन के शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने का विकल्प था लेकिन उसने भारत में सूचीबद्ध होने का विकल्प चुना। उसने कहा कि पूरे ढांचे के बारे में सेबी, पूर्व विदेश निवेश संवद्र्धन बोर्ड (एफ.आई.पी.बी.) तथा रिजर्व बैंक को 2006 में ‘पारदर्शी तरीके’ से सूचना दी गई। केयर्न ने सबसे पहले 26 जून, 2006 को केयर्न यू.के. होल्डिंग लि. (सी.यू.एच.एल.) का गठन किया और भारतीय संपत्ति स्थानांतरित की। इसके बदले में उसे 30 जून, 2006 को सी.यू.एच.एल. के 22.14 करोड़ डालर मूल्य के शेयर हस्तांतरित किए गए। उसे 1 सितम्बर, 2006 को 2.98 करोड़ पौंड कर्ज की बिक्री के लिए 2.98 करोड़ और शेयर मिले।


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