Smartphone become Expensive in 2026: स्मार्टफोन खरीदना होगा महंगा, चिप की भारी किल्लत से 40% तक बढ़ सकते हैं दाम
punjabkesari.in Wednesday, Dec 24, 2025 - 03:43 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः नए साल में भारत का स्मार्टफोन बाजार दोहरे दबाव में आ सकता है। एक तरफ वैश्विक स्तर पर मेमरी चिप की भारी किल्लत बनी हुई है, वहीं दूसरी ओर बढ़ती लागत के चलते कंपनियों को फोन की कीमतें बढ़ानी पड़ सकती हैं। काउंटरपॉइंट रिसर्च के मुताबिक, जून 2026 की तिमाही तक मेमरी चिप की कीमतों में 40 फीसदी तक उछाल आ सकता है, जिससे स्मार्टफोन की कुल लागत 8 से 15 फीसदी तक बढ़ने की आशंका है।
ग्राहकों पर बढ़ेगा बोझ
इस बढ़ी हुई लागत का पूरा या आंशिक बोझ ग्राहकों पर डाला जा सकता है, जिससे स्मार्टफोन की मांग पर असर पड़ना तय माना जा रहा है। काउंटरपॉइंट रिसर्च के निदेशक तरुण पाठक ने कहा कि संशोधित अनुमानों के अनुसार 2026 में बाजार की गिरावट काफी गंभीर हो सकती है।
उनके मुताबिक, 10,000 रुपए तक की कीमत वाले एंट्री-लेवल स्मार्टफोन सेगमेंट में शिपमेंट वॉल्यूम 15 फीसदी से ज्यादा घट सकता है। यह सेगमेंट कुल स्मार्टफोन शिपमेंट में करीब 18 फीसदी की हिस्सेदारी रखता है। वहीं, सभी श्रेणियों को मिलाकर कुल शिपमेंट में औसतन 3 से 5 फीसदी की गिरावट का अनुमान है।
स्मार्टफोन शिपमेंट 15.3 करोड़ यूनिट रहने का अनुमान
स्मार्टफोन की कुल लागत में मेमरी चिप की हिस्सेदारी 12 से 16 फीसदी होती है। ऐसे में मेमरी की कीमत बढ़ने का सबसे ज्यादा असर सस्ते फोन पर पड़ेगा, जबकि मिड और प्रीमियम सेगमेंट पर इसका प्रभाव अपेक्षाकृत कम रहेगा। यह स्थिति इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि पिछले दो साल से स्मार्टफोन शिपमेंट लगभग स्थिर बना हुआ है। साल 2025 में शिपमेंट 15.3 करोड़ यूनिट रहने का अनुमान है, जो 2024 के लगभग बराबर है।
हालांकि मूल्य के लिहाज से बाजार 2025 में करीब 9 फीसदी की वृद्धि के साथ बंद हो सकता है, क्योंकि उपभोक्ताओं का झुकाव प्रीमियम स्मार्टफोन की ओर बढ़ रहा है लेकिन तरुण पाठक का कहना है कि 2026 में 5 से 9 फीसदी तक की मूल्य वृद्धि प्रीमियमाइजेशन के बजाय बढ़ती उत्पादन लागत के कारण होगी।
स्मार्टफोन इंडस्ट्री के लिए 2026 एक चुनौतीपूर्ण साल
मोबाइल कंपनियां भी इस चुनौती को स्वीकार कर रही हैं। श्याओमी इंडिया के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर सुधीन माथुर ने कहा कि मेमरी की बढ़ती कीमतों के चलते मूल्य वृद्धि करना अपरिहार्य हो गया है और कई कंपनियां पहले ही ऐसा कर चुकी हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ईएमआई विकल्प के कारण उपभोक्ताओं पर इसका असर कुछ हद तक सीमित रह सकता है।
वहीं, बड़े ब्रांड्स को सप्लाई करने वाली एक प्रमुख ईएमएस कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एआई डेटा सेंटर्स द्वारा मेमरी क्षमता के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल के चलते यह कमी पूरे 2026 तक बनी रह सकती है। लावा इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी माना कि मेमरी संकट के कारण खासकर एंट्री-लेवल फोन महंगे होंगे और 2026 स्मार्टफोन इंडस्ट्री के लिए एक चुनौतीपूर्ण साल साबित हो सकता है।
