व्यापार सुधार नीतिः पंजाब हिमाचल व हरियाणा से भी 18 पायदान पीछे

Wednesday, Nov 08, 2017 - 10:50 AM (IST)

लुधियानाः पंजाब का व्यापार तंत्र दिन-ब-दिन नीचे गिरता जा रहा है। व्यापार सुधार के लिए मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री विभाग के डिपार्टमैंट ऑफ इंडस्ट्रीयल प्रमोशन एंड पॉलिसी (डिप) ने पंजाब को व्यापार सुधार नीति में 20वां स्थान दिया है। जबकि छोटे स्तर पर कारोबार करने वाला पड़ोसी राज्य हिमाचल भी व्यापार सुधार की नीति को अपनाकर 10वें पायदान पर पहुंच गया है।

सबसे ज्यादा तरक्की हरियाणा ने दूसरे नंबर पर पहुंचकर की है। हालांकि पंजाब को सबसे बेहतर कारोबार करने के लिए माना जाता रहा है। लेकिन पिछले कुछ सालों से पंजाब व्यापार सुधार में नीचे की ओर खिसकता जा रहा है। डिप यह सर्वे हर साल करता है। इसने सभी राज्यों को व्यापार सुधार के लिए 372 मापदंड दे रखे हैं। जिसमें से तेलंगना ने 226 मापदंड पूरे करके पहला स्थान प्राप्त किया है। डिप ने इन मापदंडों को पूरा करने के लिए 7 नवम्बर 2017 आखिरी तारीख रखी थी। इसके बावजूद पंजाब सिर्फ एक पायदान ही नीचे खिसककर 20वें स्थान पर आया है। यानी पंजाब ने 372 में से केवल 45 मापदंड ही पूरे किए हैं। जबकि हरियाणा ने 200 और हिमाचल ने 132 व्यापार सुधार के बिंदुओं पर काम करके कारोबार को आगे ले जाने की कोशिश की है। हरियाणा ने 2016 में छठी पोजीशन हासिल की थी, जो इस साल सीधा दूसरे स्थान पर आ गया है। शायद इन्हीं हालातों के कारण पंजाब में विस्तार के लिए होने वाला निवेश दूसरे राज्यों में जा रहा है।

पीछे रहने के लिए जिम्मेदार कौन
डिप की वैबसाइट पर डाटा लोड करने की जिम्मेदारी इंडस्ट्री विभाग की होती है। इस संबंध में जब डायरैक्टर इंडस्ट्री डी.पी.एस. खरबंदा से पूछा गया तो उन्होंने हरियाणा से आगे निकलने की बात कह डाली। कहा कि जितने भी व्यापार सुधार के लिए रिफाम्र्स दिए गए हैं उन सभी को जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। अभी तक बेसिक रिफाम्र्स ही पूरे नहीं हुए तो बाकी कैसे होंगे उसका जवाब वह नहीं दे पाए।

इन मानकों को लागू नहीं कर पाया पंजाब
-लेबर संबंध रिफाम्र्स को ऑनलाइन लागू करने में असफल रहा।
-कारोबारियों को ऑनलाइन जानकारी देने में नाकाम रहा।
-ऑनलाइन एप्लीकेशन ट्रैकिंग और मॉनीटरिंग को भी लागू नहीं कर पाया।
-थर्ड पार्टी इंस्पैक्शन में भी पंजाब सबसे पीछे है।
-पर्यावरण जैसे विषयों पर सैल्फ सर्टीफिकेशन को लागू नहीं कर पाया। 
-उद्योग निर्माण संबंधी नियमों को सरल नहीं बना पाया।
-सिंगल विंडो सिस्टम सही तरीके से लागू नहीं हो पाया। आज भी कारोबारियों को विभिन्न विभागों से जाकर एन.ओ.सी. लेनी पड़ रही है। 
-बिजली के नए कनैक्शन देने संबंधी ऑनलाइन सुविधा को शुरू नहीं कर पाया।
-वैट रिफंड समय पर देने में सबसे पीछे रहा है पंजाब। 
-नए कारोबार को शुरू करने के लिए किन-किन विभाग से सम्पर्क करना या उसके लिए किन शर्तों को पूरा करना है उसे ऑनलाइन नहीं कर पाया।
 

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