बजट 2017 से किसानों को उम्मीदें

punjabkesari.in Tuesday, Jan 24, 2017 - 01:42 PM (IST)

नई दिल्लीः बजट में किसानों के लिए क्या होगा। किसानों को लेकर सरकार क्या सोच रही है? सरकार सोचती है कि किसान बेहतर कर रहे हैं। वे और ज्यादा बेहतर कर के दिखाएं इसके लिए उन्हें खूब सारी मदद दी जा रही है। मिसाल के लिए याद करें 31 दिसंबर की रात को दिया गया प्रधानमंत्री का भाषण।

नोटबंदी के आलोचक कह रहे थे कि लगातार 2 साल सूखे की मार झेलने के बाद इस साल बदले मौसम में किसानों को बेहतर फसल की उम्मीद थी लेकिन नोटबंदी के फैसले ने सब चौपट कर दिया। फैसला खरीफ फसल की कटाई और रबी फसल की बुआई के वक्त में हुआ। एक तरफ किसान के लिए उपज बेचना मुश्किल हुआ तो दूसरी तरफ नई फसल के लिए सामान जुटाना भी। किसान ना जरूरत भर खाद बीज खरीद सका न ही उम्मीद भर रबी फसलों की बुआई हो पाई।

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में किसानों के फायदे के लिए घोषणाओं की झड़ी लगा दी। लोगों ने प्रधानमंत्री को कहते सुना कि डिस्ट्रिक्ट कॉपरेटिव सेंट्रल बैंक और प्राइमेरी सोसायटी के कर्जदार किसानों के 60 दिन का ब्याज सरकार चुकाएगी। ऐसे इंतजाम किए गए हैं कि किसानों को खूब कर्ज मिले और सस्ते में मिले। इसके लिए नाबार्ड को दी जाने वाली रकम दोगुनी कर दी गई है। प्रधानमंत्री ने वादा किया कि अगले 3 महीने में 3 करोड़ किसान क्रैडिट कार्डों को RUPAY कार्ड में बदला जाएगा जिससे किसान को आसानी होगी। क्रैडिट से पैसे निकालने के लिए उसे बैंक जाना पड़ता था लेकिन RUPAY कार्ड के सहारे वह कहीं पर भी अपने कार्ड से खरीद-बिक्री कर पाएगा।

खाद-बीज की खपत ज्यादा, रबी फसल की बुआई का रकबा ज्यादा, सस्ते दर पर कर्ज और कर्ज की रकम ज्यादा, फिर RUPAY कार्ड के दम पर खरीद-बिक्री में आसानी ज्यादा- प्रधानमंत्री का भाषण मुख्य रूप से 'किसानों' से ज्यादा का वादा कर रहा था।


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