RBI का बड़ा फैसला, नहीं होगा इंडियाबुल्स हाउसिंग और लक्ष्मी विलास बैंक का विलय

punjabkesari.in Thursday, Oct 10, 2019 - 10:01 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के प्रतिबंधों को झेल रहे प्राइवेट सेक्‍टर के लक्ष्मी विलास बैंक को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, आरबीआई ने इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस के लक्ष्मी विलास बैंक में विलय के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
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रिजर्व बैंक ने खारिज किया प्रस्ताव
बैंक ने शेयर बाजार को बुधवार को दी गई सूचना में कहा, ‘‘आरबीआई ने 9 अक्टूबर 2019 को अपने पत्र के जरिए यह सूचित किया कि इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड और इंडियाबुल्स कमर्शियल क्रेडिट लिमिटेड के लक्ष्मी विकास बैंक (एलवीबी) के साथ विलय के आवेदन को मंजूरी नहीं दी जा सकती।'' बैंक ने सात मई, 2019 को प्रस्तावित विलय के बारे में रिजर्व बैंक से मंजूरी मांगी थी।
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बैंक पर लगाई पाबंधी
अधिक मात्रा में फंसे कर्ज, जोखिम प्रबंधन के लिए पर्याप्त पूंजी की कमी तथा लगतार दो साल संपत्तियों पर नकारात्मक रिटर्न को देखते हुए पिछले महीने इस बैंक को तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) के अंतर्गत रखा गया है और इस पर ऋण देने की पाबंदी लगा दी गई है। पीसीए फ्रेमवर्क में डाले जाने का मतलब यह हुआ कि लक्ष्‍मी विलास बैंक न तो नए कर्ज दे सकता है और न ही नई ब्रांच खोल सकता है।

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दिल्ली पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
देश के प्रमुख निजी बैंकों में शुमार लक्ष्मी विलास बैंक के निदेशकों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने 790 करोड़ रुपए का गबन करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था। यह मुकदमा पुलिस ने वित्तीय सेवा कंपनी रेलिगेयर फिनवेस्ट की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए किया है। शिकायत में रेलिगेयर ने कहा कि उसने 790 करोड़ रुपए की एक एफडी बैंक में की थी, जिसमें से हेरा-फेरी की गई है। पुलिस ने कहा कि शुरुआती जांच में ऐसा लग रहा है कि पैसों में हेराफेरी पूरी योजना बद्ध तरीके से की गई है। फिलहाल पुलिस ने बैंक के निदेशकों के खिलाफ धोखाधड़ी, विश्वासघात, हेराफेरी व साजिश का मुकदमा दर्ज किया है। 


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