SBI ने RCOM के लोन को बताया फ्रॉड, अनिल अंबानी का नाम RBI को भेजने की तैयारी
punjabkesari.in Wednesday, Jul 02, 2025 - 12:25 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः दूरसंचार कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (RCOM) की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने RCOM के लोन खाते को धोखाधड़ी (Fraud) करार दिया है। साथ ही बैंक ने कंपनी के पूर्व निदेशक अनिल अंबानी का नाम भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को रिपोर्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
यह जानकारी रिलायंस कम्युनिकेशंस ने 1 जुलाई को एक नियामकीय फाइलिंग के जरिए दी। रिपोर्ट के अनुसार, 23 जून 2025 को भेजे गए एक पत्र में SBI ने कहा कि उसकी "फ्रॉड आइडेंटिफिकेशन कमेटी" ने आरकॉम के खाते को फ्रॉड घोषित करने का निर्णय लिया है।
SBI ने यह फैसला रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड और अन्य समूह कंपनियों के जरिए संभावित फंड डायवर्जन और लोन शर्तों के उल्लंघन के आधार पर लिया है।
दिवालिया प्रक्रिया से पहले के हैं आरोप
SBI की यह कार्रवाई RCOM की कॉर्पोरेट इनसॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रोसेस (CIRP) शुरू होने से पहले के कर्ज से जुड़ी है। यह प्रक्रिया जून 2019 में शुरू हुई थी, जिसके बाद से कंपनी का संचालन रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल अनीश निरंजन ननावटी की निगरानी में हो रहा है।
वर्तमान में इस मामले की सुनवाई NCLT मुंबई बेंच में चल रही है, जहां समाधान योजना (Resolution Plan) विचाराधीन है।
IBC के तहत मिली हुई है कानूनी सुरक्षा: RCOM
RCOM ने कहा है कि वह 2019 से CIRP के अंतर्गत है और लेनदारों की मंजूरी से प्रस्तावित समाधान योजना को NCLT के अंतिम फैसले का इंतजार है। कंपनी का कहना है कि SBI की रिपोर्ट में जिन लोन सुविधाओं का जिक्र है, वे CIRP शुरू होने से पहले की हैं।
IBC की धारा 32A के तहत, यदि समाधान योजना को मंजूरी मिल जाती है, तो कंपनी को CIRP से पहले किए गए कथित अपराधों के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
RCOM ने यह भी स्पष्ट किया है कि CIRP के दौरान कंपनी के खिलाफ किसी भी नए मुकदमे या कानूनी कार्रवाई की इजाजत नहीं है। कंपनी फिलहाल इस मामले में कानूनी सलाह ले रही है ताकि आगे की रणनीति तय की जा सके।