Minimum Balance के नाम पर बैंकों ने वसूले करोड़ों रुपए, PNB ने तोड़ा रिकॉर्ड

punjabkesari.in Wednesday, Aug 14, 2024 - 03:00 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः बैंक में खाता खोलना और पैसे जमा कराना आम बात है लेकिन बैंकों द्वारा मिनिमम बैलेंस (Minimum Balance) की शर्त को पूरा न करने पर जुर्माना वसूलना अब आम प्रथा बन गई है। बैंकों ने इस तरह की वसूली से करोड़ों रुपए कमा लिए हैं। खासकर जब आप अपना पैसा निकाल लेते हैं और मिनिमम बैलेंस की शर्त को पूरा नहीं कर पाते, तो बैंक 300 से 600 रुपए तक का जुर्माना लगा देते हैं। 

हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों ने पिछले 5 सालों में केवल मिनिमम बैलेंस न रखने के चलते अपने ग्राहकों से करोड़ों रुपए की वसूली की है। सरकारी बैंक PNB ने इस मामले में 1,538 करोड़ रुपए की वसूली करके एक रिकॉर्ड बनाया है। वहीं, देश के सबसे बड़े बैंक SBI ने कुछ साल पहले निगेटिव पब्लिसिटी के चलते इस तरह के चार्जेस वसूलना बंद कर दिया था।

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PNB ने वसूले 1538 करोड़ रुपए

देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक पीएनबी की बात की जाए, तो उसने बीते 5 सालों में No Minimum Balance के नाम पर ग्राहकों से 1,538 करोड़ रुपए की वसूली की है जबकि इंडियन बैंक ने 1,466 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने 1,251 करोड़ रुपए और केनरा बैंक ने 1,158 करोड़ रुपए की वसूली की है।

क्या होता है मिनिमम बैलेंस?

देश के अधिकतर बैंक अपने ग्राहकों से खाते में एक निश्चित राशि रखने की उम्मीद रखते हैं। इसी को मिनिमम बैलेंस रिक्वायरमेंट कहा जाता है। ऐसा नहीं होने पर बैंक लोगों से पेनल्टी की वसूली करते हैं। हालांकि बैंक खाते में आपको हमेशा मिनिमम बैलेंस नहीं रखना होता है, बल्कि आपको पूरे महीने में औसतन एक मिनिमम बैलेंस रखना होता है। इसे एवरेज मंथली मिनिमम बैलेंस कहा जाता है। कई बैंक इसे अपने ग्राहकों से तिमाही आधार पर भी मेंटेन रखने की उम्मीद रखते हैं।

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बैंक वसूलते हैं आपसे ये चार्जेस भी

सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर सरकारी बैंकों में जहां आपको 100 रुपए से लेकर 300 रुपए तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। करेंट अकाउंट में मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर ये चार्जेस 400 से 600 रुपए तक हो सकते हैं।

इसके अलावा बैंक आप से लोन और अकाउंट ओपनिंग के वक्त डॉक्यूमेंटेशन चार्ज की वसूली करते हैं।
अगर आप बैंक से अपने स्टेटमेंट की नकल या कोई कॉपी मांगते हो, तब भी आपको शुल्क देना होता है।
अगर आप किसी तरह के पेमेंट में डिफॉल्ट करते हो तब आपको बैंक को जुर्माना देना होता है।
अगर आप अपनी ओवरड्राफ्ट लिमिट से अधिक पैसा निकालते हैं, तब भी आपको बैंक को चार्ज देना होता है।
लोन के मामलों में बैलेंस शीट सबमिट नहीं करने से लेकर पेपर्स के रिन्यूअल नहीं कराने तक आपको बैंक को चार्जेस देने होते हैं।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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