कालेधन के खुलासे की योजना में जेतली ने छोड़ा चिंदबरम को पीछे

punjabkesari.in Saturday, Oct 01, 2016 - 06:27 PM (IST)

नई दिल्लीः देश में कालेधन के कुबेरों का खजाना बाहर निकलवाने के लिए केंद्र सरकार की मेहनत रंग लाई। वित्त मंत्री अरुण जेतली ने एक ही बार में पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदबरम को पीछे छोड़ दिया है। दरअसल सरकार के कालेधन के खुलासे की योजना के तहत 64,275 लोगों ने 65,250 करोड़ रुपये सामने आया है। जबकि 1997 में गुजराल सरकार में वित्त मंत्री पी चिदंबरम की वी.डी.आई.एस. स्कीम के तहत सिर्फ 33 हजार 697 करोड़ रुपए सामने आए थे और सरकार को उस पर टैक्स से मिले तकरीबन 10 हजार करोड़। 

जेतली ने नहीं दोहराई चिंदबरम की गलती
जेतली ने इस योजना के तहत खास ध्यान रखा कि कहीं वह चिंदबरम वाली गलती को न दोहरा बैठें। दरअसल, 1997 में वी.डी.आई.एस. ने 33 हजार करोड़ रुपए जुटाए लेकिन यदि संपत्ति की घोषणा कर टैक्स वसूला जाता तो इससे दोगुना राजस्व सरकार को मिलता। इसका सीधा असर इमानदार करदाताओं पर पड़ा और वे बेहद नाराज भी हुए। उन्हें लगा कि उनकी इमानदारी का उन्हें नुकसान हुआ है। कर चोर कम टैक्स चुकाकर भी आसानी से बच निकले। जबकि मौजूदा आय खुलासा योजना में टैक्स में कोई राहत या छूट नहीं दी गई। बल्कि जो इस योजना का फायदा उठाने की कोशिश की उन्हें ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ा।

आपको बता दें कि सरकार ने कालेधन का खुलासा करने के लिए आय घोषणा योजना (आई.डी.एस.) की शुरूआत 4 महीने की सीमित अवधि के लिए की थी। 

आई.डी.एस. के तहत लोग अपनी अघोषित संपत्ति के बारे में जानकारी देकर अभियोजन से बच सकते हैं। यह घोषणा ऑनलाइन माध्यम से भी की जा सकती है। वहीं लोग व्यक्तिगत रुप से एक फॉर्म भरकर भी ऐसा कर सकते हैं। 
- बेहिसाब संपत्ति रखने वाले लोगों को 45 फीसदी टैक्स व जुर्माना भरना होगा। हालांकि यह भुगतान 3 किश्तों में सितंबर 2017 तक किया जा सकता है। 
- आयकर विभाग को आई.डी.एस. के माध्यम से जो भी सूचनाएं मिलेंगी उसे गोपनीय रखा जाएगा।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News