बारिश से कॉफी उत्पादन बढऩे की उम्मीद

punjabkesari.in Saturday, Apr 18, 2015 - 12:15 PM (IST)

नई दिल्लीः देश के प्रमुख कॉफी उत्पादक क्षेत्रों में समय पर फूल आने और फसल के लिए फायदेमंद बारिश से वर्ष 2015-16 में बेहतर उत्पादन की संभावना है। हालांकि सार्वजनिक क्षेत्र के कॉफी बोर्ड ने फसल के अनुमान जारी नहीं किए हैं, लेकिन प्लांटर्स को उम्मीद है कि कॉफी वर्ष अक्तूबर 2015 से सितंबर 2016 में उत्पादन समाप्त वर्ष की तुलना में बेहतर रहेगा।
 
कर्नाटक प्लांटर्स एसोसिएशन (केपीए) के चेयरमैन कुरियन के ने कहा, ''मार्च और अप्रैल की बारिश कॉफी की फसल के लिए अहम है। इस साल ज्यादातर उत्पादक क्षेत्रों में फसल में फूल आने से पहले अच्छी बारिश हुई है।'' 
 
उन्होंने कहा कि शुरुआती संकेतों को देखते हुए आगामी फसल सीजन में फसल पिछले साल की तुलना में बेहतर रहेगी। उन्होंने कहा कि अरेबिका और रोबस्टा किस्मों का उत्पादन वर्ष 2015-16 में बेहतर रह सकता है। वर्ष 2014-15 के लिए कॉफी बोर्ड ने 3,31,000 टन बीन के उत्पादन का अनुमान जाहिर किया था। इसमें अरेबिका का उत्पादन 99,600 टन और रोबस्टा का 2,31,400 टन रहने का अनुमान जताया गया था। हालांकि केपीए ने अपने अनुमान में कहा था कि कर्नाटक के सभी उत्पादक क्षेत्रों में व्हाइट स्टेम बोरेर (डब्ल्यूएसबी) के व्यापक प्रकोप के कारण अरेबिका का उत्पादन 70,000 टन से भी कम रहेगा। 
 
देशभर में पैदा होने वाली कुल बीन में कर्नाटक का 70 फीसदी योगदान होता है। वर्ष 2014-15 सीजन खत्म हो गया है और प्लांटर्स की इस संस्था ने उत्पादन 3 लाख टन से थोड़ा ज्यादा रहने का अनुमान जताया है। कोडागू के एक प्लांटर बोस मनडान्ना ने कहा, ''कोडगू जिले में मार्च के महीने में करीब 80 फीसदी इलाकों में अच्छी बारिश हुई है, जो फसल के लिए फायदेमंद है। आगामी सीजन में बेहतर उत्पादन के लिए अप्रैल में भी अच्छी बारिश जरूरी है।'' 
 
उन्होंने कहा कि मार्च में हासन और चिकमगलूर में अच्छी बारिश हुई है। प्लांटर्स ने कहा कि वर्ष 2015-16 अरेबिका के लिए ''ऑन ईयर'' है और इसलिए उत्पादन पिछले साल से बेहतर रहना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि वास्तविक अनुमान एक महीने बाद संभïव होंगे। 
 
कुरियन ने कहा, ''वर्ष 2015-16 के लिए अभी से अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी। लेकिन हमें उम्मीद है कि इस साल उत्पादन पिछले साल से ज्यादा रहेगा।'' हाल में कॉफी बोर्ड के नियंत्रण वाले केंद्रीय कॉफी अनुसंधान संस्थान (सीसीआरआई) ने दावा किया है कि उसने अपने शोध में डब्ल्यूएसबी कीट पर नियंत्रण के लिए समाधान खोज लिया है। यह कीट करीब 100 वर्षों से अरेबिका फसल को नुकसान पहुंचा रहा है। सीसीआरआई ने वर्ष 2014 के दौरान प्रभावित पौधों में व्हाइट स्टेम बोरेर को खत्म करने के लिए फील्ड ट्रायल किए थे।

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