आखिर क्या है ''नैट न्यूट्रैलिटी''?

punjabkesari.in Tuesday, Apr 14, 2015 - 05:41 PM (IST)

नई दिल्लीः अगर आप इंटरनैट से फ्री कॉलिंग जारी रखना चाहते है तो आपको नैट न्यूट्रैलिटी के बारे में जानना होगा। क्योंकि इसके जरिए ही आप व्हॉट्सएप्प, फेसबुक, वाइबर और कई दूसरी सर्विसेज का इस्तेमाल बिना तकलीफ के यूज कर सकते है। नैट न्यूट्रैलिटी के बारे में जानना होगा और इसकी वकालत कर रहे तमाम संगठनों को सपोर्ट करना होगा।

नैट न्यूट्रैलिटी
नैट न्यूट्रैलिटी (इंटरनैट तटस्थता) वो सिद्धांत है जिसके तहत माना जाता है कि इंटरनैट सर्विस प्रदान करने वाली कंपनियां इंटरनैट पर हर तरह के डाटा को एक जैसा दर्जा देंगी। इंटरनैट सर्विस देने वाली इन कंपनियों में टैलीकॉम ऑपरेटर्स भी शामिल हैं। इन कंपनियों को अलग-अलग डाटा के लिए अलग-अलग कीमतें नहीं लेनी चाहिए। उन्हें किसी सेवा को न तो ब्लॉक करना चाहिए और न ही उसकी स्पीड स्लो करनी चाहिए।

टैलीकॉम कंपनियां क्यों है इसके ख़िलाफ
टैलीकॉम कंपनियां इंटरनैट नैटवर्क की तटस्थता के खिलाफ हैं वे इस बात से परेशान हैं कि नई तकनीकी ने उनके कारोबार के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। उदाहरण के लिए एस.एम.एस. सेवा को व्हॉट्सएप्प जैसे लगभग मुफ़्त एप्प ने लगभग मार ही डाला है।

इसलिए वे ऐसी सेवाओं के लिए ज्यादा रेट वसूलने की कोशिश में हैं जो उनके कारोबार और राजस्व को नुकसान पहुंचा रही हैं। हालांकि इंटरनैट सर्फिंग जैसी सेवाएं कम रेट पर ही दी जा रही हैं।

ये अहम क्यों
एक सवाल ये भी है कि इंटरनैट तटस्थता आपके लिए महत्वपूर्ण क्यों है? इससे मुकरने का एक मतलब ये भी है कि आपके खर्च बढ़ सकते हैं और विकल्प सीमित हो सकते हैं। 

उदाहरण के लिए स्काइप जैसी इंटरनैट कॉलिंग सुविधा की वजह से मोबाइल कॉलों पर असर पड़ सकता है क्योंकि लंबी दूरी की फ़ोन कॉल्स के लिहाज से वे कहीं अधिक सस्ती हैं। ये टैलीकॉम सर्विस देने वाली कंपनियों के राजस्व को नुक्सान पहुंचा रहा था। इस नई हक़ीक़त के मुताबिक खुद को ढालने की बजाय कंपनियों ने स्काइप पर किए जाने वाले फ़ोन कॉल्स के लिए डाटा कीमतें बेतहाशा बढ़ा दीं।

इंटरनैट पर फोन कॉल की क्रांति नहीं होती लेकिन पिछली दिसंबर में एयरटेल ने कहा कि वह इंटरनैट कॉल के लिए थ्री-जी यूजर से 10 केबी के चार पैसे या दो रुपए प्रति मिनट की दर से शुल्क वसूलेगा। इंटरनैट पर एक मिनट के कॉल में तकरीबन 500 केबी डाटा खर्च होता है।

इससे उपजी आलोचनाओं की बाढ़ के बाद कंपनी ने बढ़ी दरों को वापस ले लिया और इसके ठीक बाद ट्राई ने इंटरनैट की तटस्थता के सवाल पर एक कंसल्टेशन पेपर जारी कर दिया।

अब आगे क्या
ट्राई ने स्काइप, वाइबर, व्हॉट्सएप्प, स्नैपचैट, फ़ेसबुक मैसेंजर जैसी सेवाओं के नियमन से जुड़े 20 सवालों पर भी जनता से फीडबैक मांगा है।

इनमें से एक सवाल ये भी है कि क्या इस तरह की कॉलिंग सर्विस देने वाली कंपनियों को टैलीकॉम ऑपरेटर के नैटवर्क के इस्तेमाल के लिए अतिरिक्त कीमत चुकानी चाहिए? यह कीमत यूज़र की ओर से दिए गए डाटा शुल्क के अतिरिक्त होगी।

इसके बगैर क्या?
अगर इंटरनैट तटस्थता को लागू नहीं किया गया तो ऑपरेटर इंटरनैट कॉलिंग सर्विस की एवज में डाटा कीमतों के अलावा इसके लिए ज्यादा पैसे वसूल सकते हैं या फिर इन सेवाओं के लिए अलग से डाटा कीमतें तय की जा सकती हैं।

वे कुछ सेवाओं को ब्लॉक कर सकते हैं या उनकी स्पीड को सुस्त कर सकते हैं ताकि यूजर के लिए इनका इस्तेमाल मुश्किल हो जाए।


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