अब कपड़े में भी ''अदृश्य'' सिक्योरिटी फीचर

punjabkesari.in Friday, Apr 10, 2015 - 02:36 PM (IST)

भिवानीः करेंसी और सर्टिफिकेट में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए स्याही के माध्यम से सिक्योरिटी कोड की तकनीक के बाद अब कपड़े में सिक्योरिटी फीचर संभव है। कपड़े में सिक्योरिटी फीचर खुली आंखों से नहीं दिखेगा, केवल कैमरे से ही सिक्योरिटी कोड देखा जा सकेगा। इस तकनीक से मिलिट्री और पुलिस ड्रेस के दुरुपयोग को काफी हद तक रोका जा सकेगा।

करीब एक दशक के लंबे शोध के बाद इस तकनीक का ईजाद यहां टीआईटीएस इंजीनियरिंग कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. आरके अनायथ व उनके सहयोगी क्रोएशियन करेंसी डिजाइनर प्रोफेसर विल्को जिलियाक ने किया है। डॉ. अनायथ का दावा है कि कपड़ों में सिक्योरिटी फीचर की तकनीक दुनिया में अपनी तरह की पहली है।

यह तकनीक कपड़ों के अलावा लेदर, ग्लास, लकड़ी व पत्थर में भी कारगर है। खास यह है कि बिना स्याही के इन चीजों में सिक्योरिटी फीचर डाले जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि क्रोएशिया में इस तकनीक का इस्तेमाल स्टैंप में हो रहा है। इस शोध में क्रोएशिया की जेगरिक यूनिवर्सिटी साझीदार है। पेटेंट के लिए यूनिवर्सिटी ने आवेदन दे रखा है।

इस तकनीक का नाम दिया है इंफ्रा-रेड बेस्ड सिक्योरिटी डिजाइन। दुनिया में प्रिंटिंग क्षेत्र के आस्कर माने जाने वाले ‘ग्लोबल एजुकेशन अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस’ पाने वाले पहले गैर अमरीकी डॉ. अनायथ बताते हैं कि इस समय सिक्योरिटी फीचर केवल स्याही में है।

ओवीआई इंक (ऑप्टिकली वैरिएब्ली इंक) तकनीक के माध्यम से करेंसी में सिक्योरिटी फीचर दिए गए हैं। पूरे विश्व में कागज पर इसी अल्ट्रा वॉयलेट तकनीक का इस्तेमाल होता है। वे बताते हैं कि इंफ्रा-रेड तकनीक से अब बिना स्याही कपड़ों में सिक्योरिटी फीचर दिए जा सकते हैं।

किसी भी कपड़े पर सिक्योरिटी फीचर लेने के बाद कपड़ा दिखेगा तो आम जैसा ही, लेकिन आप कपड़े पर कोई संदेश, गुप्त कोड या पिक्चर डलवा सकते हैं, जिसे आंखों से देखना संभव नहीं है। कपड़े के भीतर सिक्योरिटी फीचर को देखने व पढ़ने के लिए डिजिटल कैमरे की जरूरत पड़ेगी। मूल रूप से केरल के रहने वाले डॉ. अनायथ की टाई पर यह सिक्योरिटी फीचर देखा जा सकता है। पि्रंटिंग में देश के पहले पीएचडी डॉ. राजेंद्र कुमार अनायथ बताते हैं कि इस एप्लीकेशन को कपड़ों के अलावा कागज, लेदर, ग्लास, लकड़ी, पत्थर में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए कोई स्याही की जरूरत नहीं पड़ेगी।


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