गरीबों के लिए खुल गया जेतली का पिटारा

punjabkesari.in Saturday, Feb 28, 2015 - 12:02 PM (IST)

नई दिल्लीः वित्त मंत्री अरुण जेतली ने मोदी सरकार का आज पहला पूर्ण बजट पेश करते हुए गरीबो एवं पिछडो के लिए अनेक योजनाअों की घोषणा की और राज्यों को केन्द्रीय पूल से मिलने वाली राशि में भारी वृद्धि करते हुए कहा कि भारतीय आर्थिक परिचय बेहतर है और राज्यों के साथ मिलकर विकास के लक्ष्य को हासिल करना है।  
 
वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2015 - 16 का बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार का उद्देश्य लोगों की जीवन गुणवत्ता बढाना और लाभों को आम लोगों तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में विकास दर के बढकर 7.4 प्रतिशत पर पहुंचने से भारत दुनिया की सबसे तीव्र गति से बढने वाली अर्थव्यवस्था बन गई है और अगले वित्त वर्ष में विकास दर 8 फीसदी से लेकर 8.5 प्रतिशत रहने का अनुमान हैै।
 
इस वर्ष महंगाई के 6 प्रतिशत से नीचे रहने की उम्मीद है जबिक खुदरा महंगाई के पांच फीसदी पर रहने का अनुमान है। अभी यह 5.1 फीसदी पर है। उन्होंने कहा कि सरकार के सभी कार्यक्रम गरीबी उन्मूलन को लेकर है। देश में शहरी और ग्रामीण अंतर को अघिक समय तक बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
 
उन्होंने जन धन योजना के तहत बीमा राशि बढाकर दो लाख रुपए करने के साथ ही पेंशन के लिए अटल पेंशन योजना का ऐलान किया। प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा योजना का लाभ उठाने के लिए गरीब को सिर्फ 12 रुपए सालाना देने होंगे और इसके तहत दो लाख रुपए का दुर्घटना बीमा मिलेगा।
 
अटल पेंशन योजना के तहत सरकार सालाना अधिकतम एक हजार रुपए देगी। वित्त मंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत योजना के तहत देश में अब तक 50 लाख शौचालय बनाए जा चुके हैं और इसके तहत 6 करोड शौचालय बनाने का लक्ष्य है। सरकार नए उद्यमों और उद्यिमयों को बढावा दे रही है। 
 
उन्होंने कहा कि सरकार के समक्ष सबसे बडी चुनौती कृषि आय में गिरावट को रोकना तथा विनिर्माण की हिस्सेदारी बढ़ने का है। उन्होंने केन्द्रीय पूल से राज्यों को मिलने वाले राजस्व में भारी वृद्धि का ऐलान करते हुए कहा कि अब राज्यों को इसमें से 62 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा। 
 
देश में सभी गांवों को 2020 तक बिजली से जोडने का ऐलान करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार वित्तीय घाटा को सकल घरेलू उत्पादन(जीडीपी) के 3 प्रतिशत तक रखने के प्रति कटिबद्ध है। वित्त मंत्री ने एक अप्रैल 2016 से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने का ऐलान करते हुए कहा कि अगले तीन वर्षाेें में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3 फीसदी तक रखने का लक्ष्य तय किया गया है।

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