मोदी सरकार का आज इम्तिहान, जेटली की पोटली में क्या

punjabkesari.in Saturday, Feb 28, 2015 - 08:30 AM (IST)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने से पहले जनता से अच्छे दिनों का वायदा किया था। मोदी के रेल बजट पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया रही। अब इंतजार है वित्त मंत्री अरुण जेटली की रहस्यमया पोटली खुलने का। जेटली आज वित्त वर्ष 2015-16 का बजट पेश करेंगे। यह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार का पहला पूर्ण बजट होगा।

सूत्रों के अनुसार यह आरपार का बजट होगा। माना जा रहा है कि सरकार बजट में आम आदमी के अनुकूल उपायों की घोषणा कर सकती है व साथ ही मेक इन इंडिया अभियान को आगे बढ़ाने के प्रबंध भी करेगी। दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा को मिली करारी हार के बाद आज आम बजट पेश किया जा रहा है। इसके अलावा इस साल बिहार विधानसभा चुनाव भी होना है। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या यह बजट लोकलुभावन होगा।
 
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बढ़ सकता है ''कर स्लैब''
उम्मीद जताई जा रही है कि वित्त मंत्रीजेटली कर स्लैब बढ़ा सकते हैं या बचत उत्पादों में निवेश की सीमा में बढ़ौत्तरी कर सकते हैं। माना जा रहा है कि जेटली राजकोषीय मजबूती के रास्ते पर आगे बढ़ेंगे और राजकोषीय घाटे का लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.6 प्रतिशत पर रखेंगे। चालू वित्त वर्ष में यह 4.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

व्यक्तिगत आयकरदाताओं को रियायत के अलावा वित्त मंत्री कंपनियों के निवेश को बढ़ाने के उपायों की घोषणा कर सकते हैं। साथ ही वह मेक इन इंडिया अभियान के तहत विनिर्माण को प्रोत्साहन के लिए उपायों की घोषणा कर सकते हैं। इस अभियान का मकसद देश को वैश्विक विनिर्माण हब बनाना और रोजगार का सृजन करना है।

बजट से एक दिन पहले गत शुक्रवार को संसद में पेश आर्थिक समीक्षा 2014-15 में कहा गया है कि इसमें एक प्रतिस्पर्धी, अनुमान योग्य, स्वच्छ तथा हलकी फुल्की कर छूटवाली व्यवस्था पेश की जानी चाहिए। इससे पूंजी की लागत घटेगी, बचत को प्रोत्साहन मिलेगा और करदाताओं के लिए अनुपालन सुगम होगा। इसमें यह भी कहा गया है कि आगामी बरसों में वृद्धि दर को 8 से 10 प्रतिशत पर पहुंचाने के लिए जोरदार सुधारों की जरूरत होगी। इसके अलावा इसमें सार्वजनिक निवेश बढ़ाने पर भी जोर दिया गया है।

आयकर छूट की सीमा में वृद्धि
जेटली ने जुलाई, 2014 में अपने पहले बजट में व्यक्तिगत आयकरदाताओं को राहत पहुंचाने के रुख के बारे में कहा था। माना जा रहा है कि भाजपा सरकार के पहले पूर्ण बजट में वह अपने इस रुख को जारी रखेंगे। पिछले साल उन्होंने व्यक्तिगत आयकर छूट की सीमा 50,000 रुपए बढ़ाकर 2.50 लाख की थी। इसके अलावा बचत पर आयकर छूट की सीमा भी 50,000 रुपए बढ़ाकर 1.50 लाख रुपए की थी।

हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार जेटली बजट में इनमें से सिर्फ एक विकल्प चुनेंगे क्योंकि वह सार्वजनिक खर्च बढ़ाने के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाना चाहते हैं। इसके अलावा वह स्वास्थ्य बीमा में भी कर छूट की सीमा बढ़ा सकते हैं। वहीं आम जन की नजरें आज फिर से मोदी पर टिकी हैं कि जेटली की पोटली में उनके हित के लिए क्या होगा।


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