बजट सत्र आज से, सरकार ने मांगा विपक्ष का सहयोग

punjabkesari.in Monday, Feb 23, 2015 - 11:05 AM (IST)

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद के सोमवार से शुरू हो रहे बजट सत्र को महत्वपूर्ण बताते हुए आज कहा कि इसमें जनहित के कई विधेयक आएंगे और सत्र को चलाना सभी दलों की सामूहिक जिम्मेदारी है। बजट सत्र के हंगामापूर्ण होने की संभावना है क्योंकि विपक्षी दल कई मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए कमर कस रहे हैं। विपक्ष को विश्वास में लेने के प्रयास में मोदी ने विपक्षी दलों के नेताओं को यकीन दिलाया कि उन द्वारा उठाए जाने वाले सदन में सभी मामलों पर चर्चा प्राथमिकता के आधार पर की जाएगी।

मोदी ने बजट सत्र की पूर्व संध्या पर यहां सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कहा कि बजट सत्र से जनता की भावनाएं जुड़ी रहती हैं और उनकी भावनाओं पर खरा उतरना सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जनता से जुड़े मुद्दों पर प्राथमिकता से चर्चा होनी है और उम्मीद जताई कि आम लोगों के फायदे के लिए सभी मिलकर काम करेंगे।
 
बैठक में भूमि अधिग्रहण विधेयक फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य, महिलाओं पर अत्याचार और शिक्षा से जुड़े मुद्दे उठे। संसद में प्रमुख विधेयकों पर कांग्रेस का समर्थन हासिल करने के उद्देश्य से संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने आज पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। नायडू ने सर्वदलीय बैठक के पूर्व सोनिया गांधी से उनके 10-जनपथ स्थित आवास पर भेंट की। समझा जाता है कि इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष से भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के स्थान पर लाए जाने वाले विधेयक समेत सभी प्रमुख विधेयकों को लोकसभा और राज्यसभा में पारित करने में उनसे सहयोग देने का अनुरोध किया। 
 
नायडू ने सोनिया के साथ हुई बैठक को अच्छा बताते हुए कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर विपक्ष के साथ सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि लगभग सभी राजनीतिक पाॢटयों के नेता बैठक में शामिल हुए। 42 नेताओं ने अपनी बात कही। संसद का 44 सूत्री एजैंडा है जिसमें आम बजट और कुछ महत्वपूर्ण कानून संशोधनों को पारित करानी भी शामिल है। प्रधानमंत्री के आश्वासन के बावजूद बजट सत्र के हंगामापूर्ण होने की संभावना है क्योंकि विपक्षी सदस्य कुछ मुद्दों पर अपना असंतोष जता रहे हैं। 
 
बैठक के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार को जन विरोधी विधेयकों और अध्यादेशों पर विपक्ष के समर्थन की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। जद (यू) अध्यक्ष शरद यादव ने भी इसी तरह की बात कही। उन्होंने कहा कि अध्यादेश के मामले से गतिरोध पैदा हो सकता है।

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