Monetary Policy की घोषणा के बाद अब नजरें जेतली पर

punjabkesari.in Tuesday, Feb 02, 2016 - 11:34 PM (IST)

मुम्बई : भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को छठी द्वैमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया और दरों को स्थिर बनाए रखा है। वर्तमान में रीपो रेट 6.75 जबकि सी.आर.आर. 4 प्रतिशत है। वित्त वर्ष 2016-17 की पहली द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा 5 अप्रैल को पेश की जाएगी।
 
वार्षिक बजट 2016-17 से ठीक पहले हुई रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की इस घोषणा के बाद अब सबकी नजरें एक बार फिर वित्त मंत्री अरुण जेतली पर टिक गईं हैं। अब बाजार को वार्षिक बजट में ही किसी भी तरह की छूट मिलने की उम्मीद बची है। वहीं पूछे जाने पर कि फिलहाल बाजार में तरलता की कमी है, ऐसे में ब्याज दरों में कटौती न किए जाने से बाजार पर नकारात्मक असर पड़ेगा, रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि तरलता की इतनी अधिक कमी नहीं है जितनी बताई जा रही है।
 
मौद्रिक नीति की इस प्रकार हैं मुख्य बातें :
 
- रेपो दर 6.75 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रही
 
- नकद आरक्षित अनुपात (सी.आर.आर.) 4 प्रतिशत पर यथावत।
 
- नकदी की सीमांत अस्थाई सुविधा पर ब्याज दर और बैंक दर 7.75 प्रतिशत पर स्थिर।
 
- राजकोषीय पक्ष से मदद मिली तो मौद्रिक नीति उदार बनी रहेगी।
 
- बजट में सुधारों से ब्याज दर में कटौती की और गुंजाइश पैदा होगी।
 
- वित्त वर्ष 2016-17 में महंगाई करीब 5 प्रतिशत रहेगी।
 
- वित्त वर्ष 2015-16 में वृद्धि दर 7.4 , 2016-17 में 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान।
 
- रिजर्व बैंक स्टार्टअप वित्तपोषण के लिए विशेष व्यवस्था बनाई जाएगी।
 
- रबी फसल में धीरे-धीरे सुधार का अनुमान।
 
स्टार्टअप की वृद्धि के लिए तैयार आसान ऋण का माहौल
 
राजन ने कहा कि वह देश में कारोबार सुगमता बढ़ाने में मदद करने के लिए पहल करेगा और स्टार्टअप कम्पनियों की वृद्धि के लिए अनुकूल माहौल बनाने में योगदान करेगा। इस पहल का लक्ष्य है सरकार की स्टार्टअप इंडिया योजना में मदद करना। उन्होंनें कहा की इन पहलों से (स्टार्टअप कम्पनियों को) विदेशी उद्यम पूंजी प्राप्त करने, निवेश योजनाओं में निहित अनुबंध के अलग-अलग ढांचों, स्वामित्व हस्तांतरण के लिए प्रतिफल प्रप्तियों के लिए अलग अलग शर्त , एस्क्रो प्रबंध की व्यवस्था और दस्तावेजीकरण तथा रिपोर्टिंग प्रक्रियाओं के सरलीकरण का अनुकूल ढांचा मिलेगा।

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