अडानी ग्रुप को लगा झटका, केन्या की अदालत ने एयरपोर्ट का जिम्मा संभालने से रोका
punjabkesari.in Tuesday, Sep 10, 2024 - 03:22 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः केन्या की एक अदालत ने अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड को 30 साल के लिए मुख्य हवाई अड्डे का संचालन करने की योजना पर रोक लगा दी है। अदालत ने कहा कि इस मामले पर फैसला होने तक योजना पर कोई काम नहीं होगा। यह आदेश हाई कोर्ट ने दिया है। कोर्ट ने अडानी की प्राइवेट योजना पर किसी को भी कार्रवाई करने से मना किया है। यह जानकारी केन्या लॉ सोसाइटी की अध्यक्ष फेथ ओधिआम्बो ने दी है, जो इस केस में शामिल हैं।
अडानी ग्रुप की तरफ से इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। केन्या मानवाधिकार आयोग और एक एनजीओ ने सरकार के राजधानी नैरोबी में जोमो केन्याटा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को अडानी को लीज पर देने के अधिकार को चुनौती दी है, क्योंकि उनका दावा है कि यह संविधान का उल्लंघन करता है। पार्टियों का तर्क है कि $1.85 बिलियन की यह डील केवल “अफोर्डेबल” नहीं है, बल्कि इससे नौकरी जाने का खतरा भी है और यह जनता को संकट में डाल सकता है। उनका मानना है कि केन्या बिना 30 साल के लिए लीज पर दिए भी इसे डेवलप करने और रकम जुटाने में सक्षम है।
बिल्ड-ऑपरेट डील के तहत अडानी करेगी हवाई अड्डे का उन्नयन
बिल्ड-ऑपरेट डील की शर्तों के तहत, भारतीय अरबपति गौतम अडानी की कंपनी केन्या की सबसे बड़ी एविएशन फैसिलिटी और पूर्वी अफ्रीका के सबसे व्यस्त हवाई अड्डे को अपग्रेड करेगी। इसके साथ ही कंपनी एक दूसरा रनवे और एक नया पैसेंजर टर्मिनल भी बनाएगी। सरकार ने इस डील का बचाव किया है और कहा है कि एयरपोर्ट अपनी क्षमता से ज्यादा भरा हुआ है और इसमें तुरंत सुधार की ज़रूरत है।
अडानी एयरपोर्ट: भारतीय हवाई यातायात का बड़ा हिस्सा
एशिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति द्वारा नियंत्रित अडानी एयरपोर्ट के पास 8 हवाई अड्डे हैं, जो टॉप-10 व्यस्त भारतीय घरेलू रूट्स पर स्थित हैं। इन हवाई अड्डों का भारतीय हवाई यातायात में 23% हिस्सा है और ये कुल पैसेंजर बेस के 20% लोगों को सेवा देते हैं। ये एयरपोर्ट्स अच्छे से ऑपरेट हो रहे हैं।