नहीं दिया दुर्घटनाग्रस्त ट्रैक्टर का कलेम, अब टाटा AIG देगी 4.79 लाख रुपए
punjabkesari.in Sunday, Oct 06, 2019 - 11:10 AM (IST)
देहरादूनः एम.वी. एक्ट की आड़ लेकर क्लेम निरस्त करना टाटा ए.आई.जी. जनरल इंश्योरैंस को भारी पड़ गया। जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा कम्पनी को 4.79 लाख रुपए शिकायतकत्र्ता को अदा करने का आदेश दिया है।
क्या है मामला
लक्ष्मणपुर विकासनगर निवासी कुंवर सिंह ने हर्बटपुर स्थित जगदम्बा ट्रेडिंग कम्पनी से 6 लाख 70 हजार रुपए का ट्रैक्टर लिया था। इसमें 4 लाख रुपए का उसने ऋण लिया, जिसका 11,500 रुपए का प्रीमियम अदा कर टाटा ए.आई.जी. जनरल इंश्योरैंस से बीमा कराया था। अपने पैतृक गांव डामटा सहिया से पूजा-अर्चना करके लौटते वक्त अचानक जानवर सामने आ जाने से ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गया। जानकारी देने पर बीमा कम्पनी के सर्वेयर ने मौके पर आकर सर्वे किया और समस्त दस्तावेज भी उन्होंने उसे उपलब्ध करा दिए। इसके बाद वह ट्रैक्टर को क्रेन की मदद से डीलर की वर्कशॉप में ले गए। उन्होंने बीमा कम्पनी से 6,36,500 रुपए की क्षतिपूर्ति की मांग की पर इसका भुगतान नहीं किया गया। बाद में नो क्लेम करके फाइल बंद कर दी।
परेशान होकर शिकायतकत्र्ता ने हर्बटपुर स्थित जगदम्बा ट्रेडिंग कम्पनी (डीलर) और टाटा ए.आई.जी. जनरल इंश्योरैंस को पक्षकार बना जिला उपभोक्ता फोरम में वाद दायर किया। उपभोक्ता फोरम में बीमा कम्पनी ने यह तर्क दिया कि दुर्घटना के वक्त वाहन पंजीकृत नहीं था। पंजीयन प्रमाण पत्र प्राप्त करने से पूर्व सार्वजनिक मार्ग पर इसका परिचालन नहीं किया जाना था। एम.वी. एक्ट का उल्लंघन होने पर उपभोक्ता क्लेम पाने का अधिकारी नहीं है।
यह कहा फोरम ने
दोनों पक्षों को दलीलें सुनने के बाद उपभोक्ता फोरम ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग द्वारा दी गई विधि व्यवस्था को आधार बनाया। अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह दुग्ताल व सदस्य विमल प्रकाश नैथानी ने अपने आदेश में कहा कि पंजीयन के लिए उपभोक्ता ने अपनी तरफ से कोई चूक नहीं की है। ऐसे में उसे क्षतिग्रस्त वाहन का क्लेम पाने का पूरा अधिकार है। फोरम ने 1 लाख 80 हजार रुपए साल्वेज की कटौती कर 4,56,000 रुपए का क्लेम अदा करने का आदेश कम्पनी को दिया है। इसके अलावा 20,000 रुपए मानसिक क्षतिपूर्ति व 3,000 रुपए वाद व्यय के रूप में देने का आदेश दिया है।