ट्रंप के फैसले से 8 देश होंगे प्रभावित, भारत को भी लगेगा झटका

Friday, Apr 26, 2019 - 11:41 AM (IST)

नई दिल्लीः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप भले ही अपने आप को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिगरी दोस्त बताते हों लेकिन अमेरिका के फैसलों से भारत की परेशानियां बढ़ रही हैं। आपको बता दें कि ट्रंप प्रशासन ने इस सप्ताह ऐलान किया कि अब वह आगे ईरान से तेल आयात को लेकर किसी भी देश को कई छूट नहीं देगा। अमेरिका ने ईरान से तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने के बाद भारत समेत 8 देशों को दी गई 2 मई तक की छूट को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है।

अमेरिका के इस कदम के बाद से तेल की वैश्विक कीमतों में बढ़ोतरी होना तय माना जा रहा है जिससे सबसे ज्यादा भारतीय प्रभावित हो सकते हैं। कांग्रेस पार्टी ने भी ईरान प्रतिबंध पर अमेरिकी फैसले को लेकर पीएम मोदी पर हमला बोला। कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट में कहा, देश की तेल जरूरतों और सुरक्षा के मुद्दे पर मूक दर्शक बने बैठे हैं।

भारत दुनिया का तीसरा सबसे तेल आयातक देश
ट्रंप प्रशासन ईरान के राजस्व के प्रमुख रास्ते को बंद कर देना चाहता है ताकि ईरान को आतंक और परमाणु कार्यक्रम के मुद्दे पर झुकने पर मजबूर किया जा सके। भारत दुनिया का तीसरा सबसे तेल आयातक देश है। एक भारतीय अधिकारी ने कहा कि भारत ने ईरान से कुल तेल आयात में करीब 17 फीसदी की कटौती की है। दूसरी तरफ, ट्रंप के वेनेजुएला से वामपंथी राष्ट्रपति निकोलस मदुरो को सत्ता से बाहर निकालने के दबाव के बीच इस देश से भी तेल खरीदारी रोक दी है।

अधिकारी ने बताया, हमने ऐसा इसलिए नहीं किया क्योंकि हम यूएस से सहमत थे बल्कि इसलिए कि हम रणनीतिक साझेदार हैं। अधिकारी के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन के विकासशील देशों को दिए गए एक खास दर्जे (जनरल सिस्टम ऑफ प्रिफरेंसेस) को छीनने का ऐलान किया तो नई दिल्ली ने ट्रंप प्रशासन को विस्तार से एक प्रस्ताव भेजा था लेकिन उसे नजरअंदाज कर दिया गया।

भारत-यूएस की दोस्ती के रास्ते में आ सकता है एक और रोड़ा
इसके अलावा भारत-यूएस की दोस्ती के रास्ते में एक और रोड़ा भी आ सकता है। भारत रूस से आधुनिक एस-400 मिसाइल की खरीदारी को अंतिम रूप दे रहा है। रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में न्यूज एजेंसी एएफपी से बातचीत में कहा था कि यूएस ने भारत की बात को सुना और समझा है। हालांकि, यूएस ने रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम की खरीदारी को लेकर चीन पर प्रतिबंध लगा दिए थे और अपने नाटो सहयोगी तुर्की को चेतावनी जारी की थी।

हालांकि, किसी को यह आशंका नहीं है कि भारत और अमेरिका फिर से शीतयुद्ध की दूरी पर लौट जाएंगे। दोनों देशों के नेताओं के बीच मजबूत संबंध हैं। ट्रंप ने फरवरी महीने में पाकिस्तान में भारतीय वायुसेना की एयरस्ट्राइक को समर्थन देकर मोदी को खुश कर दिया था।

अमेरिका के फैसलों से भारत पर पड़ेगा प्रभाव
ब्रुकिंग्स इंस्टिट्यूशन के शोधकर्ता तन्वी मदन कहती हैं, "यूएस के ये प्रतिबंध ईरान के बारे में हैं, भारत के प्रति उसके रुख का इससे कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि, मुझे लगता है कि भारत एक बार फिर महसूस करेगा कि उसे बेमतलब नुकसान उठाना पड़ रहा है। इससे यह बात साबित होती है कि जब फैसलों की बात आती है तो अमेरिका भारतीय हितों पर ध्यान नहीं देता है जबकि ये फैसले सीधे तौर पर भारत को प्रभावित करते हैं।
 

jyoti choudhary

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