मोदी सरकार के राज में गैर सरकारी संगठनों को मिले विदेश चंदे में आई 40% की गिरावट

punjabkesari.in Sunday, Mar 10, 2019 - 05:31 PM (IST)

मुंबईः गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को विदेश से मिलने वाले चंदे नरेंद्र मोदी सरकार की सख्ती से इसमें पिछले चार साल में 40% की कमी आयी है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है। विदेशी परामर्शदाता फर्म बेन एंड कंपनी की एक रिपोर्ट के अनुसार मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से 13 हजार से अधिक एनजीओ के लाइसेंस गृह मंत्रालय द्वारा रद्द किये गये हैं। सिर्फ 2017 में ही करीब 4,800 एनजीओ के लाइसेंस रद्द हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘विदेशी चंदे में करीब 40 प्रतिशत कमी आई है। विदेशी चंदे को अधिनियमित करने वाले कानून एफसीआरए अधिनियम के उल्लंघन को लेकर सरकार की ओर से एनजीओ इकाइयों के विरुद्ध कार्रवाई के बीच विदेशी चंदे में यह गिरावट दिखी है।’’

कार्रवाई में कई संगठन विभिन्न संवैधानिक अधिकारों के संरक्षण के काम के लिए खड़े किए गए थे। इन संगठनों ने सरकारी कार्रवाई पर शोर किया और इसे कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग बताया। मोदी सरकार ने पिछले साल रिजर्व बैंक के बोर्ड के सदस्य नचिकेत मोर का कार्यकाल कम कर दिया था। मोर भारत में बिल एंड मेङ्क्षलडा गेट्स फाउंडेशन के निदेशक हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने मोर को हटाये जाने का अभियान चलाया था। फोर्ड फाउंडेशन और एमनेस्टी इंटरनेशनल जैसे बड़े विदेशी एनजीओ को भी सरकार की कार्रवाई का सामना करना पड़ा। इस दौरान निजी समाजसेवी लोगों का योगदान बढ़ा है।

कुल निजी वित्तपोषण वित्तवर्ष 2014-15 में 60 हजार करोड़ रुपए था जो वित्त वर्ष 2017-18 में बढ़कर 70 हजार करोड़ रुपए पर पहुंच गया।भारतीय उद्योग जगत ने इस अवधि में कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत 13 हजार करोड़ रुपए का योगदान दिया। सह 12 प्रतिशत वृद्धि दर्शाता है। इसके अलावा व्यक्तिगत दानकर्ताओं ने 43,000 करोड़ रुपए रहा जो 21 प्रतिशत वृद्ध दर्शाता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Isha

Recommended News

Related News