Indian Spice: खाने योग्य नहीं हैं 12% मसाले, FSSAI की जांच में 474 सैंपल फेल

punjabkesari.in Monday, Aug 19, 2024 - 03:44 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः देश में बिक रहे मसालों में से 12% क्वालिटी और सुरक्षा मानकों के अनुसार ठीक नहीं पाए गए हैं। फूड्स सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने 4054 मसाले के सैंपल्स की जांच की, जिनमें से 474 सैंपल्स खाने योग्य नहीं थे। मई से जुलाई के बीच की गई इस जांच की जानकारी RTI के माध्यम से प्राप्त की है। अप्रैल-मई 2024 में सिंगापुर और हॉन्ग-कॉन्ग में मसालों की गुणवत्ता पर उठे सवालों और बैन की खबरों के बाद FSSAI ने यह परीक्षण शुरू किया था।

मसालों के ब्रांड के हिसाब से डिटेल नहीं

फूड अथॉरिटी FSSAI ने अपने जवाब में कहा कि जिन मसालों की टेस्टिंग की गई, उनकी ब्रांड के अनुसार डिटेल नहीं है लेकिन वह क्वालिटी और सेफ्टी स्टैंडर्ड पर खरे नहीं उतरने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। वहीं, MDH और एवरेस्ट ने दावा किया उनके प्रोडक्ट्स कंज्यूमर के लिए सेफ हैं।

2023-24 में ₹37,425 करोड़ के मसालों का एक्सपोर्ट

MDH और एवरेस्ट के मसाले भारती मार्केट के साथ-साथ दुनियाभर में बिकते हैं। जियॉन मार्केट रिसर्च के अनुसार, 2022 में भारत के डोमेस्टिक स्पाइस मार्केट की वैल्यू 87,608 करोड़ रुपए से ज्यादा थी। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत से हुए मसालों के एक्सपोर्ट की वैल्यू 37,425 करोड़ रुपए से ज्यादा रहने का अनुमान है।

भारतीय मसालों में सिंगापुर-हॉन्ग कॉन्ग में कीटनाशक थे

अप्रैल 2024 में सरकार ने हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर में MDH और एवरेस्ट के चार मसालों पर बैन के बाद अब भारत सरकार ने फूड कमिश्नर्स से सभी कंपनियों के मसालों का सैंपल कलेक्ट करने को कहा था। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि दोनों कंपनियों के इन प्रोडक्ट्स में पेस्टिसाइड 'एथिलीन ऑक्साइड' की ज्यादा मात्रा होने के कारण इन्हें बैन किया गया था। इन प्रोडक्ट्स में इस पेस्टिसाइड की ज्यादा मात्रा से कैंसर होने का खतरा है।

हॉन्गकॉन्ग के फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने कहा था कि MDH ग्रुप के तीन मसाला मिक्स- मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला पाउडर और करी पाउडर में एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा ज्यादा पाई गई। एवरेस्ट के फिश करी मसाला में भी यह कार्सिनोजेनिक पेस्टिसाइड पाया गया।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

jyoti choudhary

Related News