पर्यटन के मामले में हम थाइलैंड से सीखें

punjabkesari.in Saturday, Jun 10, 2023 - 05:47 AM (IST)

अगर दुनिया में नहीं तो एशिया में कोई भी देश पर्यटकों द्वारा समान रूप से आकॢषत नहीं होता जितना कि थाइलैंड होता है। इस सप्ताह बैंकाक का दौरा करते हुए मुझे इसके बारे में बार-बार याद दिलाया गया। मेरे होटल से 500 मीटर की दूरी पर मैंने शहर के सबसे शानदार शॉपिंग माल के तहखाने में विदेशियों और स्थानीय लोगों के लिए आसान, स्वच्छ और सुलभ स्ट्रीट फूड देखा। ईथाई में स्टॉल के बाद स्टॉल में भूनी हुई बतख से लेकर तली हुई नूडल तक दिखाई दी। 

आगंतुकों को स्कैन करने के लिए एक क्यू आर कोड के साथ कार्ड दिए गए थे। पर्यटकों के लिए उनकी खरीददारी पर वैट रिफंड प्राप्त करने के लिए एक बूथ भी था। शॉपिंग माल की ऊपर की मंजिलों में बेतहाशा महंगे फैशन की चीजें दिखाई दीं। जब मैं ईथाई के प्रबंधक प्रदीद इंतिया से मिला तो उन्होंने मुझे सारी जगह पर घुमाया जहां वेटर आपके द्वारा चुने गए भोजन को तैयार करने के बाद आपकी मेज पर लाते हैं। वेटर ज्यादा विनम्र दिखे। महामारी से पहले की तुलना में बैंकाक में व्यस्तता कम होने का दुख जताने के बाद उन्होंने कहा कि ईथाई को अपने शाकाहारी विकल्पों को बढ़ावा देना चाहिए ताकि भारतीयों के पास खाने के अधिक से अधिक विकल्प हों। 

वर्ष 2015 और 2019 के मध्य थाइलैंड में पर्यटकों की वृद्धि 30 मिलियन से 50 मिलियन हो गई जोकि अपने आप में चौंका देने वाला आंकड़ा है। हालांकि कोविड महामारी ने पर्यटन उद्योग को बहुत गहरी चोट पहुंचाई, इसके बावजूद इस वर्ष थाइलैंड में पर्यटकों की गिनती 25 मिलियन के करीब हो गई है। यहां पर हमें थाइलैंड से सबक लेने की जरूरत है कि कैसे पर्यटकों को अपनी ओर खींचा जा सकता है। हमें ऐसी नीतियों को बनाना होगा जो होटल तथा रेस्तरां मालिकों के व्यवसाय को आगे बढ़ा सकें। यदि हम अपने देश की तुलना थाइलैंड से करें तो भारत ने 2019 में 11 मिलियन पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित किया। इसमें से यदि हम भारतीय मूल के उन लोगों की गिनती को कम कर दें जोकि अपने पारिवारिक सदस्यों को यहां मिलने आते हैं तो यह आंकड़ा और भी कम हो जाएगा। इसके विपरीत थाइलैंड में बहुत कम आप्रवासी हैं। 

पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भारत को कुछ कट्टरपंथी सोच में बदलाव करने होंगे। हमें ई-वीजा के स्थान पर जी-20 और हमारे धनी दक्षिण-पूर्व एशियाई पड़ोसी देशों के लिए वीजा फ्री यात्रा को बढ़ावा देना चाहिए। यदि हम थाइलैंड जाने वाले बिना वीजा वाले पर्यटकों की गिनती करें तो शायद यह लेख भी कम पड़ जाए। दक्षिण-पूर्व एशिया की सफलता अब थाइलैंड से वियतनाम और यहां तक कि कम्बोडिया से भी आगे बढ़ चुकी है। कम्बोडिया 6.6 मिलियन पर्यटकों को 2019 में अपनी ओर आकर्षित कर चुका है। 

वल्र्ड ट्रैवल एंड टूरिज्म कौंसिल का अनुमान है कि यह पर्यटन उद्योग वैश्विक जी.डी.पी. का अनुमानित 7.6 प्रतिशत है (वर्ष 2022)। भारतीय पर्यटन मंत्रालय ‘देखो अपना देश’ लांच कर रहा है जो शायद घरेलू पर्यटकों को आकर्षित तो करेगा मगर विदेशी पर्यटकों के लिए यह एक बड़ा अंतर तय करेगा। 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार द्वारा ‘अतुल्य भारत’ का प्रचार जोर-शोर से किया गया था। ऐसे ही प्रचार की अब हमें जरूरत है। हर सप्ताह के बाद आने वाले सप्ताह में ‘एफ.टी.’ के सप्ताहांत सैक्शन में फुल पेज का विज्ञापन दिखाई देता था। 

लग्जरी ट्रैवल के तौर पर भारत से लगाव होने लगा। राजस्थान और केरल ने बड़ी मात्रा में अपनी संस्कृति के माध्यम से लोगों को अपनी ओर आकॢषत किया। सरकार द्वारा इस वर्ष को ‘इंक्रैडिबल इंडिया! विजिट इंडिया ईयर’ घोषित किया गया है। दो दशकों बाद शायद यह नारा थका हुआ और बार-बार सुनाई देने वाला प्रतीत होता है। थाईलैंड शायद चीन की तुलना में लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करेगा क्योंकि थाइलैंड ने कोविड महामारी पर अन्य देशों की तुलना में इस पर नियंत्रण पाया था।  थाइलैंड में आपके रहने के दौरान 10,000 डालर का स्वास्थ्य बीमा किया जाता है। थाइलैंड एक ट्रेड सरप्रस्त देश है और वहां की मुद्रा में यकीनी तौर पर मजबूती दिखाई दी है। थाइलैंड के नागरिक यह समझते हैं कि पर्यटन उनके लिए कितना मायने रखता है। इसकी तुलना में नई दिल्ली ऐसी बातें समझ नहीं पाता।-राहुल जैकब


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