यू.पी. में कानून और विकास का योगी स्टाइल

punjabkesari.in Monday, Aug 07, 2023 - 05:15 AM (IST)

लंबे समय से हम चिंतन मनन में  लगे थे कि योगी क्या कर रहे हैं? क्या चाहते हैं? क्यों कर रहे हैं? कैसे कर रहे हैं? संभवत: पूरा देश भी यही जानना, समझना चाहता है। अब दृष्टिगोचर होने लगा है कि योगी उपचार कर रहे हैं, उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने का। सच तो यही है कि उत्तर प्रदेश के साथ आजादी के बाद से ही न्याय नहीं हुआ। देश को पहले से लेकर अब तक कई प्रधानमंत्री देने वाले, सर्वाधिक जनसंख्या और लोकसभा में सबसे अधिक सांसदों वाले यू.पी. के साथ अन्याय की गाथा बहुत लंबी है। 

किसानों के हित को त्यागकर उद्योगपतियों को लाभ देने के लिए काम करने के विरोध में ही 1967 में चौधरी चरण सिंह ने कांग्रेस को त्याग दिया था। यह घटना प्रमाणित करती है कि उत्तर प्रदेश में कैसे राजनीतिक गिरावट शुरू हुई, जिसकी दोषी कांग्रेस है। कालांतर में कांग्रेस में टूटन होती रही और उससे निकले हुए लोग भी सत्ता लाभ के लिए समझौते करते रहे। कुल मिलाकर राजनीतिक नफा नुक्सान को देखते हुए सत्ता लोलुप सियासी दलों ने अपराधियों, भूमाफियाओं, घोटालेबाजों, भ्रष्टाचारियों के साथ ही जातिवादी राजनीति और धर्म संप्रदाय का सहारा लिया। राजनीति के इस हमाम में कांग्रेस, भाजपा, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी सहित सभी छोटे-बड़े सहयोगी दलों की भूमिका एक-सी ही रही। कुछ ने अधिक किया तो कुछ ने कम। 

इसी कारण यू.पी. की राजनीति में हरिशंकर तिवारी, वीरेंद्र प्रताप शाही, अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी, फूलन देवी, ब्रजेश सिंह, लटूरी सिंह यादव, रामेश्वर सिंह, मित्रसेन यादव, धनंजय सिंह, राधेश्याम जायसवाल, भगवान शर्मा जैसे तमाम अपराधी छवि वालों में से कुछ संसद और विधानसभा में भी पहुंचे। सूची बहुत लंबी है। आज भी कुछ आपराधिक गतिविधियों के आरोपी यू.पी. से संसद और विधानसभा में दिखाई देते हैं। अपराधियों को राजनीति में सबसे अधिक प्रश्रय देने का आरोप मुलायम सिंह यादव और समाजवादी पार्टी पर लगा है। मायावती के नेतृत्व में बहुजन समाज पार्टी सत्ता में आने पर शुरू में तो सही चली, बाद में वह अपराधियों को प्रश्रय देने की नीति पर चल पड़ी। 

कांग्रेस ने भी वही किया और भारतीय जनता पार्टी ने भी इसमें गोता लगाया। जब 2017 में योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की कमान संभाली तो कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी थी। सांसद होते हुए योगी को मुख्तार अंसारी के उस माफिया और आतंक राज का अहसास भी हुआ था। हालात इतने खराब थे कि राज्य के विकास के लिए तैयार योजनाओं के बजट का आबंटन माफिया की पसंद व नापंसद को ध्यान में रखकर किया जाता था। केंद्र से राज्य के विकास के लिए दी गई योजनाओं के बजट सहित गरीबों, किसानों, वृद्धावस्था पैंशन, विधवा पैंशन, सेहत महकमे के लिए आबंटित बजट भ्रष्ट लूटतंत्र अपचयित कर लेता था। 

योगी ने सबसे पहले अपराधी गिरोह और माफिया पर शिकंजा कसना शुरू किया। इसके बाद अपराधियों के साथ यू.पी. में जो कुछ हुआ, वह सबके सामने है। एक मोटे आंकड़े के मुताबिक 70 हजार से अधिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की गई, जिनमें गैंगस्टर अधिनियम और एन.एस.ए. तक शामिल हैं। जहां गैंगस्टर अधिनियम में 90 अरब 22 करोड़ 33 लाख की चल-अचल संपत्ति जब्त की गई, वहीं माफिया और अपराधियों द्वारा अवैध रूप से अर्जित 2819 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त की गई। सार्वजनिक संपत्तियों को नुक्सान करने वालों के खिलाफ अध्यादेश लागू कर उनकी संपत्तियों को कुर्क करवाकर नुक्सान की भरपाई करवाई गई। सफेद पोश अपराधी, भू-माफिया, खनन माफिया, शराब माफिया, पशु तस्कर, महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों को भी कानून का पाठ पढ़ाया गया। जहां, लव जेहाद को लेकर कानून लागू किया गया, वहीं शोर मचाकर आम जनता की शांतिभंग करने वाले धार्मिक स्थलों से बिना भेदभाव के  75,190 लाऊडस्पीकर उतरवा दिए गए और 50 हजार से ज्यादा लाऊडस्पीकरों की ध्वनि कम करा दी गई। 

जहां एक ओर योगी राज में अपराधियों का सफाया करके कानून का राज कायम किया जाता रहा, वहीं विकास के पथ पर भी राज्य की गाड़ी दौड़ती रही। राज्य के हर जिले में एक जिला एक उत्पाद योजना शुरू की गई जिसमें सरकार गांव तक के स्थानीय कारीगरों और मजदूरों को लघु माइक्रो कुटीर उद्योगों को स्थापित करने के लिए 25 हजार रुपए की मदद देती है। उधर, डिफैंस कॉरीडोर की भी नींव रखी गई। इसमें 37 सौ करोड़ रुपए से अधिक का निवेश लखनऊ, कानपुर, झांसी, आगरा, अलीगढ़, चित्रकूट आदि में डिफैंस इंडस्ट्रियल कॉरीडोर को मिला है। 

फिलहाल कई राज्यों ने अवैध अतिक्रमण करने वाले अपराधियों के खिलाफ योगी के बुल्डोजर स्टाइल को अपना लिया है। पूरे देश में उसका असर कितना है इसका अंदाजा कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय की उस टिपण्णी से लग जाता है जिसमें उन्होंने अवैध अतिक्रमण के खिलाफ योगी से बुल्डोजर मंगवा लेने की बात कही है। अब सवाल यह है कि क्या उत्तर प्रदेश में अपराधियों और माफिया के खिलाफ काम करने से मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को जो सफलता मिली है, दूसरे राज्यों का नेतृत्व भी उसको अपना कर कानून और विकास के मार्ग में आने वाली हर बाधा के खिलाफ कार्रवाई करने का साहस जुटा पाता है या फिर भ्रष्ट तंत्र का साथ देता है, यह भविष्य के गर्भ में छिपा है।-निशीथ जोशी
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए