‘ट्रम्प की जीत पर ऐसे लगा जैसे सपना हो’

punjabkesari.in Friday, Jun 08, 2018 - 04:04 AM (IST)

अमांडा सेफ्राइड कहती है कि जैसे ही डोनाल्ड ट्रम्प निर्वाचित हुए उसके मन में शादी करवाने की भावना बलवती हो गई। ट्रम्प द्वारा अमरीकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करने से 32 वर्षीय इस अभिनेत्री को ऐसा लगा जैसे दुनिया पागल हो गई हो। 

उसका कहना है : ‘‘मैं उन लोगों में से एक थी जिनके लिए ट्रम्प का निर्वाचित होना दुनिया के पागल होने का परिणाम था। मुझे ऐसा लगा कि यह कोई सपना है और मैं शायद कभी भी इस सपने में से जाग नहीं पाऊंगी। ऐसे में बेहतर यही होगा कि मैं शादी ही करवा लूं।’’ यही सोचकर ‘मम्मा-मिया’ फिल्म की यह हीरोइन अपने ब्वायफ्रैंड टामस सादोस्की के साथ कहीं गायब हो गई और मार्च 2017 में एक प्राइवेट समारोह में गोपनीय ढंग से शादी करवा ली। 

शादी के कुछ ही दिन बाद 24 मार्च को दोनों ने अपने घर बेटी का जन्म होने की घोषणा की। वास्तव में दोनों किसी भी कीमत पर बेटी का जन्म होने से पहले ही विवाह बंधन में बंध जाना चाहते थे। बेटी होने के बाद अमांडा ने एक साक्षात्कार में कहा : ‘‘अब मैं एक बेटी की मां हूं और यह कहने की जरूरत नहीं कि अब मैं जिम्मेदार इंसान बन गई हूं। बच्ची पैदा होने के बाद ही मुझे इस बात की अनुभूति हुई कि किसी भी बात को व्यक्तिगत अहं का मुद्दा नहीं बनाना चाहिए क्योंकि यह सरासर समय की बर्बादी है।’’ गौरतलब है कि दोनों ने अपनी बेटी के नाम को अभी तक रहस्य ही बनाए रखा है। 

मां बनने के बाद अमांडा ने यह नोट किया कि मनोरंजन उद्योग से संबंधित लोग अब उसे अधिक गम्भीरता से लेते हैं जैसे कि मातृत्व ही जिम्मेदारी की एकमात्र कसौटी हो। वह कहती है : ‘‘वैसे जब मैं किशोरी थी तो मेरे साथ लोग बहुत बदसलूकी करते थे लेकिन अब मैं सयानी और जिम्मेदार हो गई हूं तो लोगों का व्यवहार बेहतर हो गया है।’’ यह दिखाने के लिए कि बच्ची पैदा करने के बाद उसकी फिगर फिर से ठीकठाक हो गई है उसने बहुत छोटे आकार की ब्रा और जीन्स में अपनी सैक्सी तस्वीरें मीडिया को जारी कीं। 

इसके साथ ही उसने अभी कुछ ही समय पूर्व हालीवुड में चले ‘मी टू’ अभियान के अंतर्गत यह खुलासा किया ‘‘अब लोग डरते नहीं हैं। महिलाएं खुद को सशक्त महसूस कर रही हैं और बिना किसी दुष्परिणामों की परवाह किए अपने साथ हुए यौन उत्पीडऩ का खुलासा करती हैं। अब ऐसे खुलासे करने के बावजूद न तो अपने काम से जवाब मिलने का डर है और न ही अपनी बदनामी होने या मानसिक संतुलन खो देने का। अब आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि यौन उत्पीडऩ की किसी भी शिकार का जबरदस्ती मुंह बंद न हो सके या उसे कोई परेशानी महसूस न हो।’’ 

अमरीका के शस्त्र कानून (गन लॉ) पर बरसते हुए अमांडा ने सवाल पूछा: ‘‘आखिर आप किसका बचाव कर रहे हैं। मैं उन लोगों से किसी दलीलपूर्वक स्पष्टीकरण की मांग करती हूं कि वह ऐसा क्यों चाहते हैं कि असाल्ट राइफलें वालमार्ट के स्टोरों में उपलब्ध होनी चाहिएं? आखिर आप लोगों को असाल्ट राइफल चाहिए किस काम के लिए?’’ ‘‘क्या आप अध्यापकों को हथियारबंद करना चाहते हैं? क्या अध्यापक सुरक्षा गार्ड हैं। वे तो पढ़ाने के लिए हैं और यही उनका काम है। छोटे-छोटे बच्चे मारे जा रहे हैं और गन लॉ के पक्षधर लगातार यह रट लगाए हुए हैं :‘लोग बंदूकों के कारण थोड़े मर रहे हैं। ये तो एक मानसिक रोग है।’ यदि ऐसा है तो हम मानसिक बीमारियों पर भी चर्चा कर लेते हैं।’’


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Pardeep

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