‘चंद - पुलिस कर्मियों की करतूतें’ ‘बन रहीं समूचे विभाग की बदनामी का कारण’

punjabkesari.in Friday, Oct 25, 2024 - 04:53 AM (IST)

हालांकि पुलिस विभाग पर लोगों की सुरक्षा का जिम्मा होने के नाते पुलिस अधिकारियों से अनुशासित होने की अपेक्षा की जाती है, परन्तु आज चंद पुलिस कर्मी यौन उत्पीडऩ, रिश्वतखोरी और नशे में उत्पात करके आलोचना के पात्र और विभाग की बदनामी का कारण बन रहे हैं जिसके पिछले 4 महीनों के चंद उदाहरण निम्न में दर्ज हैं :

* 24 जून को सानपाड़ा (मुम्बई) पुलिस के एक कांस्टेबल के विरुद्ध अपने थाने में ही कार्यरत विवाहित महिला कांस्टेबल से विभिन्न अवसरों पर बलात्कार करने, अपने पति से तलाक लेने को मजबूर करने और उससे 19 लाख रुपए ठग लेने के आरोप में केस दर्ज किया गया।
* 13 जुलाई को अकोला (महाराष्टï्र) में ‘खदान’ थाने के कांस्टेबल गणेश पाटिल को शराब के नशे में धुत्त  होकर अपने साथी पुलिस कर्मचारी को अश्लील और जातिसूचक शब्द कहने, धमकाने और गाली-गलौच करने के आरोप में निलंबित किया गया।

* 20 जुलाई को बूंदी (राजस्थान) की एक कांस्टेबल ने उसी थाने के 2 पुलिस कर्मियों के विरुद्ध उससे कई बार बलात्कार करने की शिकायत दर्ज करवाई।
* 7 सितम्बर को चेन्नई (तमिलनाडु) में अपनी 10 वर्षीय बेटी के साथ हुए बलात्कार की शिकायत करने पहुंचे दम्पति की एक महिला पुलिस इंस्पैक्टर ‘राजी’ ने पिटाई कर डाली। 
* 7 सितम्बर को ही रायपुर (छत्तीसगढ़) की ‘चांदखुरी पुलिस अकादमी’ में तैनात कांस्टेबल चंद्रमणि शर्मा को वकालत की पढ़ाई कर रही एक छात्रा से बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
* 19 सितम्बर को पुरी (ओडिशा) में विवाह का झांसा देकर एक महिला से बलात्कार और बाद में मुकर जाने के आरोप में गोविंद चंद्र साहू नामक पुलिस कांस्टेबल को गिरफ्तार किया गया। 
* 27 सितम्बर को जहांगीराबाद (यू.पी.) में पी.ए.सी. के एक सिपाही को एक युवती से बलात्कार के आरोप में पकड़ा गया। 
* 30 सितम्बर को हापुड़ (यू.पी.) में एक युवती ने ‘नाग सेन’ नामक दारोगा पर शादी का झांसा देकर उससे बलात्कार करने का आरोप लगाया। 
* 30 सितम्बर को ही मुल्लांपुर दाखा (लुधियाना, पंजाब) में तैनात एस.एच.ओ. कुलविंद्र सिंह धालीवाल के विरुद्ध एक महिला कांस्टेबल का आपत्तिजनक वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल कर कई वर्षों तक बलात्कार करने व धमकियां देने के आरोप में स्टेट क्राइम ब्रांच मोहाली ने केस दर्ज किया। 

* 15 अक्तूबर को दरभंगा (बिहार) में शादी का झांसा देकर अपनी प्रेमिका के साथ तीन वर्ष तक बलात्कार करने के मामले में फरार चल रहे सिपाही को ‘लहेरिया सराय’ थाना की पुलिस ने गिरफ्तार किया। 
* 21 अक्तूबर को दिल्ली में हुई डकैती के एक मामले में मेरठ में ट्रैफिक पुलिस के हैडकांस्टेबल बीर सिंह के घर पर छापेमारी के दौरान 28 लाख रुपए बरामद किए गए।
* 22 अक्तूबर को बटाला (पंजाब) के अंतर्गत दयालगढ़ पुलिस चौकी में तैनात कांस्टेबल गुरप्रीत सिंह को शिकायतकत्र्ता से 2000 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। 
* 23 अक्तूबर को भ्रष्टïाचार निरोधक ब्यूरो, जयपुर (राजस्थान) की टीम ने पुलिस थाना ‘खोनागोरियान’ जयपुर कमिश्नरेट के सहायक पुलिस इंस्पैक्टर बलबीर सिंह तथा उसके दलाल को शिकायतकत्र्ता से 50,000 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। 

* 23 अक्तूबर को ही मोगा (पंजाब) के थाना कोट ईसे खां में तैनात एस.एच.ओ. अर्शप्रीत कौर ग्रेवाल के अलावा मुख्य मुंशी गुरप्रीत सिंह (कोट ईसे खां) तथा मुख्य मुंशी राजपाल सिंह (पुलिस चौकी बलखंडी) के विरुद्ध 5 लाख रुपए रिश्वत लेने के आरोप में केस दर्ज किया गया। उपरोक्त घटनाओं से स्पष्टï है कि अपराधियों को पकडऩे की बजाय आज चंद पुलिस कर्मी स्वयं कई तरह के अपराधों में शामिल पाए जा रहे हैं। अत: ऐसा करने वाले पुलिस कर्मियों को कठोर और शिक्षाप्रद दंड देने की आवश्यकता है क्योंकि इस प्रकार का लापरवाही पूर्ण और गलत आचरण समूचे पुलिस विभाग की बदनामी का कारण बन रहा है।—विजय कुमार 


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