‘सड़क सुरक्षा मिशन प्रदर्शनी’
punjabkesari.in Tuesday, May 07, 2024 - 03:56 AM (IST)
पंजाब की विरासत और पर्यटन स्थलों पर एक प्रदर्शनी लगाने के उद्देश्य से मैंने 22 अक्तूबर 1993 से लेकर 14 दिसम्बर 1993 तक साइकिल से पंजाब की यात्रा की जिसे मैंने ‘पंजाब दर्शन फोटो प्रदर्शनी’ का नाम दिया। अपने पंजाब दौरे के दौरान मैं कपूरथला, फिरोजपुर और मानसा में कुछ दुर्घटनाओं से बच गया। प्रत्येक दुर्घटना के अलग-अलग कारण, मगर मेरी कोई गलती नहीं थी।
23 दिसम्बर, 1995 को डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल मंडी डबवाली में हुई त्रासदी जिसमें छात्रों के अभिभावकों तथा छात्रों सहित 530 लोगों की मृत्यु हुई, ने मुझे सुरक्षा के बारे में कुछ करने के लिए अत्यधिक प्रेरित किया। इसके अलावा अटारी में एक और त्रासदी घटी जिसमें एम.के.डी. डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल के 7 नाबालिग छात्रों की जान चली गई। इसी तरह 18 अक्तूबर, 2018 को जौड़ा फाटक ट्रेन त्रासदी में 59 लोगों की मौत हो गई और 100 घायल हो गए। यह वह भयानक दुर्घटना थी जहां से मैंने सड़क सुरक्षा पर अपना शोध कार्य शुरू किया।
स्प्रिंग डेल के डाक्टर शेवेन्द्र सिंह संधू और पिं्रसीपल मनवीन संधू की मृत्यु ने अकादमिक जगत को स्तब्ध कर दिया और मेरी अंतर्रात्मा को झकझोर दिया। आमतौर पर प्रकाशित आंकड़ा है कि भारत में हर साल 2,50,000 लोग दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं और पंजाब इसमें सबसे आगे है। हालांकि सड़कों को सुरक्षित बनाना बेहद जटिल मुद्दा है फिर भी हमें हार नहीं माननी चाहिए बल्कि हमें कई कदम बढ़ाते रहना चाहिए।
यातायात पुलिस, प्रशासन, शैक्षिक और अन्य संगठनों के अलावा सबसे बढ़कर वाहन निर्माताओं को सड़क सुरक्षा में योगदान देना चाहिए। मेरा पंजाब के माननीय मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान, माननीय डी.जी.पी. गौरव यादव, ए.डी.जी.पी. यातायात ए.एस. राय तथा परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर से निवेदन है कि इस प्रदर्शनी को सफल बनाने के लिए मेरी मदद करें। यह अनूठी प्रदर्शनी इस बात को उजागर करने के लिए बनाई गई है कि दुर्घटनाएं कैसे होती हैं जिससे लोग सड़क पर मर जाते हैं। इस प्रदर्शनी से लोग सीखें और अपनी और दूसरों की जान बचाने के लिए कार्य करें। -बलजीत सिंह