आम चुनावों के मद्देनजर वित्त वर्ष 24 में सड़क निर्माण में आ सकती है गिरावट

punjabkesari.in Wednesday, May 10, 2023 - 05:22 AM (IST)

अगले वर्ष होने वाले आम चुनावों के मद्देनजर वित्त वर्ष 2024 में नई सड़क तथा उच्च मार्ग परियोजनाओं में 25 प्रतिशत की गिरावट आने की संभावना है जिसका असर अगले वर्षों की परियोजनाओं पर भी पड़ेगा और सरकार के लिए प्रतिदिन 50 किलोमीटर उच्च मार्ग बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करना कठिन होगा। उद्योग के अनुमानों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 में केवल लगभग 9,000 किलोमीटर उच्च मार्गों के ठेके दिए जाएंगे जो वित्त वर्ष 2023 में दिए गए 12,000 किलोमीटर के ठेकों से कम हैं।

अपेक्षित गिरावट 2019 के आम चुनावों से पहले देखे गए रुझान के समान ही है, जब ठेकों की संख्या 2018 में 17,000 किलोमीटर के मुकाबले तेजी से गिरकर 5500 किलोमीटर पर आ गई। कार्पोरेट रेटिंग इकरा के सैक्टर हैड विनय कुमार जी का कहना है कि वित्त वर्ष 24 की चौथी तिमाही के दौरान आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले ही इस वर्ष ठेकों पर असर देखा जा रहा है। उनके अनुसार चौथी तिमाही में चुनावी प्रक्रिया नजदीक आने के साथ ही, जब वाॢषक लक्षित ठेकों में से 50-60 प्रतिशत दिए जाते हैं, गिरावट आना लाजिमी है जैसा कि 2019 में देखा गया था।

हालांकि दो अधिकारियों ने अपनी पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि वित्त वर्ष 24 में ठेकों में गिरावट संभावित है, लेकिन इसका निर्माण पर असर नहीं पड़ेगा क्योंकि 55,000 किलोमीटर उच्च मार्गों की निर्माण प्रक्रिया पाइपलाइन में है, जो चरणबद्ध तरीके से शुरू की जाएगी। दोनों अधिकारियों में से एक ने बताया कि न केवल पूर्ववर्ती दो वर्षों के मुकाबले वित्त वर्ष 24 में सड़क निर्माण 12,000 किलोमीटर की दर से अधिक होगा बल्कि नैशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया जैसी एजैंसियों को पहले ही कह दिया गया है कि इस बात का पता लगाएं कि इस वर्ष निर्माण 15,000 किलोमीटर से अधिक किया जा सके।

सड़क परिवहन तथा उच्च मार्ग मंत्रालय व इकरा रिसर्च से प्राप्त डाटा के अनुसार, वित्त वर्ष 13 में 1916 किलोमीटर के मुकाबले वित्त वर्ष 18 में उच्च मार्ग परियोजनाओं के ठेके बढ़कर 17,055 किलोमीटर हो गए। मगर 2019 में वित्त वर्ष 19 की चौथी तिमाही के करीब आम चुनाव होने से ठेके गिर कर  5,493 किलोमीटर पर आ गए। तब से सड़कों के ठेके धीरे-धीरे बढ़कर वित्त वर्ष 23 में 12,375 किलोमीटर पर आ गए।

सड़क के ठेकों में गिरावट एक ऐसे समय में आ रही है जबकि एच.ए.एम. अथवा हाइब्रिड एनुइटी मॉडल प्रोजैक्ट्स के लिए बीडिंग प्रीमियम बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण गत 2 वर्षों से गिरावट आई है। यहां तक कि कोर सैक्टर प्रोजैक्ट डिवैल्परों, जैसे कि जो लोग एयरपोर्ट्स, रेलवे लाइन तथा बंदरगाहें बनाने में शामिल हैं, को अब हाईवे परियोजनाओं के ठेके दिए जा रहे हैं जिससे स्पर्धा और कड़ी होगी। अधिकारियों का कहना है कि वित्त वर्ष 24 में कम संख्या में ठेके दिए जाने का असर आने वाले वर्षों में परियोजनाएं कार्यान्वित करने पर पड़ेगा जब तक कि सिस्टम में कुछ संतुलन न बहाल कर दिया जाएगा।

इस स्थिति से पार पाने के लिए योजना वर्तमान वर्ष की दूसरी तथा तीसरी तिमाही में सड़क ठेकों को अधिकतम करने की है।  सरकार ने महामारी से पहले के वित्त वर्ष 20 में 28.04 किलोमीटर प्रतिवर्ष की दर से 10,337 किलोमीटर उच्च मार्ग बनाए। इनमें महामारी के  पहले वर्ष में धीरे-धीरे वृद्धि हुई जब लॉकडाऊन के कारण निर्माण कार्य में परोक्ष रूप से तेजी लाने में मद्द मिली। उस वर्ष (वित्त वर्ष 21) प्रतिदिन 36.51 किलोमीटर की दर से रिकार्ड 13,327 किलोमीटर उच्च मार्ग बनाए गए।
 

वित्त वर्ष 22 में एक बार फिर रफ्तार कम होकर 28.64 किलोमीटर प्रतिदिन की दर से 10,457 किलोमीटर पर आ गई। वित्त वर्ष 23 का समापन प्रतिदिन 28.3 किलोमीटर की दर से 10,331 किलोमीटर उच्च मार्ग निर्माण के साथ हुआ। सड़क तथा उच्च मार्ग मंत्रालय चाहता है कि वित्त वर्ष 24 में प्रतिदिन 45 किलोमीटर की दर से निर्माण कार्य 16,000 किलोमीटर से अधिक हो, यद्यपि आंतरिक तौर पर आशा है कि निर्माण कार्य महज 34 किलोमीटर प्रतिदिन की दर से 12,500 किलोमीटर तक पहुंच सकता है। -सुभाष नारयण


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