सभी को बेहतरीन और किफायती स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने का वादा

punjabkesari.in Tuesday, Sep 28, 2021 - 04:12 AM (IST)

इस विश्वास के अनुरूप कि एक स्वस्थ राष्ट्र से देश की उत्पादकता में वृद्धि होती है तथा सामाजिक-आर्थिक स्तर पर बेहतर परिणामों के लिए व्यापक प्रभाव पैदा होता है, केंद्र सरकार ने 2021-22 के बजट में स्वास्थ्य के लिए 2.23 लाख करोड़ रुपए आबंटित किए हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए पिछले साल के बजट की तुलना में 137 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह प्रत्येक भारतीय को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने और भारत के सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाने के लिए मोदी सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। 

2014 के बाद से ही, देशवासियों के स्वास्थ्य को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा गया है। तदनुसार, हमने दिसम्बर 2014 में महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘मिशन इंद्रधनुष’ की शुरूआत की, जिसके परिणामस्वरूप भारत में 90 प्रतिशत से अधिक टीकाकरण कवरेज संभव हुई। कोविड-19 महामारी की चुनौतियों के बावजूद, कमजोर और उच्च जोखिम वाले समूहों तक पहुंचने तथा ‘कोई भी छूट न जाए’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए, इस मिशन को 2019-20 में और तेज किया गया था। 

हमें इस बात का गर्व है कि मिशन के लांच होने के बाद से अब तक 3.86 करोड़ बच्चों और लगभग 97 लाख गर्भवती महिलाओं को मिशन इंद्रधनुष के तहत टीका लगाया जा चुका है। वंचितों को सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के प्रधानमंत्री मोदी जी के दृष्टिकोण से नियमित रूप से निर्देशित, आयुष्मान भारत कार्यक्रम को 2 घटकों के साथ शुरू किया गया था- स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र (ए.बी.-एच.डब्ल्यू.सी.) जिसका उद्देश्य व्यापक निवारक, प्रोत्साहनात्मक, उपचारात्मक, पुनर्वास और पीड़ा को कम करने वाली प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं, जोकि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के समुदायों के लिए सार्वभौमिक और मुफ्त हैं, के माध्यम से सेहत और कल्याण प्रदान करना है। 

आयुष्मान भारत का दूसरा स्तंभ, यानी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पी.एम.-जे.ए.वाई.) का शुभारंभ भी 2018 में किया गया था। इस योजना की शुरूआत अस्पताल में भर्ती होने के कारण होने वाले स्वास्थ्य संबंधी भारी-भरकम खर्चों से बचाव संबंधी सामाजिक सुरक्षा के इरादे से प्रति परिवार 5 लाख रुपए का बीमा कवर पाने वाले 10 करोड़ वंचित परिवारों समेत 50 करोड़ भारतीय नागरिकों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। पी.एम.-जे.ए.वाई. दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं में से एक है, जिसके तहत वंचितों को अब तक 16 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड, अस्पताल में 2 करोड़ दाखिले और 26,000 करोड़ रुपए मूल्य के इलाज से जुड़ी सुविधाएं प्रदान की गई हैं। 

पिछले 5 वर्षों में, प्रधानमंत्री मातृ सुरक्षा योजना, सुरक्षित मातृत्व आश्वासन (सुमन), लक्ष्य, मिशन परिवार विकास समेत महिलाओं और बच्चों के लिए लक्षित विभिन्न कार्यक्रमों और सुविधाओं के त्वरित कार्यान्वयन की वजह से भारत की मातृ और शिशु मृत्यु दर में विश्व स्तर पर इस क्षेत्र में होने वाली गिरावट की दर की तुलना में बहुत तेज गति से गिरावट जारी है। मातृ मृत्यु अनुपात, जोकि 2011-13 में 167 था, 2016-18 में घटकर 113 हो गया है (नमूना पंजीकरण सर्वेक्षण के अनुसार) और 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर, जो 2012 में 52 थी, 2018 में घट कर 36 हो गई। 

भारतीय चिकित्सा परिषद (एम.सी.आई.) की जगह राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एन.एम.सी.) का गठन करने संबंधी कदम से भारत में एक व्यावहारिक और भरोसेमंद चिकित्सा शिक्षा प्रणाली तैयार होगी। इसके अलावा, हाल ही में संसद द्वारा पारित ‘राष्ट्रीय संबद्ध और स्वास्थ्य देख-रेख वृत्ति आयोग विधेयक, 2020’  संबद्ध और स्वास्थ्य सेवा से जुड़े पेशेवरों द्वारा प्रदान की जाने वाली शिक्षा और सेवाओं के मानकों के विनियमन और रख-रखाव की बहुप्रतीक्षित जरूरत को पूरा करेगा। 

वर्ष 2014 से लेकर वर्ष 2020 तक की अवधि में देश भर में मैडीकल कॉलेजों की संख्या में 48 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। एम.बी.बी.एस. सीटों की संख्या में 57 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इसी तरह मैडीकल पी.जी. सीटों की संख्या में भी लगभग 80 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। हम ‘प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना’ के तहत 16 नए अखिल भारतीय आयुॢवज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना कर रहे हैं और इसके साथ ही हम मौजूदा सरकारी मैडीकल कॉलेजों के उन्नयन के लिए राज्यों को आवश्यक सहयोग दे रहे हैं, ताकि इन कॉलेजों के परिसर में विशेष ट्रोमा सैंटर और सुपर स्पैशलिटी ब्लॉक भी बनाए जा सकें। यह मोदी जी का ही दृष्टिकोण है कि ‘स्वस्थ भारत’ के माध्यम से ही ‘समृद्ध भारत’ का निर्माण संभव है। हम इस देश के 1.3 अरब लोगों को बेहतरीन और किफायती स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के वादे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।-मनसुख मांडविया (केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री)


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