पी.एम. ‘गति शक्ति योजना’ से एक महत्वपूर्ण मोड़ आएगा

punjabkesari.in Saturday, Oct 30, 2021 - 04:21 AM (IST)

ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के 190 साल के इतिहास की अपनी कहानी है। निश्चित रूप से उन्होंने रेलवे, बंदरगाहों और पुलों का निर्माण किया, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य भारत से धन संग्रह करना और इसे समुद्र-पार इंगलैंड भेजना, कच्चे कपास का निर्यात करना तथा लंकाशायर और मैनचैस्टर की मिलों में बने कपड़े का आयात करना था। अंग्रेज अलग-थलग होकर काम करने वाली नौकरशाही के अव्यवस्थित व साधारण कार्यों को पीछे छोड़कर चले गए। उनके द्वारा निर्मित रेल प्रणाली इसका एक अच्छा उदाहरण है। उनके संगठनों के डिजाइन आपसी तालमेल पर आधारित राष्ट्र निर्माण के लिए नहीं, बल्कि भारत के साम्राज्यवादी शोषण के लिए तैयार किए गए थे। 

पहले के शासनकालों के दौरान, नीति निर्माण और इसे लागू करने के तरीके क्षेत्र-विशेष पर आधारित होते थे, जिससे भारत का आॢथक विकास बाधित होता था। इसके परिणामस्वरूप धन और अवसरों का असमान वितरण होता था। नई अवसंरचना को विस्तार के साथ विकसित भी नहीं किया जाता था और इसे अस्त-व्यस्त तरीके से क्रियान्वित भी किया जाता था। हम ‘कार्य प्रगति पर है, धीमी गति से जाएं’ साइनबोर्ड के अभ्यस्त हो गए थे। ऐसा इसलिए था कि सरकार के विभिन्न विभाग, बिना समन्वय के कार्य करते थे, जैसे दैनिक उपयोग के केबल और ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने के लिए नई सड़कों की खुदाई। 

प्रधानमंत्री की गति शक्ति योजना देश की प्रगति की गति को ‘धीमी गति से जाएं’ के स्थान पर ‘तेजी से जाएं’ के बदलाव की दिशा में एक साहसिक कदम है। पिछले सात वर्षों में, हमारी सरकार ने विकास में तेजी लाने के उद्देश्य से अलग-अलग नीतियों और प्रक्रियाओं को सरल एवं एकीकृत करने के लिए बड़े व महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। जी.एस.टी. ने वस्तुओं और सेवाओं के कराधान को सरल बनाया, जबकि जन धन-आधार-मुद्रा ने तत्काल प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण को बैंक खातों से जोड़ा। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, उड़ान, जल विकास मार्ग, औद्योगिक और माल ढुलाई गलियारा, भारत माला और सागर माला परियोजनाओं ने देश की अवसंरचना और औद्योगिक कौशल को अत्यधिक प्रोत्साहन प्रदान किया है। 

कोविड-19 महामारी के दौरान भी, हमने एक राष्ट्र एक राशन कार्ड, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन और आत्मनिर्भर भारत मिशन की शुरूआत की। हम तापमान-संवेदनशील नए वैक्सीन का सूत्र विशेषज्ञों द्वारा तैयार करने, बड़े पैमाने पर लगभग 1 बिलियन खुराक का उत्पादन करने, परिवहन करने, लोगों को टीके लगाने और अनुवर्ती कार्रवाई करने में सक्षम रहे हैं। पी.एम. गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान बुनियादी ढांचे के विकास और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में एक नए युग की शुरूआत करेगा। हम बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित विभिन्न मंत्रालयों की प्रमुख परियोजनाओं को एक मास्टरप्लान के तहत समेकित करेंगे। 

हम माल ढुलाई की लागत को कम करने एवं अपने उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने, निवेश को आकॢषत करने और लाखों की संख्या में नौकरियां पैदा करने के उद्देश्य से लॉजिस्टिक्स के विभिन्न तरीकों को अनुकूलित करने में सक्षम होंगे। हम प्रौद्योगिकी और भू-स्थानिक मानचित्रण का लाभ उठाते हुए एक ऑनलाइन डैशबोर्ड बनाएंगे, जोकि केन्द्र और राज्य की विभिन्न एजैंसियों, विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के साथ-साथ निजी क्षेत्र के उद्यमों को देशभर में चल रहे एक-दूसरे के नियोजित विकास से जुड़ी मौजूदा गतिविधियों पर एक दृष्टि डालने में सक्षम बनाएगा। 

हमने 7 साल की छोटी-सी अवधि में एक लंबा सफर तय किया है। भारत में प्रतिदिन राजमार्ग निर्माण 2014-15 में 12 किलोमीटर/दिन की दर से लगभग 300 प्रतिशत बढ़कर 2020-21 में 33.7 किलोमीटर/दिन हो गया। पी.एम. गति शक्ति मास्टरप्लान के साथ, हम भारत के राजमार्ग के नैटवर्क को 2 लाख किलोमीटर तक बढ़ाएंगे और इसके आसपास बिजली एवं ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने के लिए यूटिलिटी कॉरिडोर का प्रावधान करेंगे, जोकि प्राकृतिक आपदाओं के समय खासकर बाढ़ एवं चक्रवात से प्रभावित होने वाले राज्यों में एक जीवन रक्षक साबित होंगे। 

भारत ने अभूतपूर्व पैमाने पर शहरी अवसंरचना विकास के लिए 2004 से लेकर 2014 के बीच 10 वर्षों में खर्च किए गए 1.5 लाख करोड़ रुपए की तुलना में पिछले 7 वर्षों में लगभग 11.5 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं। आज 18 शहरों में मैट्रो रेल नैटवर्क का विस्तार करके मैट्रो लाइन की लंबाई 721 किलोमीटर तक की गई है। वर्ष 2014 में मैट्रो लाइन की लंबाई 250 किलोमीटर थी। देशभर के 27 शहरों में 1,058 किलोमीटर लंबाई का मैट्रो नैटवर्क निर्माणाधीन है। पी.एम. गति शक्ति मास्टरप्लान के तहत नियोजित विकास एवं निवेश के पैमाने के बारे में पूरी तरह से अंदाजा लगा लेना मुश्किल है। यह हमारे देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा। यह दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए भारतीय अवसंरचना और लॉजिस्टिक्स में आमूल परिवर्तन ला देगा।-हरदीप सिंह पुरी (केंद्रीय पैट्रोलियम, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री)


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