‘रेलगाड़ियों के परिचालन में लापरवाही’ ‘बड़ी दुर्घटना में न बदल जाए’

punjabkesari.in Thursday, Sep 28, 2023 - 05:37 AM (IST)

भारतीय रेलवे एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रेल नैटवर्क है तथा इसमें और विस्तार करके सरकार अनेक नई तेज रफ्तार रेल गाडिय़ां चला रही है परंतु इसके साथ ही भारतीय रेलों में लगातार हो रही छोटी-मोटी दुर्घटनाएं सचेत कर रही हैं कि भारतीय रेल प्रणाली में सब कुछ ठीक नहीं है :

* 26 सितम्बर को शकूर बस्ती से आई एक ई.एम.यू. (इलैक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) ट्रेन मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन पर आते ही पटरी छोड़ कर प्लेटफार्म पर चढ़ गई जिससे ईंट उछल कर लगने से एक यात्री घायल हो गया।
* 23 सितम्बर को गुजरात के ‘वलसाड’ रेलवे स्टेशन से रवाना होने से कुछ ही देर बाद ‘तिरुचिरापल्ली-श्रीगंगानगर हमसफर एक्सप्रैस’ के जैनरेटर यान में आग लग गई, जो बगल वाले यात्री डिब्बे में भी फैल गई। समय रहते ट्रेन रोक कर यात्रियों को उतार देने के कारण बड़ी दुर्घटना टल गई। 
* 20 सितम्बर को पंजाब के होशियारपुर रेलवे स्टेशन पर 120 टन वजनी रेल इंजन पटरी से उतर गया। 

* 18 सितम्बर को उत्तर प्रदेश में कानपुर-झांसी रेलवे रूट पर ‘पुखराया’ स्टेशन के निकट कपङ्क्षलग टूटने से कुशीनगर एक्सप्रैस 2 हिस्सों में बंट गई। आधी ट्रेन इंजन के साथ आगे बढ़ गई और आधी पीछे रह गई। 
* 17 सितम्बर को नई दिल्ली-अमृतसर शताब्दी ट्रेन के एक कोच में बाथरूम के निकट लगा स्टील का पैनल गिर जाने से 2 यात्री घायल हो गए। 
* 17 सितम्बर को ही झारखंड के रांची रेल डिवीजन में बड़ी लापरवाही उस समय सामने आई जब गौतम धारा रेलवे स्टेशन के निकट इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारियों ने काम करने के बाद 2 रेल पटरियों को जोडऩे वाली फिश प्लेटों को खुला ही छोड़ दिया। 6 दिनों तक सैमी हाई स्पीड ट्रेन ‘वंदे भारत’ और ‘राजधानी एक्सप्रैस’ सहित सभी ट्रेनें खुली फिश प्लेटों वाली पटरी से गुजरती रहीं परंतु सौभाग्यवश यहां ट्रेनों की स्पीड प्रतिघंटा 30 किलोमीटर होने के कारण कोई दुर्घटना नहीं हुई। यदि पूरी गति से ट्रेनें दौड़ रही होतीं तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। 

* 16 सितम्बर को हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से महाराष्ट्र के ‘मिराज’ जंक्शन जा रही ‘दर्शन एक्सप्रैस’ का इंजन और पावर कोच रतलाम-दाहोद रेलखंड के बीच पटरी से उतर गए।
* 15 सितम्बर को रतलाम (मध्य प्रदेश) के दाहोद से आणंद के बीच चलने वाली मेमू स्पैशल ट्रेन में ‘जैकोट’ स्टेशन पर अचानक आग लग गई।
* 3 सितम्बर को पलवल से नई दिल्ली जा रही एक लोकल ट्रेन प्रगति मैदान के निकट पटरी से उतर गई। 

जहां रेल कर्मियों की लापरवाही और रख-रखाव में कमी के कारण इस तरह की घटनाएं हो रही हैं, वहीं कुछ जागरूक लोग ऐसी घटनाएं रोकने में यथासंभव अपना योगदान भी दे रहे हैं।  ऐसा ही एक उदाहरण 25 सितम्बर को पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में ‘भालुका रोड यार्ड’ के निकट देखने को मिला जहां ‘मुरसलीन शेख’ नामक 12 वर्ष के एक लड़के ने रेल पटरी में दरार देखकर आ रही ट्रेन रुकवाने के लिए अपनी लाल कमीज उतार कर लहरानी शुरू कर दी। लोको पायलट ने इशारा भांप कर सही समय पर आपातकालीन ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी, जिससे संभावित दुर्घटना टल गई। हालांकि उत्तर-पूर्व सीमांत रेलवे के अधिकारियों ने 26 सितम्बर को इस लड़के को उसके साहस, कत्र्तव्य परायणता और हाजिर दिमागी के लिए प्रमाण पत्र तथा नकद पुरस्कार दिया है, परंतु इतना ही काफी नहीं। 

संभावित रेल दुर्घटना टाल कर अनेक लोगों के अनमोल प्राण और रेलवे की सम्पत्ति नष्ट होने से बचाने वाले इस बालक को राज्य सरकार को भी समुचित आर्थिक सहायता और छात्रवृत्ति आदि प्रदान करनी चाहिए, जिससे दूसरे लोगों को भी प्रेरणा मिले। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व गत वर्ष 31 मार्च को एटा से आगरा जा रही यात्री रेलगाड़ी बड़ी दुर्घटना का शिकार होने से उस समय बच गई जब आवागढ़ इलाके में टूटी रेल पटरी देख कर उस पर आ रही रेलगाड़ी को खतरे का संकेत देने के लिए वहां से गुजर रही एक बुजुर्ग महिला ने अपनी लाल रंग की साड़ी उतार कर रेल पटरी के बीचों बीच लहरा कर रेल रुकवाई। जहां रेल दुर्घटनाएं रोकने में योगदान देने वाले प्रशंसा के पात्र हैं वहीं प्रश्र चिन्ह लगाती रेल दुर्घटनाएं स्पष्ट प्रमाण हैं कि भारतीय रेल किस कदर बड़ी दुर्घटनाओं के किनारे पर है। ऐसी अप्रिय स्थिति पैदा न हो, इसके लिए भारतीय रेल के कार्यकलाप में तुरंत सुधार लाने और लापरवाह कर्मियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है।—विजय कुमार 


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