‘के.सी.आर. परिवार के 4 लोगों का तेलंगाना के बजट के 60 प्रतिशत पर नियंत्रण’

punjabkesari.in Wednesday, Nov 22, 2023 - 05:35 AM (IST)

जनवरी से, जब से महाराष्ट्र के माणिकराव ठाकरे (69) तेलंगाना (119 सीटें) के लिए कांग्रेस प्रभारी बने हैं, उन्होंने विभिन्न गुटों को एक साथ रखने में सफलता पाई है। उन्होंने राज्य पार्टी प्रमुख रेवांथ रैड्डी, मल्काजगिरि से वर्तमान लोकसभा सांसद, जो दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं, के साथ करीब रहकर काम किया है। ठाकरे ने बताया कि कांग्रेस जोश में है जबकि बी.आर.एस. (भारत राष्ट्र समिति) संघर्ष कर रही है और भाजपा 30 नवम्बर को होने वाले चुनावों में कहीं दिखाई नहीं दे रही। 

यह पूछने पर कि वह यह दावा किस आधार पर कर रहे हैं कि तेलगांना में कांग्रेस चुनाव जीत जाएगी, ठाकरे ने बताया कि कांग्रेस तथा सोनिया गांधी ने तेलंगाना के निर्माण में केंद्रीय भूमिका निभाई। सोनिया गांधी ने 7 महीने पहले ही इसकी घोषणा कर दी थी, तेलंगाना के लोगों को यह याद है। इस बीच बी.आर.एस. के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव हैदराबाद में अपने एक दशक के शासनकाल के दौरान अपना कोई भी वायदा पूरा नहीं कर पाए, चाहे वह मुसलमानों के लिए 12 प्रतिशत आरक्षण हो, दलित मुख्यमंत्री की नियुक्ति या दलितों को 3 एकड़ भूमि देना हो। इसकी बजाय तेलंगाना के राजस्व का इस्तेमाल के.सी.आर. के परिवार, पार्टी तथा राज्य तथा बाहर इसके प्रचार के लिए किया गया। कालेश्वरम् सिंचाई परियोजना में बहुकरोड़ी भ्रष्टाचार यह दर्शाता है कि बी.आर.एस. के कार्यकाल के दौरान घोटाले कितने व्यापक थे। यह प्रत्यक्ष है कि राज्य के बजट का 60 प्रतिशत के.सी.आर. के परिवार के 4 सदस्यों के हाथों में है। विकास तथा नौकरियों के अभाव के अतिरिक्त भ्रष्टाचार एक प्रमुख मुद्दा है। बी.आर.एस. केवल वही कदम उठाती है जिससे के.सी.आर. पार्टी  को चुनावों के दौरान फायदा हो। 

कांग्रेस द्वारा बी.आर.एस., भाजपा तथा ए.आई.एम.आई.एम. के बीच गुपचुप सांठ-गांठ के बारे में ठाकरे ने कहा कि बी.आर.एस. तथा भाजपा के बीच 2024 के चुनावों के लिए एक समझौता है। उनकी हालिया कार्रवाइयों से यह और भी स्पष्ट हो गया है कि के.सी.आर. ने दावा किया कि वह भाजपा से लड़ रहे हैं लेकिन उनकी पार्टी संसद में मोदी सरकार का समर्थन करती है। स्पष्ट कार्रवाइयां लोगों के लिए एक झटके के समान हैं। ‘आप’ के मनीष सिसोदिया जेल में हैं, जिन पर शराब घोटाले का आरोप है लेकिन केंद्र ने के.सी.आर. की बेटी के. कविता से घंटों पूछताछ के बाद भी उसे गिरफ्तार नहीं किया। हमें ऐसी ही आशा थी और अब भाजपा नेता तथा कार्यकत्र्ता भी यही कह रहे हैं। भाजपा ने बी.आर.एस. के कहने पर ही अपने तेलंगाना के अध्यक्ष को बदला। 

महज 2 करोड़ के मामलों के आरोपों के चलते ई.डी., आयकर तथा सी.बी.आई. कांग्रेस नेताओं व सहयोगियों पर छापे मार रही है। लेकिन तेलंगाना में दशकों तक खुली अनियमितताओं के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। दिलचस्प है कि ए.आई.एम.आई.एम. भी इस गठजोड़ का हिस्सा है, जो कांग्रेस को चोट पहुंचाने के लिए बी.आर.एस. की मांग पर चुनिंदा सीटों पर उम्मीदवार खड़ी कर रही है। कांग्रेस की चुनावी रणनीति बारे माणिकराव ठाकरे ने कहा कि कांग्रेस ने 6 गारंटियां दी हैं। जिन पर सोनिया गांधी, राहुल गांधी तथा प्रियंका गांधी वाड्रा ने जोर दिया था। लोगों को उन पर विश्वास है। ये गारंटी कार्ड प्रत्येक घर में भेजे जा रहे हैं। 

तेलंगाना में 7 विधायकों से 60 के बहुमत पर पहुंचने की कांग्रेस की इस संभावनाओं के बारे ठाकरे ने कहा कि हम में एकता का अभाव था आपसी लड़ाई ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया था कि कांग्रेस बी.आर.एस. से लडऩे के प्रति गंभीर नहीं है। लेकिन जनवरी से पार्टी मिलकर काम कर रही है, न ही असंतोष की आवाजें उभर रही हैं और न ही नेताओं द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ प्रैस कांफ्रैंसें की जा रही हैं। हमने लोगों का विश्वास हासिल किया है। रेवांथ रेड्डी अन्य नेताओं के साथ तालमेल से पार्टी को आगे ले जा रहे हैं, हमारी गतिशीलता के पीछे युवा सबसे बड़ी ताकत है। सारा विपक्ष हमारे साथ है। लोग बी.आर.एस. तथा उसके भ्रष्टाचार से ऊब गए हैं तथा सोनिया गांधी को याद करते हैं। कांग्रेस 71 सीटें जीतेगी। 

लोग इस बात पर क्यों विश्वास करें कि बी.आर.एस. को पराजित किया जा सकता है, पर ठाकरे ने कहा कि देखें, बी.आर.एस. कितनी निराश है। कुछ महीने पहले इसने महाराष्ट्र,  कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश के दौरे शुरू किए थे और सभी राज्यों में प्रचार किया। मगर गत 4 महीनों से बी.आर.एस. तेलंगाना से बाहर नहीं निकली और उसने यही पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। यह पूछने पर कि राहुल गांधी ने के.सी.आर. के ‘पारिवारिक शासन’ को अपने प्रचार का मुद्दा बनाया जबकि  भाजपा भी गांधी परिवार पर यही आरोप लगाती है, क्या इसका उल्टा असर नहीं होगा, ठाकरे ने कहा गांधी परिवार ने स्वतंत्रता संग्राम से ही बलिदान दिए हैं, देश के लिए अपना धन, जमीन तथा जीवन दिया है। उन्होंने धन इकट्ठा नहीं किया।

कभी भी सरकार में परिवार के 4 सदस्य नहीं रहे या बजट का 60 प्रतिशत परिवार के हाथों में नहीं रहा। इसलिए यह तुलना उचित नहीं। लोगों का मानना है कि यहां के.सी.आर. परिवार का शासन है। मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे ठाकरे ने कहा कि कुछ स्थानों पर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के उम्मीदवार की घोषणा की है लेकिन यहां कई नेता हैं। विधायकों के जीतने के बाद  हाईकमान मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बारे उनके विचारों के उपरांत निर्णय लेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा कारगुजारी दिखाने की स्थिति में नहीं है।-सुबोध चिल्दियाल


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