भारत-कनाडा मुद्दे पर बेगानी शादी में चीन बना दीवाना

punjabkesari.in Monday, Sep 25, 2023 - 05:45 AM (IST)

एक कहावत बहुत मशहूर है और वो इन दिनों चीन पर बखूबी सटीक बैठती है। यह कहावत है बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना। इन दिनों भारत और कनाडा में कुछ तल्खियां चल  रही हैं और कनाडा में खालिस्तान का मुद्दा छाया हुआ है। जिसकी वजह से बात कुछ इतनी आगे बढ़ गई है कि कनाडा ने भारतीय दूतावास के एक अधिकारी को कनाडा छोडऩे के लिए कहा है और इसके चलते भारत और कनाडा के रिश्ते रसातल में पहुंचते जा रहे हैं। 

दरअसल कनाडा में चली एक गैंगवार के कारण वहां पर हरदीप सिंह निज्जर नाम के एक आतंकी की संदिग्ध हालत में हत्या हो गई, यह आतंकी भारत से कनाडा गया था। इसकी मौत पर कनाडा के प्रधानमंत्री ने बिना कोई सबूत पेश किए निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर मढ़ दिया। हालांकि इस मुद्दे को लेकर अमरीका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस, जर्मनी जैसे किसी भी बड़े देश ने अभी तक कुछ भी नहीं कहा है। न तो इन देशों ने भारत को लेकर कोई विवादित टिप्पणी की है और न ही मुद्दे पर भारत को निशाना बनाया है, लेकिन ऐसा कभी नहीं हो सकता जब भारत पर किसी ने कोई आरोप लगाए हों और चीन ने उस मुद्दे पर भारत को न घेरा हो। 

चीन का सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स इस मुद्दे में कूद पड़ा है, दरअसल चीन अपने सरकारी अखबार के कंधे पर बंदूक रखकर समय-समय पर अलग-अलग देशों पर निशाना साधता रहता है। इस बार उसने भारत सहित पश्चिमी देशों को अपना निशाना बनाया है। दरअसल भारतीय भगौड़े आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की इस वर्ष जून में हत्या हो गई और यह हत्या कनाडा में हुई थी। वहां पर सिखों की आबादी इतनी है कि वो किसी सरकार को सत्ता में ला सकते हैं या विपक्ष में बैठने को मजबूर कर सकते हैं। भारत विरोधी खालिस्तानी संगठन के कई सक्रिय लोग कनाडा में बसे हुए हैं, ट्रूडो के लिए सिखों का वोट मायने रखता है, इसलिए ट्रूडो ने बिना कोई सबूत पेश किए निज्जर की हत्या का आरोप भारत सरकार के ऊपर मढ़ दिया, जिसे लेकर इस समय दोनों देशों के संबंधों में तल्खी आ गई है। 

इस मुद्दे पर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि हाल ही में दिल्ली में आयोजित हुई जी-20 शिखर सम्मेलन बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कई बड़े नेताओं के साथ व्यक्तिगत बैठक की लेकिन ट्रूडो के साथ एक भी ऐसी बैठक नहीं की, ये दोनों देशों के संबंधों में एक बड़ा मुद्दा बन गया जिसके चलते मामला इतना गरमा गया कि दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को अपना देश छोडऩे का आदेश तक जारी कर दिया। 

इस मुद्दे पर चीन के ग्लोबल टाइम्स ने अमरीका को घेरते हुए लिखा कि यह पूरी घटना मूल्य आधारित सिस्टम की पोल खोलती है जिसे अमरीका संचालित करता है। चीन ने कहा कि अमरीका जो मूल्य आधारित संबंधों की व्याख्या करता है उसकी सच्चाई यह है कि वो आज भारत के ऊपर कुछ भी नहीं बोल रहा है। ग्लोबल टाइम्स अखबार में छपे संपादकीय में चीन ने पश्चिमी देशों को भी निशाने पर लेते हुए कहा है कि ये देश खुद को मानवाधिकारों का संरक्षक मानते हैं और बाकी देशों को मानवाधिकारों पर निशाना बनाते हैं, लेकिन इस समय ये देश भारत के मामले पर चुप हैं क्योंकि ये भारत को चीन विरोधी अपने गुट में शामिल करना चाहते हैं। 


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