खेल तथा युवा सेवाएं विभाग के बजट के लिए जरूरी सुझाव

punjabkesari.in Tuesday, May 10, 2022 - 04:59 AM (IST)

किसी भी विभाग या कार्यालय को सही ढंग से चलाने के लिए जरूरी है कि वह अपने वाॢषक बजट पर बहुत अधिक ध्यान दें तथा बारीकी से इसकी तैयारी करें लेकिन आमतौर पर देखा गया है कि कार्यालय तथा विभाग सबसे कम ध्यान अपने वार्षिक बजट पर देते हैं। यह भी आमतौर पर देखा गया है कि जब तक सरकार द्वारा वार्षिक बजट तैयार करके भेजने के लिए काफी नोटिस, याद पत्र नहीं आ जाते तब तक हम अपना वार्षिक बजट तैयार करने का काम शुरू ही नहीं करते। 

भगवंत मान सरकार ने अपने पहले वार्षिक बजट, जिसे उन्होंने ‘जनता का बजट’ नाम दिया है, पर जनता से सुझाव मांगने का निर्णय किया है जोकि एक अत्यंत अच्छा प्रयास है क्योंकि कार्यालयों में बैठे बाबू तथा अधिकारी के मुकाबलेे फील्ड में लोगों तथा योजनाओं के लाभार्थियों को अधिक पता होता है कि बजट में किन-किन कार्यों तथा योजनाओं के लिए अधिक राशि की जरूरत है। 

वर्तमान समय में सरकारों के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा तथा रोजगार बेशक अत्यंत ध्यान देने के विषय हैं मगर मौजूदा हालातों में ‘खेलें तथा युवा सेवाएं विभाग’ को किसी भी कीमत पर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इस विभाग को वित्तीय वर्ष 2022 में केवल 147 करोड़ रुपए का बजट आबंटित किया गया था जिससे खिलाड़ियों की जरूरतें तो क्या पूरी होनी थीं केवल विभाग के वेतन तथा दफ्तरी खर्चे ही मुश्किल से चल सकते थे। इसलिए यदि पंजाब की जवानी को बचाना है तो युवाओं को नशों से हटाकर खेल मैदानों में लाने के लिए खेलों के बजट में वृद्धि करके इसे 1000 करोड़ रुपए का किया जाना जरूरी है। 

हरियाणा खेल विभाग ने राज्य स्तरीय चैम्पियनशिप, अकादमियों तथा खेल कोचिंग कैम्पों के लिए खिलाडिय़ों का रोजाना खुराक राशि/भत्ता प्रति खिलाड़ी 250 रुपए से बढ़ाकर 400 रुपए कर दिया है जबकि पंजाब में यह केवल 200 रुपए ही है। 

मौजूदा समय में विभिन्न खेल संघों के लिए अपने सिर पर पंजाब के अलग-अलग आयु वर्गों में 6 टीमें (पुरुष तथा महिला) नैशनल चैम्पियनशिप में भेज सकना बहुत मुश्किल हो गया है क्योंकि रेल किराए में पहले जो 50 प्रतिशत की छूट मिलती थी वह अब रेलवे ने वापस ले ली है तथा इसी प्रकार टीमों के 15 दिनों के कोचिंग कैम्प पर जो आज प्रति खिलाड़ी रहन-सहन का कम से कम 400 रुपए का खर्च आता है, यह पहले खेल विभाग करता था, अब खेल संघों के लिए अपने स्तर पर करना बहुत मुश्किल है। 

पंजाब में जिला ओलिम्पिक एसोसिएशनों को पुनर्जीवित किया जाए तथा हर खेल के ब्लाक/तहसील/जिला तथा राज्य स्तर के मुकाबले जिला/राज्य स्तर की खेल एसोसिएशनों के साथ मिल कर पंजाब खेल विभाग द्वारा हर वर्ष करवाए जाने सुनिश्चित बनाए जाएं। इन जिला ओलिम्पिक एसोसिएशनों को जिला स्तरीय मुकाबलों के लिए 5 लाख रुपए की वार्षिक ग्रांट जारी करने का बजट में प्रावधान किया जाए। 

पंजाब सरकार ने पंजाब से आलोप हो रही महिला हाकी को पुनर्जीवित करने के लिए जालंधर में ओलिम्पियन सुरजीत सिंह हाकी अकादमी की तर्ज पर महिला हाकी अकादमी जालंधर में शुरू करने का जो निर्णय किया है उसे अमली जामा पहनाने के लिए खिलाडिऩों के रहन-सहन, खेलों के सामान तथा सालाना खर्चों के लिए बजट में प्रावधान किया जाए। पंजाब सरकार के खेल विभाग में नीति के अनुसार ओलिम्पियन खिलाडिय़ों को 5000 रुपए तथा अंतर्राष्ट्रीय खिलाडिय़ों को 1000 रुपए दी जाने वाली पैंशन बहुत कम है। 

उल्लेखनीय है कि हमारे पड़ोसी राज्य हरियाणा में यह पैंशन काफी समय से 15,000 रुपए दी जा रही है। इस पर पुनर्विचार करते हुए यह पैंशन ओलिम्पियन खिलाडिय़ों को कम से कम 20,000 रुपए तथा अंतर्राष्ट्रीय खिलाडिय़ों को 15 हजार रुपए प्रति महीने का बजट प्रावधान किया जाएगा। 

जालंधर के सुरजीत हाकी स्टेडियम में लगी पुरानी/खराब फ्लड लाइटें एल.ई.डी. लाइटों से बदलने, वी.आई.पी. ब्लाक में फिक्स्ड कुर्सियां साऊंड सिस्टम लगाने, स्टेडियम में मल्टीमीडिया सैंटर-कम-मीटिंग हाल, बाथरूम, सिक्स-ए-साइड हाकी ग्राऊंड की रिपेयर के साथ-साथ खस्ताहाल स्टेडियम की पूर्ण रैनोवेशन के लिए चालू साल के बजट में कम से कम 2.5 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जाए। पंजाब में हर जिले/ डिवीजन में या कलस्टर बनाकर खेल अकादमियां स्थापित की जाएं। उदाहरण के तौर पर फुटबाल होशियारपुर, कपूरथला तथा जालंधर में अधिक मकबूल है, इसलिए फुटबाल अकादमी इन्हीं जिलों में कलस्टर बनाकर होशियारपुर या माहिलपुर में स्थापित की जा सकती है। इसी प्रकार हम हाकी, एथलैटिक्स, बाकिं्सग, बास्केटबाल, वालीबाल आदि खेलों की अकादमियां भी बना सकते हैं। 

बजट में गांव/कस्बे/शहर के लिए जिम, खेल किटों को राजनीतिज्ञ हित को मुख्य रखते बांटने की अघोषित पालिसी पर तुरंत रोक लगाई जाए जिससे जहां हर साल करोड़ों रुपए का नुक्सान होता है, वहीं खिलाड़ी अपनी जरूरत के अनुसार खेलों के सामान से वंचित रह जाते हैं। 

जिन स्टेडियमों में ब्लाक/तहसील/ जिला/राज्य/ अखिल भारतीय स्तर के खेल मुकाबले करवाए जाते हैं उन्हें पुन: रूप से किराया मुक्त किया जाए क्योंकि इनको चलाने वाली संस्थाओं के पास अपनी आय का कोई साधन नहीं होता बल्कि ये लोगों के सहयोग से ऐसी चैम्पियनशिप्स करवाते हैं। महाराजा रणजीत सिंह अवार्ड समारोह हर साल आयोजित किया जाना चाहिए पर इसके लिए एक तिथि निश्चित की जानी चाहिए। जैसा कि 29 अगस्त जिस दिन राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। 

पंजाब सरकार के खेल विभाग द्वारा राज्य में करीब 20 करोड़ रुपए की लागत से चार एस्ट्रोटर्फ लगाई जा रही हैं जिनमें से सुरजीत हाकी स्टेडियम जालंधर में एस्ट्रोटर्फ लग कर तैयार हो चुकी है। इसके अतिरिक्त लुधियाना, अमृतसर, बादल, मोहाली वगैरा में पहले ही एस्ट्रोटर्फ लगी हुई हैं। हम सभी पंजाबी खिलाड़ी पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान तथा खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर से यह पूर्ण आशा करते हैं कि वे उक्त सुझावों पर गौर करते हुए खेलों के विकास के लिए जनता के बजट में से आवश्यक फंड खेलें तथा युवक सेवाएं विभाग पंजाब को उपलब्ध करवाएंगे।-इकबाल सिंह संधू पी.सी.एस. (रिटायर्ड) 


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