पाकिस्तान में ‘कितने गद्दार’

punjabkesari.in Friday, Nov 13, 2020 - 03:52 AM (IST)

हुसैनीवाला से पार प्राप्त सूचनाओं के अनुसार पाकिस्तान में विरोधी पार्टियों पर देशद्रोह का मुकद्दमा चलाए जाने के पश्चात राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। 70 वर्ष के पाकिस्तान में ऐसा पहली बार हुआ है जब एक-आध पार्टी के कार्यकत्र्ताओं ने पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ और आजाद कश्मीर के मुख्यमंत्री और  40 अन्य बड़े लीडरों पर देशद्रोह का मुकद्दमा लाहौर के थाने में दर्ज हुआ। जिस व्यक्ति ने गद्दारी की एफ.आई.आर. दर्ज करवाई उसके विरुद्ध पाकिस्तान में कई आपराधिक केस दर्ज हैं। बदर रशीद जो पाकिस्तान तहरीक-ए पार्टी का कार्यकत्र्ता है मुकद्दमा दर्ज कराने के पश्चात लापता है। 

पाकिस्तान के इतिहास पर पैनी दृष्टि डाली जाए तो पता चलता है कि पाकिस्तान में सियासी लोग जब सत्ता में होते हैं तो देशभक्त कहलाते हैं परन्तु जब उन्हें सत्ता से हटा दिया जाता है तो गद्दार बन जाते हैं। पाकिस्तान में कौन-कौन गद्दार थे इसके बारे में पाकिस्तान में प्रकाशित होने वाले टाइम मैगजीन में लिखा था कि जनरल अयूब खां जब सत्ता में आए तो बाद में चुनावों में उनका मुकाबला फातिमा जिन्ना से हुआ तो उन्हें पता था कि वह किसी भी कीमत पर फातिमा जिन्ना के विरुद्ध चुनाव में जीत नहीं सकते। अयूब खां फातिमा जिन्ना की लोकप्रियता से घबरा गए थे क्योंकि फातिमा लगातार बंदूक वालों की ताकत को ललकार रही थी। 

अल्ताफ गौहर ने अपनी पुस्तक ‘पाकिस्तान और जिन्ना’ में लिखा है कि अयूब खां ने अपना चुनाव जीतने के लिए फातिमा को गैर शादीशुदा औरत कह कर उनके चरित्र पर कई प्रकार के लांछन लगाए थे। चुनाव में धांधली करके जिस प्रकार जनरल अयूब खां पुन: सत्ता में आए किसी से लुकी-छिपी बात नहीं है। जनरल अयूब खां ने फातिमा जिन्ना को अमरीका और भारत की एजैंट करार दिया था। 71 वर्षीय फातिमा जिन्ना को देश का गद्दार करार दे दिया गया। यह बात उल्लेखनीय है कि मोहम्मद अली जिन्ना जिसने पाकिस्तान के निर्माण में अहम भूमिका अदा की थी और पाकिस्तानी कौम ने उनकी बहन को मादरे-मिल्लत की उपाधि से नवाजा था उसे गद्दारे वतन करार दे दिया गया। 

जिस जुल्फिकार अली भुट्टो ने जिया उल हक को सेना अध्यक्ष के पद पर बैठाया था उसी ने जुल्फिकार अली भुट्टो का तख्ता पलट कर उन्हें अहमद शाह कसूरी की हत्या के आरोप में फांसी पर लटका दिया था। अयूब खां को जब सत्ता से हटाया गया तो जनरल याहिया खां ने उनको गद्दारे वतन ऐलान कर दिया। जनरल जिया-उल-हक ने बेनजीर भुट्टो को कई मामलों में फंसा कर देश से बाहर भेज दिया और कौम की गद्दार करार दे दिया गया। 

कारगिल समस्या पर नवाज शरीफ ने जिस प्रकार जनरल मुशर्रफ को सेना अध्यक्ष के पद से हटा दिया, उसके पश्चात जनरल मुशर्रफ ने नवाज शरीफ का तख्ता पलट किया और फिर नवाज शरीफ को पाकिस्तान का गद्दार करार देकर सऊदी अरब भेज दिया गया। जनरल परवेज मुशर्रफ को तो पाकिस्तान की सुप्रीमकोर्ट ने गद्दार करार देकर मौत की सजा सुनाई थी। मुशर्रफ अभी तक पाकिस्तान में नहीं आ सकते। बंगाली सियासत में मौलवी फजलूहक और सोहरावर्दी को भी गद्दार बना दिया था। बलोचिस्तान में मैगलो और बुक्ती कबीलों पर भी गद्दार होने के आरोप लगे। 

पाकिस्तान में प्रकाशित होने वाले उर्दू समाचार पत्र जंग ने अब्दुल रहमान के लेख में सत्ताधारी पार्टी के लोगों से पूछा है कि क्या इस देश में गद्दार ही पैदा होते हैं। अंग्रेजों के राज में जो लोग उनके वफादार होते थे उनको ऊंचे पदों से सम्मानित किया करते थे और उनके विरुद्ध आवाज उठाने वालों और बगावत करने वालों को काले पानी की सजा दी जाती थी।

उन्होंने आगे लिखा है कि पाकिस्तानी सेना अध्यक्ष कमर बाजवा और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी के बीच कोई समझौता अवश्य हुआ है। फौजी जनरल सदैव राजनीतिक विरोधियों को कुचलने के लिए षड्यंत्र रचते रहते हैं। जुल्फिकार अली भुट्टो, जिसने पाकिस्तान को एटमी शक्ति बनाने की नींव रखी थी उसे फांसी पर लटका दिया। नवाज शरीफ जिन्होंने अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल में एटमी धमाका करके पाकिस्तान को एटमी शक्ति बनाया था उन्हें आज इमरान खान की सरकार गद्दार करार दे रही है। आखिर आज पाकिस्तान में हो क्या रहा है? 

पाकिस्तान के साप्ताहिक समाचार पत्र फ्राइडे टाइम में नजम सेठी ने लिखा है कि इमरान खां को राजनीति का मूल पाठ ही पता नहीं। उसे देश की डूबती अर्थव्यवस्था का कोई पता नहीं वह तो केवल राजनीतिक विरोधियों से बदला लेने के लिए कबड्डी-कबड्डी खेल रहा है। अमरीका का जो हश्र अफगानिस्तान में हुआ था वही हश्र इमरान खान का पाकिस्तान में होगा। नजम सेठी ने आगे लिखा है कि पाकिस्तान में अगली गिरफ्तारी मरियम नवाज की होने वाली है क्योंकि इमरान खान की सरकार को सबसे बड़ा खतरा मरियम से है। मरियम इमरान खान पर सबसे बड़े हमले कर रही है। 

वह कहती है कि इमरान खान सरकार संविधान के अनुसार नहीं चल रही बल्कि उसे तो पाकिस्तानी सेना चला रही है। इमरान खान इसलिए दनदना रहे हैं क्योंकि फौज उसके पीछे हैं। नजम सेठी लिखते हैं इस राजनीतिक लड़ाई में नवाज शरीफ का भला हो या इमरान खां का परन्तु पाकिस्तान का नुक्सान अवश्य होने जा रहा है। कश्मीर को लेकर इमरान ने पाकिस्तान के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है। इमरान का लक्ष्य है कि किसी न किसी तरह 5 वर्ष पूरे किए जाएं चाहे पूरे विपक्ष को जेलों में डाला जाए। नैब के जरिए उन पर झूठे-सच्चे केस बनाए जाएं, चुनाव आयोग और सेवा को साथ लेकर विपक्ष का शोषण किया जाए। राजनीति का खतरनाक खेल इमरान खेल रहे हैं। बंदूक की नोक पर बनने वाली सरकारें ज्यादा देर तक नहीं चल सकतीं। अवाम सड़कों पर उतर आए तो इमरान खान क्या करेंगे। 

देश के हित में सोचने वाला हर पाकिस्तानी नागरिक गद्दार समझा जाता है। इमरान खान कहते हैं कि मैं सच्चा हूं बाकी सभी चोर हैं। इमरान  ने यदि अपनी जिद्द नहीं छोड़ी तो उनका नुक्सान अवश्य है उसके साथ पाकिस्तान का भी नुक्सान होगा। पाकिस्तान में गद्दारी एक नगमा बन चुका है।-सुभाष आनंद


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