चीन ने कैसे अपने निजी क्षेत्र का गला घोंट दिया

punjabkesari.in Thursday, Sep 19, 2024 - 05:23 AM (IST)

मानव शरीर के बारे में जानकारी बढ़ाने के लिए समर्पित एक जगह के लिए, शंघाई के पश्चिम में सूजौ में एक विज्ञान पार्क बायोबे में वास्तविक जीवन के बहुत कम संकेत हैं। बायोटैक और फार्मास्युटिकल स्टार्ट-अप वाले 5 मंजिला टॉवर में, इमारत की गहराई में एक ही आवाज सुनाई देती है, एक जनरेटर की आवाज। इसके कई किराएदार या तो चले गए हैं या बंद हो गए हैं और इस क्षेत्र में फंडिंग की कमी का मतलब है कि कई कार्यालय खाली पड़े हैं। अवसरवादी डीलर मलेशिया या इंडोनेशिया में बेचने के लिए सस्ते कम्प्यूटर और प्रयोगशाला उपकरण खरीदने के लिए उभरे और अपने व्यवसाय कार्ड इधर-उधर बिखेर दिए। कई कार्यालय धूल से सने हुए हैं। बायोबे ने कहा कि वह खाली जगहों को नई कंपनियों को ‘उप-पट्टे पर देने’ की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन राज्य द्वारा संचालित पार्क की बेजान स्थिति, जिसे कभी अत्याधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी में चीन की प्रगति का एक शानदार उदाहरण माना जाता था, देश के उद्यम पूंजी उद्योग में एक व्यापक प्रवृत्ति को दर्शाती है। 

बीजिंग स्थित एक कार्यकारी ने उच्च जोखिम वाली स्टार्ट-अप कंपनियों में निजी निवेश के कारोबार का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘अमरीका के बाद चीन दुनिया में सबसे अच्छा वी.सी. गंतव्य हुआ करता था।’’ संस्थापकों और निवेशकों को कोविड 19 महामारी से पहले के गौरवशाली वर्षों में वापसी की बहुत कम उम्मीद है, जब अलीबाबा और टेनसैंट जैसी कंपनियां तेजी से आर्थिक विकास और मोबाइल इंटरनैट के उदय का लाभ उठाकर वैश्विक रूप से महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी कंपनियां बन गई थीं। कार्यकारी ने आगे कहा, ‘‘पूरा उद्योग हमारी आंखों के सामने ही खत्म हो गया है। उद्यमी भावना खत्म हो गई है। यह देखना बहुत दुखद है।’’ आंकड़ों में भी निराशा का भाव झलकता है। डाटा प्रदाता आई.टी. जूजी के अनुसार, 2018 में, जब वी.सी. निवेश अपने चरम पर था, चीन में 51,302 स्टार्ट-अप स्थापित किए गए थे। 2023 तक, यह आंकड़ा गिरकर 1,202 पर आ गया और इस साल और भी कम होने की संभावना है। 

लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में एसोसिएट प्रोफैसर के.यू. जिन का कहना है कि उद्योग ‘चीन की उद्यमशीलता की गतिशीलता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने चेतावनी दी,‘‘वैश्विक निवेश का बहिर्वाह और चीनी कंपनियों के मूल्यांकन में भारी गिरावट देश के नवाचार अभियान को प्रभावित करेगी।’’ इस क्षेत्र में संकट आंशिक रूप से चीनी अर्थव्यवस्था में मंदी को दर्शाता है, जो लंबे समय तक चले कोविड-19 लॉकडाऊन के कारण  प्रॉपर्टी बबल के फटने और इसके इक्विटी बाजारों में ठहराव से प्रभावित हुई है। जैसे-जैसे द्विपक्षीय तनाव बढ़ा है, अमरीका स्थित निवेशक भी बड़े पैमाने पर बाहर निकल गए हैं। लेकिन यह राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा लिए गए राजनीतिक निर्णयों का प्रत्यक्ष परिणाम भी है, जिसने चीन में निजी व्यवसाय के लिए माहौल को नाटकीय रूप से बदल दिया है जिसमें एकाधिकारवादी या कम्युनिस्ट पार्टी के मूल्यों के अनुरूप न होने वाली प्रौद्योगिकी कंपनियों पर कार्रवाई और भ्रष्टाचार विरोधी अभियान शामिल है, जो व्यवसाय समुदाय में व्याप्त है। 

अलीबाबा के जैक मा और टेनसैंट के पोनी मा जैसे संस्थापकों ने चीनी उद्यमियों की एक पीढ़ी को प्रेरित किया, जो अपनी कंपनियों को सार्वजनिक करके एक बड़ा भाग्य बनाना चाहते थे। 2020 की अंतिम तिमाही तक, दोनों कंपनियों की कीमत संयुक्त रूप से $1.5 ट्रिलियन थी। नवंबर 2020 में यह सपना उस समय टूटना शुरू हो गया, जब बीजिंग ने अलीबाबा से अलग होकर बनी एक फिनटेक कंपनी एंट ग्रुप के आई.पी.ओ. को रद्द कर दिया। जैक मा को अधिकारियों ने ‘पर्यवेक्षी साक्षात्कार’ के लिए बुलाया, जिससे प्रौद्योगिकी क्षेत्र पर व्यापक कार्रवाई शुरू हुई, जिसने चीन में निवेश की अप्रत्याशितता को रेखांकित किया। तब से, जोखिम लेने वाले उद्यमियों की एक पीढ़ी को प्रेरित करने वाला आशावाद व्यवस्थित रूप से खत्म हो गया है। शंघाई में एक सीरियल संस्थापक कहते हैं, ‘‘कंपनी शुरू करने का कोई अच्छा कारण नहीं है। हमें जोखिम क्यों उठाना चाहिए? हमने 5 साल तक स्टार्ट-अप खो दिए हैं।’’ 

कई स्टार्ट-अप कंपनियों ने निवेशकों को इस आधार पर हिस्सेदारी बेची कि अगर वे शेयर बाजार में सूचीबद्ध नहीं हुए या किसी निश्चित तिथि तक अधिग्रहित नहीं हुए तो वे उन शेयरों को वापस खरीद लेंगे। लेकिन विफलताओं की एक लहर ने वी.सी. फर्मों को अदालतों के माध्यम से अपनी दिवालिया निवेशित कंपनियों से संपत्ति वापस लेने की कोशिश करने के लिए प्रेरित किया है। चीनी व्यापार प्रकाशन कैक्सिन ने अगस्त में बताया कि देश के प्रमुख सरकारी स्वामित्व वाली वी.सी., शेन्जेन कैपिटल ग्रुप ने 2023 से 41 मुकद्दमे दायर किए हैं, जिनमें से 35 उन कंपनियों के खिलाफ थे जो एक निर्धारित तिथि तक सार्वजनिक होने में विफल रहीं और शेयरों को पुनर्खरीद नहीं किया। शंघाई में स्थित एक अन्य कार्यकारी ने कहा, ‘‘यह उद्योग 10,000 पाऊंड का गोरिल्ला हुआ करता था। अब हम चिम्पांजी के आकार तक सिमट रहे हैं।’’ इस तरह चीन ने अपने निजी क्षेत्र का गला घोंट रखा है।-एलेनोर ओल्कोट और वांग जुएकियाओ


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