काश! राहुल गांधी ने 2009 में प्रधानमंत्री बनने की बात कही होती

punjabkesari.in Monday, May 14, 2018 - 04:22 AM (IST)

बेंगलूर में मीडिया कर्मियों से बातें करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने घोषणा की कि 2019 में यदि उनकी पार्टी संसद में सबसे बड़े दल के रूप में उभरती है तो वह देश का प्रधानमंत्री बनने के लिए तैयार हैं। 

यदि राहुल ने ऐसी भावनाएं 2009 में व्यक्त की होतीं तो उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने में कोई बात भी रोक नहीं सकती थी, लेकिन अगले वर्ष भाजपा विरोधी खेमे में इस शीर्ष पद के लिए अन्य कई दावेदार भी खंभ ठोकेंगे। इसके अलावा कांग्रेस सम्पूर्ण विपक्ष के प्रतिनिधित्व की हैसियत अब नहीं रखती क्योंकि तृणमूल कांग्रेस (तमकां), राजद, द्रमुक, बीजद और अन्नाद्रमुक ने भारत के मुख्य न्यायाधीश के विरुद्ध महाभियोग प्रस्ताव के मुद्दे पर कांग्रेस और वाम पार्टियों से हाथ मिलाने से इंकार कर दिया था। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस मुद्दे को उठाया और विपक्ष की एकता तोडऩे का प्रयास कर रहे हैं क्योंकि शरद पवार, ममता बनर्जी, एन. चंद्रबाबू नायडू आदि सभी नेता प्रधानमंत्री पद के लिए दावेदार हैं। 

उत्तराखंड भाजपा में अंतर्कलह 
उत्तराखंड भाजपा में अंतर्कलह थमने का नाम नहीं ले रही। ऐसा लगता है कि भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व भी अंतर्कलह रोकने में कोई रुचि नहीं रखता। भाजपा नेता अब मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत पर कांग्रेस का समर्थन करने का आरोप लगा रहे हैं क्योंकि उन्होंने प्रदेश की राजधानी के वी.वी.आई.पी. इलाके यमुना कालोनी में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रीतम सिंह को एक बंगला अलॉट किया है जबकि उनके पूर्ववर्ती प्रदेशाध्यक्ष अजय भट्ट के पास पहले ही सरकारी बंगला है। इससे पहले जब विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के बेटे की नियुक्ति पर विवाद शुरू हुआ था तो  कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रीतम सिंह ने अग्रवाल के बेटे के पक्ष में बयान दिया था। अब भाजपा नेता खुलकर कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत कांग्रेस नेताओं की सलाह पर ही काम कर रहे हैं। उत्तराखंड के राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल, सतपाल महाराज और यशपाल आर्य जैसे जो लोग कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं उन्हें उत्तराखंड के वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व की तुलना में कम महत्व दिया जा रहा है। 

पश्चिम बंगाल में भाजपा के मुस्लिमों पर डोरे 
भाजपा ने पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में 1000 से भी अधिक मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है क्योंकि उसे लगता है कि अल्पसंख्यक मतदाताओं की हमदर्दी हासिल किए बिना वह इस प्रदेश में जीत हासिल नहीं कर सकती। भाजपा नेता भली-भांति जानते हैं कि तमकां अल्पसंख्यक वोटों के बल पर ही सत्तासीन हुई और 34 वर्ष तक बंगाल में राज करने वाले वाम मोर्चे को पराजित कर सकी थी। 

पश्चिम बंगाल में आयोजित अल्पसंख्यक सम्मेलन के माध्यम से भाजपा अल्पसंख्यकों के प्रति अपने रवैये में बदलाव के संकेत दे चुकी है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष दिलीप घोष ने घोषणा की है कि यदि तमकां ने नामांकन दाखिल करने के मौके पर हाथापाई और तू-तू मैं-मैं का आयोजन न किया होता तो भाजपा की ओर से 2000 से अधिक अल्पसंख्यक उम्मीदवारों ने कागज दायर किए होते। भाजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष अली हसन ने दावा किया है कि वर्तमान में राज्य के अल्पसंख्यक भाजपा के प्रति किसी प्रकार का वैर-भाव नहीं रखते और ऐसा मानते हैं कि यदि भाजपा सत्ता में आती है तो अल्पसंख्यकों को विकास में प्राथमिकता मिलेगी। 

शरद यादव बनाएंगे नई पार्टी
हाल ही में के.सी. त्यागी तथा अन्य जद (यू) नेताओं ने चुनाव आयोग से मुलाकात की और शरद यादव द्वारा खाली की गई राज्यसभा सीट के लिए शीघ्रातिशीघ्र चुनाव करवाने का अनुरोध किया। यह सीट औपचारिक रूप में अगले माह खाली हो जाएगी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने किसी खासमखास को राज्यसभा में भेजना चाहते हैं क्योंकि वह शरद यादव को पसंद नहीं करते। लालू और नीतीश में संबंध विच्छेद होने के बाद शरद यादव राजद की मीटिंग में गए थे और उस दिन से नीतीश कुमार उन्हें अपना दुश्मन समझ रहे हैं तथा उन्हें राज्यसभा में जद (यू) के संसदीय नेता के पद से भी हटा दिया है। इसी बीच शरद यादव 18 मई को तालकटोरा स्टेडियम में एक सम्मेलन का आयोजन करने जा रहे हैं जहां वह अपनी नई पार्टी ‘लोकतांत्रिक जनता दल’ की घोषणा करेंगे।-राहिल नोरा चोपड़ा


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Pardeep

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