देश के नेताओं से

punjabkesari.in Thursday, May 04, 2017 - 02:05 PM (IST)

मुझे समझ में नहीं आता कि यहां के नेता और यहां के वो लोग जो हर चीज पर राजनीति करना शुरू कर देते हैं। पता नहीं कब ये देश इन सब चीजों से ऊपर उठकर सोचेंगे। पहले तो हमारे देश के सुप्रीम कोर्ट को ये तय कर देना चाहिए कि जो ग्रेजुएट हो वही लीडर बने। हमारे देश में कोई भी घटना होती है जैसे रेप हो चाहे कुलभूषण जाधव की बात हो। वो कहेंगे अगर हम सरकार में होते तो ये कर देते, उनसे कहना चाहूंगा कि राजनीति और अपना स्वार्थ छोड़कर सबसे पहले ये देखें कि हम भारत के लोग है, हम उनके लिए क्या कर सकते हैं नहीं तो उन लोगो से प्रार्थना है। जाकर पहले संविधान की प्रस्तावना पढ़ कर आए वो क्या कहता है हम भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण।


प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को संसद में हर आदमी को क्यों नहीं पढ़ाया जाता है संविधान की प्रस्तावना या जो पढ़े लिखे ना हो उनके बताया या सुनाया जाए कि उनसे उन्हें सीख मिलेगी कि पहले हम भारत के नेता है भारत के लिए काम करना है पार्टी के लिए बाद में सब सवार्थ के लिए काम करते है मुझे मंत्री बना दिया जाएगा या ये पद मिल जाएगा वो मिल जाएगा।


क्या होता जब आजादी दिलाने वाले लोग भी महात्मा गांधी, भगत सिंह,चन्द्र शेखर आज़ाद आदि जितने भी थे ये भी अंग्रेजों से मिलकर अपनी सवार्थ के लिए सोचते तो हमारा देश आज़ाद भी नहीं होता जैसा आज माहौल है इन लोगों को देखना चाहिए उनके बलिदान को भूलना नहीं चाहिए उनके सपने क्या थे आज़ादी के 70 साल बाद भी हमारे यहां के नेता लोगों को बिजली और पानी देने की बात चल रही है। दुनिया कहां से कहां पहुंच गई अब तो यहां लोगों को ही सोचना पड़ेगा और कुछ करना पड़ेगा। यह लेखक के आपने विचार हैं। पंजाब केसरी इन विचारों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इत्तेफाक नहीं रखेगा।
 
                                                                                                                                                         - विकास कुमार गिरि


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