चीन ने एक बार फिर यू.एन. में भारत का रास्ता रोका

punjabkesari.in Friday, May 19, 2023 - 06:39 AM (IST)

चीन हमेशा भारत के खिलाफ काम करता रहा है और उसके कदमों को देखकर लगता है कि आगे भी वह भारत के खिलाफ न सिर्फ काम करेगा बल्कि संयुक्त राष्ट्र में भारत के आगे रोड़े भी अटकाएगा। अभी हाल ही में जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेकर चीनी विदेश मंत्री छिन कांग पाकिस्तान पहुंचे और वहां पहुंचकर उन्होंने पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के साथ एक बैठक की जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के साथ जो समझौते किए वे भारत को घेरने की नीयत से किए गए थे। हालांकि छिन कांग ने भारत आकर एक नई शुरूआत करने की बात भी कही थी लेकिन चीन भी पाकिस्तान की ही तरह भारत का दुश्मन देश है जिसकी करनी और कथनी में बहुत अंतर है। 

दरअसल भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 1267 अनुच्छेद के तहत पाकिस्तान स्थित इस्लामी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी अब्दुल रऊफ अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकियों की काली सूची में शामिल कराना चाहता था लेकिन चीन ने भारत के इस कदम को रोक दिया। इसी सूची के तहत आई.एस.आई.एल. और अल कायदा जैसे अंतर्राष्ट्रीय इस्लामिक आतंकी संगठनों पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है और भारत इसी सूची में अब्दुल रऊफ का नाम भी डलवाना चाहता था लेकिन चीन ने ऐसा नहीं होने दिया। 

50 साल के इस्लामी आतंकी अब्दुल रऊफ पर वर्ष 2010 में अमरीका ने प्रतिबंध लगाया था, वो इस समय पाकिस्तान में रहता है। अगर भारत के कहने पर अब्दुल रऊफ अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया जाता तो पाकिस्तान की रऊफ की सम्पत्ति को सील करना पड़ता। उसके सारे बैंक खातों को सीज करना पड़ता साथ ही उसके ऊपर कहीं भी यात्रा करने पर प्रतिबंध लग जाता और उसके ऊपर हथियार रखने पर भी प्रतिबंध लगा दिया जाता। चीन ने अब्दुल रऊफ को पिछले वर्ष अगस्त महीने में भी भारत द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने की मांग से ऐसे ही बचाया था। उस समय भारत और अमरीका मिलकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अब्दुल रऊफ को अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित करना चाहते थे। 

चीन शुरू से ही भारत के खिलाफ ऐसे काम करता आया है, भारत जैश-ए-मोहम्मद, जमात-उद-दावा, लश्कर-ए-तोयबा जैसे खतरनाक इस्लामी आतंकी संगठनों से जुड़े हुए 10 आतंकियों की सूची संयुक्त राष्ट्र में भेजता है तो चीन इन 10 नामों पर भारत के कदम को ब्लाक कर देता है। चीन की मंशा इससे साफ होती है कि वह चाहता है कि भारत अपनी परेशानियों में उलझा रहे जिससे चीन की आगे बढऩे की राह आसान रहे, चीन ऐसा इसलिए भी करता है क्योंकि वह भारत की शक्ति को अच्छी तरह पहचानता है कि यहां पर प्रतिभा, परिश्रमी लोग और आगे बढऩे के लिए जिन बातों की जरूरत है वह सब भारत में मौजूद है। 

अगर भारत आगे बढऩे लगा तो चीन को भी पीछे छोड़ देगा। चीन अक्सर ऐसा ही करता है आतंकियों के नामों के आगे बढऩे का रास्ता बंद कर देता है। फिर कुछ वर्षों के बाद एक-दो नाम पर से अपना प्रतिबंध हटा लेता है जिससे यह दिखाया जा सके कि चीन आतंकवाद से लडऩे में भारत का सहयोग कर रहा है। 


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