अमरीका व यूरोप के लिए ‘भस्मासुर’ हैं अवैध प्रवासी

punjabkesari.in Wednesday, Jun 27, 2018 - 04:36 AM (IST)

अमरीका की कठोर प्रवासी नीति के खिलाफ दुनिया भर में आक्रोश देखा जा रहा है। यह कहा जा रहा है कि अमरीका ने अंतर्राष्ट्रीय संधियों और प्रतिबद्धताओं से न केवल मुंह मोड़ लिया है बल्कि मानवता को शर्मसार करने वाली नीतियों व क्रूरता को अपना रखा है। 

खास कर मानवाधिकार संगठन काफी आक्रोशित हैं। सिर्फ  इतना ही नहीं बल्कि डोनाल्ड ट्रम्प की बीवी भी आलोचना में शामिल हो चुकी है और उन अबोध बच्चों से मिल चुकी है जो मां-बाप से अलग कर दिए गए हैं तथा जिन्हें सरकारी घेरेबंदी में कैद कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि अमरीका में हजारों अवैध प्रवासियों को पकड़ कर जेलों में डाल दिया गया है और उन्हें उनके बच्चों से अलग भी कर दिया गया है। 

अमरीका में अवैध प्रवासियों को लेकर दो धाराएं बह रही हैं। एक धारा मानवाधिकार संगठनों और अवैध प्रवासियों के समर्थकों की है जो मानवता की आड़ में अवैध प्रवासियों की घुसपैठ को जायज ठहराते हैं, अवैध प्रवासियों की हर आपराधिक और अस्वीकार्य गतिविधियों व करतूतों पर पर्दा डालते हैं। दूसरी धारा राष्ट्रवादियों की है जो यह मानते हैं कि अवैध प्रवासी उनके अधिकार और उनके संसाधनों पर कब्जा जमा लेते हैं और फिर उन्हें ही बेदखल करते हैं, उनकी संस्कृति और सभ्यता पर जेहादी मानसिकताएं थोप देते हैं। 

सही तो यह है कि जब अलकायदा ने अमरीकी वल्र्ड ट्रेड सैंटर पर हमला कर हजारों लोगों को मौत के घाट उतार दिया था तभी से ही अमरीका में अवैध प्रवासियों का प्रसंग गर्म है और राष्ट्रवादी किसी भी परिस्थिति में अवैध प्रवासियों को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। अमरीकी राष्ट्रवादी कहते हैं कि दुनिया को अब अवैध प्रवासियों को लेकर अपनी दृष्टि बदलनी चाहिए, ये प्रवासी न होकर संप्रभुत्ता के लिए खतरे की घंटी हैं। अवैध प्रवासी भस्मासुर भी हैं। अमरीका और यूरोप वर्तमान में अवैध घुसपैठ की समस्या से जूझ रहे हैं। 

डोनाल्ड ट्रम्प की अवैध प्रवासी नीति काफी कठोर है पर वह दृढ़ता के साथ कहते हैं कि सिर्फ अवैध प्रवासियों का ही मानवाधिकार नहीं है बल्कि उनका भी मानवाधिकार है जिनकी जगहों और संसाधनों पर कब्जा कर अवैध प्रवासी बैठ जाते हैं। आखिर असफल, ङ्क्षहसक और जेहादी मानसिकता के लोग अमरीका में अवैध रूप से घुस कर बसना क्यों चाहते हैं? अवैध प्रवासी अपने मूल देश को स्वच्छ, सुंदर और समृद्ध बनाने के लिए संघर्ष और आंदोलन क्यों नहीं करते हैं? वे पलायनवादी क्यों होते हैं? इन प्रश्नों का उत्तर कभी भी मानवाधिकार संगठन और अवैध प्रवासियों के संरक्षककत्र्ता नहीं देते हैं। देखा यह गया है कि अवैध प्रवासी खुद भी अपने मूल देश की अराजकता, ङ्क्षहसा के साथ-साथ अर्थव्यवस्था विध्वंस के दोषी हैं। 

कहीं ऊंची जन्म दर, कहीं जेहादी जन्म दर भी समस्याएं खड़ी करती है। जनसंख्या विस्फोट से न केवल आबादी बढ़ती है तथा अर्थव्यवस्था का विध्वंस होता है बल्कि हिंसा, अराजकता और गृह युद्ध की समस्याएं खड़ी होती हैं पर न तो जनता और न सरकारें ही ऊंची जन्म दर को रोकने में दिलचस्पी लेती हैं।परिणामस्वरूप भुखमरी की स्थिति पैदा होती है। राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए डोनाल्ड ट्रम्प ने कठोर अवैध प्रवासी नीति घोषित की थी। उन्होंने वायदा किया था कि हर कीमत पर अवैध प्रवासी घुसपैठ को रोका जाएगा, अमरीका को अवैध घुसपैठियों से मुक्त कराया जाएगा और जो अवैध घुसपैठिए अमरीका की स्वतंत्रता के खिलाफ  सक्रिय होते हैं, उन्हें जेलों में डाल दिया जाएगा, उन्हें अमरीकी कानूनों का प्रहार झेलना होगा। मैक्सिको की सीमा दीवार से बांधी जाएगी। उल्लेखनीय है कि मैक्सिको की सीमा से अवैध घुसपैठ होती है।

मैक्सिको और अमरीका की सीमा हजारों किलोमीटर तक फैली हुई है, मरुस्थल फैला हुआ है, जिसके कारण घुसपैठ पर लगाम लगाना आसान काम नहीं है। अवैध प्रवासियों का एक बड़ा हिस्सा जो इस्लामवादी है, ने राष्ट्रपति चुनावों में सरेआम डोनाल्ड ट्रम्प को हराने का अभियान चलाया था और इस अभियान में कहा गया था कि ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने पर इस्लाम खतरे में पड़ेगा और अवैध प्रवासियों की समस्याएं बढ़ेंगी। अमरीकी राष्ट्रवादियों ने ऐसे अभियान की प्रतिक्रिया काफी भीषण दी थी और ऐसे अभियान को संप्रभुत्ता विरोधी करार दिया था। राष्ट्रवादियों के समर्थन से डोनाल्ड ट्रम्प ने राष्ट्रपति का चुनाव जीत कर सभी को हत्प्रभ कर दिया था। 

डोनाल्ड ट्रम्प ने राष्ट्रपति बनने के साथ कई मुस्लिम देशों की मुस्लिम आबादी के अमरीका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। अमरीका में रहने वाली मुस्लिम आबादी को कड़ा संदेश दिया था कि अगर अमरीकी संप्रभुत्ता को नुक्सान पहुंचाया तो फिर उन्हें उनके मूल देश भेज दिया जाएगा। सबसे बड़ी बात यह है कि अमरीका में अधिकतर घुसपैठ लातिन अमरीकी देशों से होती है। एक भी लातिन अमरीकी देश ऐसा नहीं है जिसकी अर्थव्यवस्था अमरीका या फिर यूरोप जैसी है जबकि अमरीका और यूरोप की अर्थव्यवस्था भले ही भारत और चीन की अर्थव्यवस्था की तरह वर्तमान में गतिशील नहीं है, फिर भी इनकी अर्थव्यवस्था अपने नागरिकों के लिए सुखद स्थितियां उत्पन्न करती है। विकास और उन्नति के प्रसंग पर अमरीका और यूरोप की तुलना तीसरी दुनिया से की ही नहीं जा सकती है।

अमरीका और यूरोप में अवैध घुसपैठिए क्यों पैर पसारे बैठे हैं? इस प्रश्न का जवाब यह है कि अवैध घुसपैठिए अपने और अपने परिवार के जीवन को अमरीका और यूरोप के नागरिकों की तरह सुखमय बनाना चाहते हैं। कई अवैध प्रवासी जेहादी मानसिकताएं लेकर अमरीका और यूरोप में प्रवेश करते हैं और मानवाधिकार मांगते हैं। मानवाधिकार के नाम पर अपने आप को स्थापित कर ऐसी अवैध प्रवासी मानसिकताएं खतरनाक और भस्मासुर हो जाती हैं। अमरीका में अवैध प्रवासियों के खिलाफ रोष को डोनाल्ड ट्रम्प भी ठंडा नहीं कर सकते हैं? आखिर क्यों? इसका उत्तर यह है कि आक्रोश चरम सीमा पर है। दुनिया को अब अवैध प्रवासियों पर अपनी दृष्टि बदलनी चाहिए। अवैध प्रवासियों को भस्मासुर बनने की मानसिकता छोडऩी चाहिए।-विष्णु गुप्त


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