ट्रम्प पर हमले से अमरीकी समाज में बढ़ सकता है तनाव

punjabkesari.in Wednesday, Jul 17, 2024 - 05:38 AM (IST)

ट्रम्प,पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति,हमले ,तनाव  , अनिश्चितताओं र राष्ट्रपति पद के संभावित रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प पर सप्ताहांत में की गई हत्या की नाकाम कोशिश 2024 के अमरीकी राष्ट्रपति चुनावों में बड़ा बदलाव ला सकती है। घायल कान, चेहरे पर बहता हुआ खून लेकिन दृढ़ निश्चयी और लडऩे के जज्बे वाले ट्रम्प की तस्वीर (मुट्ठी बांधकर हवा में मुक्का मारते हुए) आने वाले कुछ समय के लिए अमरीकी राजनीति की परिभाषित छवि बनने की उम्मीद है। यह मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन की छवि के लिए एक अलग तरह की चुनौती पेश करता है, जिन्हें अपनी उम्र और स्वास्थ्य को लेकर अनिश्चितताओं के कारण राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने के लिए लगातार जोरदार आवाजों का सामना करना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हत्या की कोशिश की ‘कड़ी निंदा’ करने वाले पहले लोगों में से थे। 

‘‘मेरे मित्र, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर हुए हमले से बहुत चिंतित हूं। राजनीति और लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं मृतकों के परिवार, घायलों और अमरीकी लोगों के साथ हैं।’’ पी.एम. ने एक्स पर पोस्ट किया। अमरीका में, रिपब्लिकन और डैमोक्रेट दोनों ने हमले की ङ्क्षनदा की है। घटना के बाद राष्ट्रपति बाइडेन ने ट्रम्प से बात की। राष्ट्रपति ने कहा ‘‘अमरीका में इस तरह की ङ्क्षहसा के लिए कोई जगह नहीं है... यह बीमार करने वाली बात है।’’ बाइडेन के हवाले से कहा गया है, ‘‘यही एक कारण है कि हमें इस देश को एकजुट करना है। आप ऐसा होने की अनुमति नहीं दे सकते। हम ऐसे नहीं हो सकते। हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते।’’ 

पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश और बराक ओबामा ने भी ट्रम्प की जान लेने की कोशिश को अस्वीकार किया है। लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि दोनों पक्षों की ओर से हमले की ङ्क्षनदा अमरीकी राजनीति में मतभेद को दूर करेगी या नहीं। वास्तव में, ध्रुवीकरण इतना मजबूत है कि हमला अमरीकी समाज में तनाव को बढ़ा सकता है। हमला किस वजह से हुआ, यह स्पष्ट नहीं है। लेकिन यह ट्रम्प द्वारा खुद को उन डैमोक्रेट्स का शिकार बताए जाने की पृष्ठभूमि में हुआ है, जिनका घोषित उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि ट्रम्प को नवंबर के चुनावों में किसी भी कीमत पर जीतने से रोका जाए। 

ट्रम्प ने खुद भी डैमोक्रेट्स पर उन्हें फर्जी मामलों और आरोपों में फंसाने का आरोप लगाने का कोई मौका नहीं गंवाया, जिसका उद्देश्य राष्ट्रपति पद हासिल करने के उनके अवसरों को बाधित करना था। इसलिए, ट्रम्प को सहानुभूति वोट मिलना तय है। अगर पेंसिल्वेनिया की भीड़ के उद्घोष को कुछ भी कहा जाए, तो उनके समर्थक और अन्य लोग उनके पीछे खड़े हो जाएंगे। वह उन अनिश्चित मतदाताओं के वोट भी जीत सकते हैं, जो ट्रम्प के विरोध में अन्य रिपब्लिकन उम्मीदवारों का समर्थन कर रहे थे। 
विडंबना यह है कि हत्या की कोशिश राष्ट्रीय और मीडिया की नजरों को बाइडेन से हटाकर सीधे ट्रम्प पर डाल देती है। इसका मतलब यह हो सकता है कि बाइडेन ट्रम्प के प्रतिद्वंद्वी के रूप में बने रहेंगे, जिससे रिपब्लिकन्स के लिए व्हाइट हाऊस हासिल करने की पूर्व राष्ट्रपति की संभावनाएं बढ़ेंगी। सभी तरह से, रिपब्लिकन पार्टी में मूड उत्साहपूर्ण है। पार्टी इसे बहुत बड़े राजनीतिक परिणाम के रूप में देख रही है। विस्कॉन्सिन में इस सप्ताह शुरू होने वाली रिपब्लिकन नैशनल कन्वैंशन ट्रम्प को अपने उम्मीदवार के रूप में समर्थन देगी।

भारत में, निर्णय और नीति निर्माता निस्संदेह स्थिति को ध्यान से देख रहे होंगे क्योंकि उन्होंने कई वर्षों से इस रिश्ते में गहराई से निवेश किया है। और इन वर्षों में, नई दिल्ली ने संतुलन बनाए रखा है- राजनीतिक विभाजन के दोनों पक्षों के राजनेताओं के साथ संबंध बनाए रखना। अमरीका में किसी भी तरह की राजनीतिक अस्थिरता का मतलब दुनिया के लिए बुरी खबर ही हो सकता है, जो कोविड-19 महामारी के प्रभाव से मुश्किल से उबर पाई है और यूरोप व मध्य-पूर्व में दो संघर्षों के प्रभाव से जूझ रही है। यह बात भारत पर भी लागू होती है।(लेखक पूर्व विदेश सचिव एवं बंगलादेश में भारत के उच्चायुक्त।)-हर्ष वद्र्धन शाृंगला


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