शादी के बाद अवैध संबंधों से रिश्तों में आ रही दरार

punjabkesari.in Thursday, Jul 01, 2021 - 06:10 AM (IST)

हाल ही में दिल्ली में एक महिला ने अपने मित्र के साथ मिलकर अपने पति की हत्या करा दी। जिस आदमी ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर हत्या को अंजाम दिया, वह महिला के घर में किराएदार था। महिला से संबंध हो जाने के बाद, पति को रास्ते से हटाने का सबसे अच्छा तरीका उसकी हत्या लगा। कुछ साल पहले गुडग़ांव से भी एक खबर आई थी। जिसमें साथ काम करने वाले दो लोगों में प्रेम हो गया। महिला और पुरुष दोनों विवाहित थे। दोनों के बच्चे भी थे। लेकिन दोनों साथ रह सकें और नया परिवार बसा सकें, इसके लिए पुराने विवाह से मुक्त होना जरूरी था। महिला ने अपने पति को बताया। वह तो अपनी पत्नी को तलाक देने को तैयार हो गया, लेकिन पुरुष मित्र की पत्नी इस बात के लिए किसी भी तरह तैयार नहीं हुई। 

तब महिला मित्र ने पुरुष मित्र से कहा कि जब तक वह अपनी पत्नी से मुक्ति नहीं पाता, तब तक कुछ नहीं हो सकता। आश्चर्य यह भी कि एक महिला ही दूसरी महिला की हत्या के लिए पुरुष को उकसा रही थी। पत्नी को मारने के लिए यह आदमी उसे पहाड़ों पर भी ले गया, मगर पत्नी को पहाड़ से धक्का देने की हिम्मत नहीं हुई। लेकिन लौटकर उसने पत्नी की हत्या कर दी। ऐसे में जैसा हो सकता है, तमाम सबूतों के आधार पर दोनों को पकड़ लिया गया। सोचिए कि न केवल दोनों के परिवार तबाह हुए, बल्कि तमाम रिश्तेदार, नातेदार, माता-पिता, भाई-बहनों पर क्या गुजरी होगी। 

ऐसे मामलों में हत्या के बहुत से तरीके अपनाए जाते हैं। कभी शराब पिलाकर पत्थर बांधकर पानी में फैंक दिया जाता है। कभी किसी पेय में नशीला पदार्थ या जहर मिलाकर काम तमाम कर दिया जाता है, तो कभी सीधे गोली ही मार दी जाती है। मथुरा की वह लड़की तो याद ही होगी, जिसने अपने प्रेमी के कारण अपने माता-पिता और भाई के परिवार को जहर देकर मार दिया था। बहुत साल पहले एक महिला ने तो अपने बच्चों को ही जलाकर मार दिया था। प्यार की कोमल अनुभूतियां इतनी नृशंसता पैदा कैसे करती हैं कि अपने आसपास मित्र, परिजनों, यहां तक कि बच्चों तक की हत्या से परहेज नहीं होता। यह समझ में नहीं आता न कोई बता सकता है कि प्यार और हत्या का इतना नजदीकी संबंध क्यों बन चला है। 

पुराना जो वह वाक्य बोला जाता था कि प्यार अंधा होता है, वह अच्छा-बुरा कुछ नहीं सोचता। न यह याल आता है कि अगर पकड़े गए तो क्या होगा। जेल जाएंगे, फांसी भी हो सकती है, समाज में बदनामी होगी, वह अलग से। सोचते तो जानते ही कि हत्या जैसा अपराध करेंगे, तो एक दिन पकड़े ही जाएंगे। शादी के मंडप से भागना, या जिस बस में दुल्हन जा रही है, उसके किसी रैड लाइट पर रुकते ही दुल्हन का बस से उतरकर साथ-साथ चल रही मोटर साइकिल पर चले जाना, या पुराने प्रेमी का ससुराल के घर में भाई बनकर रहना और मौका मिलते ही लड़की को लेकर उड़ जाना, अथवा रास्ते में कार रोककर दुल्हन का अपहरण आदि न जाने कितनी घटनाएं हैं, जिनकी खबरें इन दिनों रोज आती रहती हैं। महेश भट्ट की फिल्म, दिल है कि मानता नहीं में अनुपम खेर अपनी ही बेटी को मंडप से भगा देता है। यह फिल्म दशकों पहले आई थी, मगर जीवन में इन दिनों ऐसा बहुत दिखाई देने लगा है। 

2019 में एन सी आर बी के आंकड़ों के अनुसार 2001 से 2017 तक भारत में हत्याओं का एक बड़ा कारण प्यार रहा है। आंध्र प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, पंजाब, गुजरात, तमिलनाडु  में हत्या का दूसरा सबसे बड़ा कारण प्रेम स बंध थे। इसमें विवाहेत्तर संबंध और प्रेम त्रिकोण ज्यादा थे। इस तरह की हत्याओं में अन्य कारणों से हत्या के मुकाबले, अट्ठाईस प्रतिशत की बढ़त देखी गई। इस तरह  हत्याओं के बड़े कारण सामाजिक और राजनीतिक होते हैं। इसमें जाति और धर्म का अलग-अलग होना भी शामिल है। पिछले दिनों अयोध्या के मशहूर ज्योतिषी सुशील कुमार सिंह ने भी लगभग एन सी आर बी के आंकड़ों की बातों की पुष्टि की थी। उन्होंने बताया था कि इन दिनों उनके पास कुल मामलों में विवाहेत्तर स बंधों की समस्याओं के मामले सत्तर प्रतिशत तक होते हैं। 

समाज शास्त्री और मनोवैज्ञानिक विवाहेत्तर संबंधों का एक बड़ा कारण, लड़कियों, स्त्रियों के खुद के निर्णय लेने की क्षमता और आपस में घुलने-मिलने के अधिक अवसरों को बताते हैं। बहुत-से लोग हर हाथ में मोबाइल  होने और सोशल मीडिया को भी इसके लिए जि मेदार मानते हैं। कारण जो भी हो, मगर विवाह के बाद एक-दूसरे का जो भरोसा होता है, प्रेम होता है, वह टूट रहा है। स्त्री-पुरुष, दोनों इसे तोड़ रहे हैं।-क्षमा शर्मा


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