इस वजह से भारत में बंद होगा Volkswagen Polo के प्रोडक्शन का काम

punjabkesari.in Tuesday, Feb 22, 2022 - 12:49 PM (IST)

ऑटो डेस्क: Volkswagen भारत में 12 साल बाद पोलो के प्रोडक्शन का काम बंद करने जा रहा है। कंपनी द्वारा 2010 में महाराष्ट्र के चाकन प्लांट में इस प्रीमियम हैचबैक का प्रोडक्शन शुरू किया था। और यह भारत में अब तक VW का सबसे ज्यादा बिकने वाला मॉडल है, जिसकी 2.5 लाख से अधिक यूनिट्स की सेल हो चुकी है।  

कंपनी द्वारा इसके प्रोडक्शन को बंद किए जाने के पीछे का मुख्य कारण अपकमिंग सेडान वेंटो हो सकती है। जोकि पूरी तरह से मेड-फॉर-इंडिया और MQB-A0-IN- प्लेटफार्म पर बेस्ड होगी।  कंपनी द्वारा पोलो के प्रोडक्शन का काम कब बंद किया जाएगा, इसके बारे में फिलहाल कोई जानकारी सामने नहीं आई है। आइए देखते हैं कि पिछले 12 सालों में कैसा इतिहास रहा फोक्सवैगन पोलो का।

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Volkswagen ने मार्च 2010 में पोलो को 1.2-लीटर नेचुरली एस्पिरेटेड पेट्रोल इंजन और 1.2-लीटर टर्बो डीजल इंजन के साथ पेश किया। जिसके बाद सितंबर 2010 में ग्राहको  के लिए इसे एक बार फिर से 1.6-लीटर नेचुरली एस्पिरेटेड इंजन के साथ पेश किया गया। और इस इंजन को  मैनुअल गियरबॉक्स के साथ जोड़ा गया, जो कि एक मजेदार ड्राइविंग का अनुभव करवाता था। इसके बाद अप्रैल 2013 में इसके इंजन को एक 1.6 पेट्रोल को एक हाई-टेक, डायरेक्ट-इंजेक्शन टर्बो-पेट्रोल इंजन से बदल दिया गया जो कि ज़्यादा पावर और टॉर्क जेनरेट करने में सक्षम है। इसी साल सितंबर में 1.6 टीडीआई डीजल इंजन को पोलो के बोनट के नीचे टेलगेट पर जीटी टीडीआई बैज और एक मैनुअल गियरबॉक्स के साथ जोड़ा गया है। लेकिन यह GT TSI  जितना कामयाब नहीं हो सका।

जुलाई 2014 में 1.2 और 1.6 TDI  दोनों डीजल इंजनों को नई पीढ़ी के 1.5 TDI से बदल दिया गया। जबकि 2016 में इसे एक बार फिर से अपडेट करते हुए 192hpकी पावर जेनरेट करने वाले 1.8 TSI टर्बो-पेट्रोल इंजन के साथ 3-डोर वाली पोलो हैच के रूप में भारत में लाया गया और इसकी कीमत 25.99 लाख रुपये थी। जोकि स्टैंडर्ड हैचबैक के लगभग 3 गुणा ज्यादा थी। इसके बाद आखिरी बार 2020 में कंपनी द्वारा ब्रांड के पुराने पेट्रोल इंजन भी मानदंडों को पूरा करने में असमर्थ होने के कारण, नैचुरली एस्पिरेटेड (MPI) और टर्बोचार्ज्ड (TSI) रूपों में एक नए तीन-सिलेंडर 1.0-लीटर इंजन से बदल दिया गया था। जिसे केवल टीएसआई इंजन को केवल जीटी टीएसआई ही नहीं, बल्कि निचले वेरिएंट में भी जोड़ा गया।  


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Content Writer

Akash sikarwar

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