योगी सरकार की महिला मंत्री ने किया ‘बीयर बार’ का उद्घाटन

Tuesday, May 30, 2017 - 10:47 PM (IST)

हालांकि ‘भारतीय जनता पार्टी’ का शीर्ष नेतृत्व अपने सभी बड़े-छोटे नेताओं को विवाद पैदा करने वाले बयानों और कृत्यों से बचने की बार-बार नसीहत देता रहता है परंतु इसका उन पर कोई असर नहीं हो रहा तथा चंद नेता अक्सर अपने अविचारित बयानों और कृत्यों से पार्टी के लिए परेशानी का कारण बन रहे हैं।

गत वर्ष 20 जुलाई को उत्तर प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने मायावती के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी करके विवाद पैदा कर दिया कि: 
‘‘मायावती जी एक ...से भी बदतर चरित्र की हो गई हैं। वह टिकटों की बिक्री कर रही हैं...किसी को एक करोड़ में टिकट देती हैं और एक घंटे बाद कोई दो करोड़ रुपए देने वाला मिलता है तो उसे टिकट दे देती हैं। शाम को तीन करोड़ रुपए देने वाला मिलता है तो वह टिकट काट कर उसे दे देती हैं।’’ 

इस पर भारी बवाल मचा तथा बसपा कार्यकत्र्ताओं द्वारा लखनऊ व अन्य अनेक स्थानों पर उनके विरुद्ध ‘कुत्ता’ आदि अपशब्द लिखने, बड़े-बड़े पोस्टर लगाकर भद्दी टिप्पणियां करने और गालियां देने के अलावा भड़काऊ नारे लगाते हुए प्रदर्शन करने पर दयाशंकर कुछ समय के लिए ‘लापता’ हो गए तथा बाद में पार्टी ने उन्हें 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया। बसपा नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी (अब पार्टी से निष्कासित) ने दयाशंंकर की बहन तथा बेटी के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं जिससे आहत दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह ने बसपा के विरुद्ध मोर्चा संभाला था। 

स्वाति को उत्तर प्रदेश में चुनावों से ठीक पहले भाजपा के महिला मोर्चा की अध्यक्ष बनाया गया और बाद में पार्टी ने उन्हें सरोजिनी नगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़़वाया। इसमें विशेष रूप से महिलाओंं के सहानुभूति वोट मिलने के कारण स्वाति ने भारी बहुमत से विजय प्राप्त की जिसके पुरस्कार स्वरूप योगी आदित्यनाथ ने उन्हें अपनी सरकार में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बना दिया। अभी तक तो सब ठीक चल रहा था परंतु अचानक महिला एवं शिशु कल्याण मंत्री का दायित्व निभा रही स्वाति सिंह 20 मई को लखनऊ के फैशनेबल ‘गोमती नगर’ में ‘बी-द बीयर बार’ का उद्घाटन करके विवादों में आ गईं। यह ‘बीयर बार’ स्वाति सिंह की देवरानी की सहेली दीप शिखा सिंह का है। 

हालांकि इस समारोह के चित्र सोशल मीडिया पर वायरल होते ही शाम को ‘बीयर बार’ बंद कर दिया गया परंतु पता चला है कि यहां लोगों को अवैध रूप से शराब सर्व की जा रही थी क्योंकि इसे एक पार्टी के सिलसिले में सिर्फ 3 दिनों (20-22 मई) के लिए ही अनुमति दी गई थी। इस मुद्दे पर मचे बवाल के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए स्वाति सिंह से उनका स्पष्टीकरण मांग लिया है। 

इस समय जबकि बिहार में लागू शराबबंदी की भांति ही समूचे उत्तर प्रदेश में महिलाओं द्वारा शराबबंदी तथा शराब के ठेके बंद करने के लिए प्रदर्शन किए जा रहे हैं, ऐसे में स्वाति सिंह के उक्त पग ने पहले ही अनेक समस्याओं से जूझ रही योगी सरकार पर हमला बोलने का विपक्षी दलों को मौका उपलब्ध करवा दिया है तथा उन्होंने भाजपा सरकार की ‘चाल, चरित्र और चेहरे’ पर प्रश्र उठा दिए हैं। सपा के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी के अनुसार, ‘‘स्वाति सिंह द्वारा ‘बीयर बार’ के उद्घाटन ने भाजपा का असली चेहरा बेनकाब कर दिया है। चुनावों से पहले जो पार्टी बड़े-बड़े दावे कर रही थी और ‘राम राज्य’ लाने की बातें करती थी, सत्ता में आने के बाद सब कुछ भूल गई है।’’ 

आलोचकों का यह भी कहना है कि जिस प्रकार समारोह में स्वाति सिंह से लेकर ‘बार’ की मालिक और मेहमान भी सभी स्त्रियां ही दिखाई दे रही थीं, उससे संदेह पैदा होता है कि कहीं यह ‘बीयर बार’ महिलाओं के लिए तो नहीं खोला गया! नि:संदेह आज उत्तर प्रदेश के लोगों को योगी आदित्यनाथ की सरकार से बड़ी उम्मीदें हैं परंतु यदि उन्हें अपनी ऊर्जा इस प्रकार के विवादों को शांत करने में नष्टï करनी पड़ेगी तो वे प्रदेश के हालात सुधारने पर कैसे ध्यान दे पाएंगे। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है क्योंकि जब तक पार्टी हाई कमान तथा मुख्यमंत्री इन्हें रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई नहीं करेंगे, ऐसी घटनाएं पार्टी और सरकार की बदनामी व परेशानी का कारण बनती रहेंगी।—विजय कुमार  

Advertising