आखिर कब थमेगा महिला खिलाडिय़ों का यौन शोषण और निरादर

punjabkesari.in Saturday, Sep 24, 2022 - 02:20 AM (IST)

बलात्कार और यौन शोषण की बुराई समाज के हर क्षेत्र में फैलती जा रही है तथा खेल संस्थानों में भी पदाधिकारियों व कोचों द्वारा बलात्कार, यौन शोषण व उत्पीडऩ की शिकायतें आम हो गई हैं। हाल ही में भरतपुर में ‘मलखंभ’ की महिला खिलाडिय़ों के कथित शारीरिक उत्पीडऩ की घटना सामने आई है।यहां एकैडमी संभाल रहे ‘मलखंभ फैडरेशन ऑफ इंडिया’ के अध्यक्ष रमेश इन्दोलिया के विरुद्ध 7 नाबालिग लड़कियों और एक युवक ने शारीरिक उत्पीडऩ की शिकायत ‘दिल्ली मलखंभ फैडरेशन’ में की है।

रमेश इन्दोलिया के विरुद्ध इस वर्ष मई-जून में शिकायतों का दौर शुरू हुआ था तथा 18 सितंबर को दिल्ली में ‘मलखंभ फैडरेशन’ की एक बैठक में यह मुद्दा उठने के बाद रमेश इन्दोलिया ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। इस शर्मनाक एवं सनसनीखेज मामले के सामने आने के बाद ‘मलखंभ फैडरेशन’ ने सभी शिकायतों को लेकर एक जांच कमेटी का गठन कर दिया है जबकि भारतीय खेल प्राधिकरण ने इस संबंध में कठोर रवैया अपनाते हुए फैडरेशन के सभी वित्तीय अनुदान रोक दिए हैं। साथ ही पूरे मामले की जांच होने तक ‘मलखंभ फैडरेशन’ आफ इंडिया की मान्यता भी वापस ले ली है।

इस घटनाक्रम पर रमेश इंदोलिया का कहना है कि सभी आरोप झूठे हैं। बताया जा रहा है कि शिकायत करने वाली सभी लड़कियां राजस्थान के अलग-अलग जिलों की हैं। हालांकि इस पूरे मामले में अभी तक पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज होने की भी कोई जानकारी नहीं है। इससे पहले भी महिला खिलाडिय़ों के साथ आपत्तिजनक व्यवहार की शिकायतें आती रही हैं। कुछ ही महीने पहले तमिलनाडु में महिला खिलाडिय़ों ने प्रसिद्ध खेल कोच पी. नागराजन के विरुद्ध यौन उत्पीडऩ के आरोप लगाए थे। खिलाडिय़ों के अनुसार उनका इस तरह का शोषण कई वर्षों से होता आ रहा है और खेलों में ‘गुरु’ कहलाने वाले कोचों के ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां एक महिला खिलाड़ी का गुरु ही उस पर बुरी नजर डालता पाया गया परंतु कई बार सबूतों के अभाव में केस दबा दिए गए।

इसी प्रकार उत्तर प्रदेश के ओलिम्पिक संघ के महासचिव आनंदेश्वर पांडे  पर सशस्त्र सीमा बल (एस.एस.बी.) की पूर्व राष्ट्रीय हैंडबाल खिलाड़ी ने बलात्कार के प्रयास का आरोप लगाया है और इस संबंध में राजस्थान के भिवाड़ी थाने में उनके विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज भी की गई है। एफ.आई.आर. के अनुसार आनंदेश्वर ने दावा किया था कि उन्होंने बहुत सी लड़कियों को इंटरनैशनल प्लेयर बना दिया है। खिलाड़ी ने आरोप लगाया कि आनंदेश्वर पांडे ने उसे भी राष्ट्रीय से अंतर्राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी बनाने के लिए 2 साल तक शारीरिक संबंध बनाने की शर्त रखी थी और लखनऊ के के.डी. सिंह  बाबू स्टेडियम में लगे स्पैशल ट्रेनिंग कैम्प के दौरान उसका बलात्कार करने की कोशिश भी की थी।

इस बीच आनंदेश्वर पांडे जो इस समय भारतीय ओलिम्पिक संघ के कोषाध्यक्ष हैं, पर बॄमघम खेलों से जुड़ा एक अन्य मामला भी सामने आया है जिसके अनुसार पांडे ने एक वालंटियर महिला ड्राइवर की टी-शर्ट में हाथ डालने की कोशिश की थी जिसके बाद पांडे का परिवहन विशेषाधिकार (ट्रांसपोर्ट प्रिविलिजेस) रद्द कर दिया गया है। यौन शोषण के अलावा महिला खिलाडिय़ों के साथ अन्य प्रकार के उपेक्षापूर्ण व्यवहार की शिकायतें भी अक्सर मिलती रहती हैं।

इसी शृंखला में 16 सितम्बर को सहारनपुर स्थित डा. भीमराव स्पोर्ट्स स्टेडियम में सब जूनियर बालिका कबड्डïी प्रतियोगिता के दौरान खिलाडिय़ों को पहले ही दिन शौचालय में रखा हुआ अधपका भोजन खाने को दिया गया। निश्चय ही महिला खिलाडिय़ों के साथ इस तरह का अनुचित और अनादरपूर्ण व्यवहार उन्हें हतोत्साहित ही करेगा। लिहाजा इस तरह के मामलों की जल्द से जल्द जांच करके इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध त्वरित और सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है तभी इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सकता है।-विजय कुमार 


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