स्वतंत्रता के 72वें वर्ष में इस बार के अंतिम संबोधन में प्रधानमंत्री देशवासियों को क्या सौगात देंगे

punjabkesari.in Wednesday, Aug 15, 2018 - 03:14 AM (IST)

आज 15 अगस्त के दिन हाई अलर्ट के बीच हम स्वतंत्रता के 72वें वर्ष में ऐसे समय में प्रवेश कर रहे हैं जब देश के अनेक राज्यों में बाढ़ से भारी तबाही तथा जानमाल की भारी क्षति हुई है और कम से कम 774 लोग मारे गए और हजारों बेघर हो चुके हैं। 

बहरहाल, आज भी देश उन्हीं समस्याओं से दो-चार है जिन समस्याओं से वह अब तक ग्रस्त रहा था। स्वतंत्रता के 72वें वर्ष में भी स्तरीय शिक्षा और चिकित्सा की सुविधा नहीं है। आज भी लोगों को स्वच्छ पानी और लगातार बिजली उपलब्ध नहीं हो पा रही। महिलाओं और बच्चियों पर अत्याचारों की बाढ़ सी आई हुई है। देश में वर्ष 2017 में 33000 बलात्कार हुए और वृद्धाओं से लेकर दूध पीती बच्चियां तक इसकी शिकार हो रही हैं। 

दलित समुदाय को बुरे हालात का सामना करना पड़ रहा है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार पिछले 10 वर्षों में देश में दलित उत्पीडऩ में 66 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। देश में बुजुर्गों का सम्मान लगातार घट रहा है और संतानों द्वारा उपेक्षित बुजुर्गों के लिए वृद्धाश्रम खुलते जा रहे हैं। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा तो खूब चल रहा है और लड़कियां विभिन्न क्षेत्रों में आगे भी बढ़ रही हैं परंतु वैवाहिक झगड़े निरंतर बढ़ रहे हैं। देश में रोजगार के समुचित साधन उपलब्ध न होने के कारण युवाओं में पढऩे और रोजगार के लिए विदेश जाने और वहीं बस जाने की होड़ सी लगी हुई है। 

सत्तारूढ़ भाजपा और विरोधी दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शिखर पर है। जहां विरोधी दलों द्वारा सरकार पर एक भी वादा पूरा न करने का आरोप लगाया जा रहा है वहीं सरकार सारे वादे पूरे करने और देश में भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने का दावा कर रही है। राफेल मुद्दे पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विरोधी दलों का कहना है कि यू.पी.ए. के शासनकाल में सरकार ने एक विमान 540 करोड़ रुपए में खरीदा था लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार ने उसी एक विमान की खरीद के लिए फ्रांस की कम्पनी को 1600 करोड़ रुपए दिए। 

इस वर्ष पाकिस्तान 1432 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर चुका है जिससे हमारे 55 सुरक्षा बलों के जवानों और नागरिकों की मृत्यु हो चुकी है परंतु भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देने और सर्जिकल स्ट्राइक करने से पाकिस्तान की ओर से हमलों में कुछ कमी अवश्य आई है। अब पाकिस्तान में सरकार बदल गई है और इमरान खान के नेतृत्व में  वहां नई सरकार बनने जा रही है। आशा तो कम है परंतु हो सकता है कि नई सरकार के नेतृत्व में भारत-पाकिस्तान के संबंधों में कुछ सुधार आए। 

उपरोक्त स्थितियां निराशाजनक लगती हैं परंतु वास्तव में ऐसा है नहीं तथा देश आगे बढ़ रहा है। देश में जरूरत के अनुसार सड़कों को 6 लेन और 8 लेन वाली बनाया जा रहा है। ओवरब्रिज तथा बाईपास बनाए जा रहे हैं ताकि आवागमन में असुविधा कम हो। देश में कारों और अन्य वाहनों की बिक्री लगातार बढ़ रही है। भोजन और वेशभूषा में सुधार हुआ है। हर हाथ में मोबाइल और लोगों को रहने के लिए अच्छे मकान उपलब्ध हो रहे हैं। हमारी अर्थव्यवस्था विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। खेलों में हमने तरक्की की है और चीन के बाद हमारी सेना विश्व की दूसरी सबसे बड़ी सेना बन गई है। 

जिन राज्यों में सरकारें बदल-बदल कर आईं जैसे हिमाचल प्रदेश में, वहां खुशहाली आई है और हिमाचल प्रदेश केरल के बाद सम्पूर्ण साक्षरता दर वाला देश का दूसरा राज्य बन गया है। इसके साथ ही यदि संसद और विधानसभाओं का कार्यकाल अमरीका और इंगलैंड की तरह 4 साल का हो जाए तो देश की तरक्की में और तेजी आएगी। आने वाले कुछ समय के बाद 4 राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं और यह भी चर्चा शुरू हो गई है कि इसके बाद चुनाव आयोग को लोकसभा चुनाव के साथ 10 राज्यों के चुनाव करवाने को कहा जा रहा है। आशा करनी चाहिए कि आज जब पाठक यह लेख पढ़ रहे होंगे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले से अपने इस बार के अंतिम संबोधन में आने वाले चुनावों के दृष्टिïगत देशवासियों को कुछ नई रियायतें आदि देने की घोषणा भी करें।—विजय कुमार  


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Pardeep

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