‘भारत में वाहन दुर्घटनाओं का कहर’ ‘सड़कें हो रहीं खूनो-खून’

punjabkesari.in Friday, May 31, 2024 - 05:41 AM (IST)

विश्व में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों में अत्यधिक वृद्धि हुई है और इनमें से भी प्रत्येक 5 में से 1 मौत भारत में होने के कारण भारत को सड़क दुर्घटनाओं की राजधानी भी कहा जाने लगा है जिनमें परिवारों के परिवार तबाह हो रहे हैं। स्थिति की गंभीरता मात्र पिछले 12 दिनों की निम्र चंद घटनाओं से स्पष्ट है : 

* 18 मई को मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में केदारनाथ से दर्शन करके लौट रहे श्रद्धालुओं की कार मवेशियों से टकराने से बचाने की कोशिश में पलट जाने से उसमें सवार 2 महिलाओं की मौत व 11 अन्य घायल हो गए। 
* 23 मई को मध्य प्रदेश के इंदौर से चारधाम यात्रा के लिए आए तीर्थ यात्रियों की बस समराला के निकट एक ट्राले से टकरा जाने से 2 महिला श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई।
* 24 मई को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से माता वैष्णो देवी के दर्शनों को जा रहे श्रद्धालुओं की मिनी बस दिल्ली-जम्मू हाईवे पर दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से एक ही परिवार के 7 सदस्यों की मौत और 20 लोग घायल हो गए।  
* 24 मई को ही कर्नाटक के श्रद्धालुओं को लेकर अयोध्या आ रही एक मिनी बस के अयोध्या-प्रयागराज हाईवे पर एक ट्रक से टकरा जाने के कारण 3 श्रद्धालुओं की मौत और 14 घायल हो गए।
* 25 मई को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में एक कार के सड़क से फिसल जाने से पंजाब के 4 पर्यटकों की मौत तथा 3 घायल हो गए। 

* 26 मई रात को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के राजसर में एक सड़क दुर्घटना में एक कार और ट्रक की टक्कर में एक दम्पति और उनकी 7 वर्ष की बेटी के अलावा एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई।
* 26 मई को ही उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में सीतापुर से उत्तराखंड में मां पूर्णागिरि के दर्शनों को जा रहे श्रद्धालुओं की बस पर तेज गति से आ रहा डम्पर पलट जाने से 11 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। 
* 26 मई को ही हिसार के सैक्टर 27-28 मोड़ के निकट ट्रक से बचने के प्रयास में लड़की का रिश्ता करने आए परिवार की कार पलट जाने से  कार सवार दम्पति और 2 भाइयों सहित 5 लोगों की जान चली गई। 
* 28 मई को ही अलमोड़ा में एक सड़क दुर्घटना में रुड़की के एक परिवार के 3 सदस्यों की मृत्यु हो गई। 
* 29 मई को उत्तर प्रदेश के गोंडा में भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह के बेटे कर्ण भूषण सिंह के काफिले की एक गाड़ी ने 2 बाईक सवारों को रौंद दिया जिससे दोनों युवकों की मौत हो गई जबकि सड़क के किनारे बैठी एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। 

* 29 मई को ही महाराष्ट्र के सांगली जिले में एक कार के नहर में गिर जाने से एक ही परिवार के 6 सदस्यों की मौत हो गई। 
* 29 मई को ही फिरोजपुर के कस्बा मक्खू में सड़क पार करते समय एक दुकानदार को एक बस ने टक्कर मार दी जिससे उसकी मृत्यु हो गई। 
* 29 मई को ही दिल्ली में तेज रफ्तार बाईक गीता कालोनी फ्लाईओवर से लगभग 25 फुट नीचे गिर जाने से दो युवकों की मौत हो गई। 
* और अब 30 मई को जम्मू-पुंछ राष्ट्रीय राजमार्ग पर चौकी चौरा कालीधार मार्ग पर एक हृदय विदारक दुर्घटना में उत्तर प्रदेश के हाथरस से शिवखोड़ी जा रही तीर्थयात्रियों की स्लीपर बस ड्राईवर द्वारा तीखे मोड़ पर संतुलन न रख पाने के कारण 5-6 पलटियां खाकर 200 फुट की गहरी खाई में गिर जाने से 22 तीर्थ यात्रियों की मौत और 64 तीर्थ यात्री घायल हो गए। 

निश्चय ही यह दुर्घटनाएं अत्यंत दुखद हैं। इस तरह की दुर्घटनाओं से मरने वालों के जीवन की डोर तो असमय टूटती ही है, इनके चलते अनाथ, विधवा और बेसहारा हो जाने वाले बच्चों, महिलाओं और बूढ़े माता-पिता का जीवन भी नरक बन जाता है। अत: इनसे बचाव के लिए वाहन चालकों को प्रत्येक स्तर पर सावधानी बरतने की आवश्यकता है। दुर्घटनाओं के कारणों में सड़कों की खस्ता हालत, खुले मैनहोल, यातायात नियमों का उल्लंघन, शराब पीकर या अनियंत्रित गति से गाड़ी चलाना, लगातार अधिक समय के लिए बिना रुके या बिना पूरी नींद लिए वाहन चलाना शामिल है। अत: इन्हें रोकने के लिए कुछ अवधि के बाद ड्राईवर को आराम दिलाना, उसका मुंह आदि धुलवाना और लम्बा सफर होने पर एक अतिरिक्त ड्राईवर साथ लेकर चलना चाहिए।—विजय कुमार 


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