अब पंजाब के गांवों में नारी सशक्तिकरण की ‘अनूठी पहलें’

punjabkesari.in Tuesday, Jan 16, 2018 - 12:31 AM (IST)

बेटियों को आगे बढ़ाने और समाज की पुरुष प्रधान मानसिकता में बदलाव लाने की कोशिशों के तहत हरियाणा के जींद जिले के बीबीपुर गांव के लोगों ने 2015 में पहल करते हुए लैंगिक विषमता दूर करने तथा कन्या भू्रण हत्या के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए महिलाओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उक्त गांव की पंचायत ने अपने घरों के आगे बेटियों की नेम प्लेट लगवाने का सिलसिला शुरू किया था।

इसी प्रकार हरियाणा में हिसार जिले के कुछ गांवों में भी महिलाओं ने घर की मुखिया के रूप में अपना दावा पक्का करने के लिए घर के बाहर नेम प्लेट पर पति के नाम के साथ अपना नाम भी लिखवाना शुरू किया है।

अब इसी नक्शेकदम पर पंजाब में पहली बार भटिंडा जिले के छोटे से गांव हिम्मतपुरा में भी मकानों के बाहर महिलाओं का नाम लिखने का सिलसिला शुरू हुआ है। पंचायत के एक सदस्य ने सभी 62 मकानों के बाहर लगाने वाली नेम प्लेटें बनवाने के लिए 10,000 रुपए दिए हैं।

पंचायत ने एक फंड भी शुरू किया है जिसके अंतर्गत इस वर्ष लोहड़ी से विवाह पर कन्या को 5100 रुपए और कन्या संतान के जन्म पर 1100 रुपए शगुन देने के अलावा शिक्षा, खेल-कूद या अन्य किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टï प्रदर्शन करने वाली लड़कियों को सम्मानित करने का निर्णय लिया है।

गांव की 55 प्रतिशत आबादी महिलाओं की है व 6 सदस्यीय पंचायत की प्रमुख भी एक महिला मलकीत कौर हैं। गांव वासी इन बदलावों से उत्साहित हैं। महिलाएं खुश हैं कि यह बदलाव पुरुषों के सहयोग से ही आ रहा है।

इसी प्रकार बरनाला जिले के सहजरा व चन्नणवाल गांवों में 4 खिलाडिय़ों के सम्मान में साइन बोर्ड लगाए गए हैं। जिला प्रशासन ने गलियों का नाम पढ़ाई या खेलों में श्रेष्ठï प्रदर्शन करने वाली कन्याओं के नाम पर रखने की बात कही है।

आज जबकि समाज में महिलाओं के विरुद्ध अपराध बढ़ रहे हैं, नारी सशक्तिकरण की दिशा में उठाए जाने वाले ये नन्हे कदम भी बहुत अहमियत रखते हैं। आशा करनी चाहिए कि इन प्रयासों से नारी सशक्तिकरण को नई दिशा मिलेगी तथा अन्य स्थानों पर भी ऐसे ही अभियान शुरू होंगे।     —विजय कुमार 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News